खत्म होगी आर्थिक परेशानीः 25 करोड़ तक के कर्जदार भी ले सकेंगे 5 करोड़ लोन, जानें स्कीम
लॉकडाउन में कारोबार को लेकर आर्थिक परेशानी को दूर करने के लिए अब बैंकों ने स्पेशल स्कीम लाई है। जानें कैसे आप इस योजना का फायदा ले सकते हैं।
पटना, जेएनएन। कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लॉकडाउन में कारोबार को लेकर आर्थिक परेशानी को दूर करने के लिए अब बैंकों ने स्पेशल स्कीम लाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से घोषित कोरोना रिलीफ के तहत 'गारंटेड इमरजेंसी क्रेडिट लाइन' स्कीम आरंभ की गई है। इसके तहत बैंकों ने 29 फरवरी तक कुल बकाया का 20 फीसद तक ग्राहक ऋण ले सकते हैं। इसपर अधिकतम ब्याज दर 7.5 फीसद रहेगा। इसके तहत एसबीआइ ने बिहार झारखंड के 50431 ऋणधारकों की पहचान की है।
केंद्र सरकार की ओर से गारंटी
एसबीआइ के मुख्य महाप्रबंधक महेश गोयल ने बताया कि 25 करोड़ तक के कर्जदार को पांच करोड़ तक का और ऋण मिल सकता है। इसके लिए गारंटी केंद्र सरकार की ओर से दी गई है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने एमएसएमई सेक्टर में 20 हजार लोगों के बीच ऋण बांटी है। अब जीईसीएल स्कीम के तहत अतिरिक्त ऋण की स्वीकृति दी जा रही है।
40 लाख तक में नहीं चाहिए जीएसटी
इंडियन बैंक के एजीएम राजीव कुमार रॉय ने बताया कि बैंक के एमएसएमई सेक्टर के लिए जिन-जिन लोगों का ऋण है, उनका 20 फीसद अतिरिक्त ऋण का प्रोविजनल अनुमोदन कर दिया गया है। बिहार में एमएसएमई ऋण लगभग छह हजार लोगों के पास होगा। कुछ लोगों को डॉक्यूमेंटेंशन कराने के लिए कहा गया है। 40 लाख तक जीएसटी नहीं चाहिए। जहां जीएसटी चाहिए, वहां के लिए जीएसटी नंबर चाहिए।
नए ऋण के लिए भी परियोजना बना करें आवेदन
कोरोना के बाद चुनौती को अवसर में बदलने के लिए लघु उद्योग स्थापित किया जा सकता है। इसके तहत बैंकों की ओर से ऋण देने की प्रक्रिया आरंभ कर दी गई है। फ्रेश लोन एमएसएमई के लिए 10 लाख के ऋण के लिए सुरक्षा जमा की जरूरत नहीं है। इसमें प्रोजेक्ट रिपोर्ट के आधार पर ऋण दिया जाता है। पीएमईजीपी के तहत 25 लाख तक का ऋण मुहैया कराई जाती है। इसका ब्याज दर 7.5 से 9.5 तक ब्याज दर हो सकता है। इसमें सरकार की ओर से 25 से 35 फीसद तक सब्सिडी दी जाती है। एसबीआइ में 50 लाख तक ऋण के लिए ब्रांच में आवेदन जमा करें। जहां फील्ड अफसर जांच कर आगे की कार्रवाई करेंगे।