वैशाली के पांच स्कूलों ने बिहार बोर्ड को दिखाया ठेंगा, मैट्रिक की सेंटअप परीक्षा में सामने आई मनमानी
वैशाली जिले के आधा दर्जन विद्यालय के प्रधान का वेतन रोक किया गया शो-काज दसवीं की जांच परीक्षा का प्रश्न पत्र एवं गोपनीय सामग्री प्राप्त नहीं करने पर कार्रवाई प्रश्न पत्र एवं गोपनीय सामग्री प्राप्त नहीं करने को लेकर प्रारंभ नहीं हो सकी जांच परीक्षा
महुआ (वैशाली), संवाद सहयोगी। Bihar Board News: वैशाली जिले के छह स्कूलों के हेडमास्टरों ने बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की तैयारी को पलीता लगा दिया। दरअसल, पिछले कुछ वर्षों से मैट्रिक की सेंटअप परीक्षा की निगरानी समिति के स्तर से हो रही है। इसके लिए समिति के स्तर से ही प्रश्नपत्र और अन्य सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। इस परीक्षा को पास करने वाले ही बोर्ड परीक्षा में शामिल हो सकते हैं। लेकिन वैशाली के छह स्कूलों में सेंटअप परीक्षा हो ही नहीं सकी। इन स्कूलों के प्रधानाध्यापकों ने समिति के स्तर पर भेजे गए दसवीं की जांच परीक्षा के प्रश्न पत्र एवं गोपनीय सामग्री प्राप्त ही नहीं की।
ऐसा करने वाले विद्यालयों के प्रधान का वेतन रोकते हुए जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी से शो-काज किया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी के स्तर पर की गई इस कार्रवाई को लेकर हड़कंप मच गया है। कहा गया है कि संतोषजनक जवाब नहीं देने वाले विद्यालयों के प्रधान के खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
वैशाली के जिला शिक्षा पदाधिकारी समर बहादुर सिंह ने जिले के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय पानापुर सिलौथर, उत्क्रमित उच्च विद्यालय सुपौल टरिया, उत्क्रमित उच्च विद्यालय रामपुर खैरी, उत्क्रमित उच्च विद्यालय डीह बिजौली, ग्रामोदय उच्च विद्यालय फतेहपुर अफजलपुर एवं संजय सिंह प्लस टू उच्च विद्यालय दिग्घीकलां हाजीपुर के प्रधान का वेतन तत्काल रोकते हुए शो-काज किया है। इन विद्यालयों के प्रधान पर आरोप है कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के स्तर पर 12 से 20 नवंबर तक आयोजित दसवीं की जांच एवं प्रायोगिक परीक्षा का प्रश्नपत्र एवं अन्य गोपनीय सामग्री प्राप्त नहीं किया।
कहा गया है कि निर्देश के बावजूद प्रश्नपत्र एवं अन्य गोपनीय सामग्री प्राप्त नहीं करने के कारण इन विद्यालयों के छात्रों की जांच परीक्षा प्रारंभ नहीं हो सकी। इसे लेकर यह सख्त कदम उठाया गया है। बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के स्तर पर दसवीं के छात्रों के लिए जांच एवं प्रायोगिक परीक्षा का आयोजन किया गया है। इसके लिए सभी विद्यालय प्रधान को बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के स्तर पर प्रश्न पत्र एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराई गई थी। उक्त विद्यालय के प्रधान ने सामग्री को रिसीव नहीं किया। जिसको लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सख्त कदम उठाते हुए विद्यालयों के प्रधान का वेतन रोकने का आदेश निर्गत करते हुए शो-काज किया है।