लोकसभा चुनाव: बिहार में अंतिम दो चरण में तय होगा पांच केंद्रीय मंत्रियों का भविष्य
बिहार में लोकसभा चुनाव के लिए दो चरण में मतदान होना बाकी है लेकिन इन दो चरण में पांच केंद्रीय मंत्रियों का राजनीतिक भविष्य तय होगा। जानिए इस स्पेशल रिपोर्ट में...
पटना [एसए शाद]। अंतिम दो चरण का चुनाव प्रदेश में भाजपा के लिए इस कारण अहम है, क्योंकि 16 सीटों में से नौ पर इसके प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। इससे भी अहम बात भाजपा के लिए यह है कि इन नौ सांसदों में से पांच केंद्र सरकार में मंत्री हैं। इनकी किस्मत का फैसला 12 और 19 मई को होना है। अब तक केवल एक ही मंत्री गिरिराज सिंह के संसदीय क्षेत्र में चौथे चरण में चुनाव संपन्न हुआ है।
फायर ब्रांड नेता गिरिराज सिंह को भाजपा ने इस बार बेगूसराय से प्रत्याशी बनाया था। जेएनयू छात्र संघ के पूर्व
अध्यक्ष कन्हैया कुमार के यहां से चुनाव लड़ने के कारण इस सीट के नतीजे पर देश भर की निगाहें टिकी हैं। इधर, भाजपा के लिए प्रदेश की हर सीट अहम है, क्योंकि जिन पांच राज्यों ने 185 में से 167 सीटें दी थीं, उनमें
बिहार भी शामिल था।
अन्य चार राज्य उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और राजस्थान थे। साथ ही भाजपा और जदयू, दोनों ने ही समान संख्या में प्रत्याशी उतारे हैं। पिछले चुनाव में भाजपा के 22 उम्मीदवार जीते थे। भाजपा की कोशिश होगी कि इस बार भी पार्टी अन्य दलों से अधिक स्कोर करे।
छठे चरण में राधामोहन
केंद्रीय मंत्रियों के चुनाव पार्टी की प्रतिष्ठा से जुड़े हैं। छठे चरण में केवल एक मंत्री राधामोहन सिंह मैदान में हैं।वह भाजपा के 2006-2009 के दौरान प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वह पांच बार लोकसभा का चुनाव जीत चुके हैं और छठी बार फिर पूर्वी चंपारण से किस्मत आजमा रहे हैं।
उनके खिलाफ कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के पुत्र आकाश सिंह रालोसपा के टिकट पर मैदान में हैं। 32 वर्षीय आकाश सिंह पहली बार चुनाव मैदान में हैं।
सातवें चरण में चार मंत्री
सातवें चरण में जिन चार मंत्रियों के भाग्य का फैसला होगा, उनमें रामकृपाल यादव, रविशंकर प्रसाद, आरके सिंह और अश्विनी कुमार चौबे शामिल हैं। रामकृपाल यादव पहली बार 1993 में पटना से लोकसभा का चुनाव जीते थे। इस सीट पर उनकी 1996 और 2004 में भी जीत हुई थी।
2014 में वे पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र से भाजपा टिकट पर चुनाव जीते। 2009 में उन्होंने यह सीट राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के लिए छोड़ दी थी। 2014 में वह राजद छोड़ भाजपा में शामिल हो गए और लालू प्रसाद की पुत्री मीसा भारती को शिकस्त दी। इस बार भी उनका मुकाबला मीसा भारती से है।
रविशंकर प्रसाद पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। वह 2000 से 2018 तक लगातार तीन बार राज्यसभा
के सदस्य रहे हैं। चौथी बार उन्हें पिछले वर्ष राज्यसभा का सदस्य बनाया गया है। राज्यसभा में उनका कार्यकाल अभी करीब पांच वर्ष बाकी है, मगर पार्टी ने उन्हें भाजपा छोड़ कांग्रेस का दामन थामने वाले शत्रुघ्न सिन्हा के खिलाफ पटना साहिब से उम्मीदवार बनाया है।
पूर्व केंद्रीय गृह सचिव आरके सिंह पिछला चुनाव आरा से जीते तो केंद्र में उन्हें भी मंत्री बनाया गया। इस बार उनके खिलाफ भाकपा (माले) के राजू यादव मैदान में हैं। राजू यादव महागठबंधन के उम्मीदवार हैं। भागलपुर
से पांच बार विधायक रहे अश्विनी कुमार चौबे ने पिछला लोकसभा चुनाव बक्सर से लड़ा और जीत दर्ज की।
वह एक बार फिर बक्सर से प्रत्याशी हैं। उनका मुकाबला राजद के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह से है। केंद्रीय मंत्रिमंडल में हालांकि बिहार से आठ मंत्री शामिल थे, मगर उपेंद्र कुशवाहा ने कुछ माह पूर्व इस्तीफा दे दिया। वहीं, केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं।
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