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Ghosi Election 2020 : घोसी विधानसभा सीट पर जदयू व माले में होगा घमासान भाजपा के बागी बिगाड़ सकते हैं समीकरण

Ghosi Election News 2020 घोसी विधानसभा सीट जिले की चर्चित सीटों में से एक है। पिछले चुनाव में एक परिवार का एकाधिकार यहां टूटा। हालांकि इस बार जदयू ने उसी परिवार के पूर्व विधायक को प्रत्‍याशी बनाया है। उनके मुकाबले महागठबंधन से माले प्रत्‍याशी मैदान में हैं।

By Bihar News NetworkEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 01:21 PM (IST)Updated: Wed, 28 Oct 2020 09:50 PM (IST)
Ghosi Election 2020 : घोसी विधानसभा सीट पर जदयू व माले में होगा घमासान भाजपा के बागी बिगाड़ सकते हैं समीकरण
रामबली सिंह यादव औऱ राहुल कुमार। जागरण आर्काइव।

जेएनएन, जहानाबाद। जिले की पूर्वी क्षेत्र में स्थित एक महत्वपूर्ण विधानसभा सीट घोसी का गठन हुलासगंज प्रखंड, घोसी प्रखंड, मोदनगंज प्रखंड के अलावा काको प्रखंड की आठ पंचायतों को मिलाकर किया गया है। यहां से 11 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं। राजग से जदयू प्रत्याशी के रूप में पूर्व सांसद डॉ जगदीश शर्मा के पुत्र राहुल कुमार खड़े हैं। खास बात यह कि पिछले चुनाव में जदयू प्रत्याशी से शिकस्‍त खाने वाले राहुल कुमार इस बार जदयू के ही प्रत्याशी हैं। उधर महागठबंधन से माले प्रत्याशी रामबली सिंह यादव मैदान में हैं। लोजपा ने राकेश कुमार सिंह को अपना प्रत्याशी बनाया है। मतदान के बाद सभी प्रत्‍याशियों की बैचनी बढ़ गई है। प्रत्‍याशियों का अब चुनाव परिणाम का इंतजार है।

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एक ही परिवार का 38 वर्षों तक रहा कब्जा

घोसी विधानसभा सीट पर एक ही परिवार का 38 वर्षों तक कब्जा रहा। जगदीश शर्मा लगातार आठ बार विधायक चुने गए। इसके बाद उनकी पत्नी और पुत्र यहां से निर्वाचित हुए। पिछले चुनाव में 2015 में इस परिवार का एकाधिकार टूटा जब जदयू के कृष्णनंदन वर्मा ने जीत हासिल की।  1977 में जनता पार्टी के टिकट पर जगदीश शर्मा यहां से विधायक चुने गए। जेपी लहर में डॉ जगदीश शर्मा जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे और उन्होंने रामाश्रय प्रसाद सिंह को पराजित किया। जेपी आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले डॉ जगदीश शर्मा को क्षेत्र के सभी लोग पहचानते भी नहीं थे। फिर भी उनपर लोगों ने भरोसा किया। तो वर्ष 1980 में भाजपा के टिकट पर चुनाव लडऩे वाले जगदीश शर्मा को फिर विधानसभा में भेज दिया। 1985, 1990 और 1995 में वे कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े और सफलता मिली। वर्ष 2000 और 2005 के फरवरी में वे निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े। तब भी जनता का समर्थन उन्हें मिला। 2005 अक्टूबर के चुनाव में वे जदयू प्रत्याशी के रूप में  विधानसभा पहुंचे। वर्ष 2009 में वे सांसद बन गए। इसके बाद मध्यावधि चुनाव हुआ जिसमें उनकी पत्नी शांति शर्मा निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत गईं। उनके पुत्र राहुल कुमार 2010 के चुनाव में जदयू प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे और सफलता हासिल की। हालांकि 2015 के चुनाव में वे हम प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े। लेकिन उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा।

रामचंद्र यादव थे पहले विधायक

वर्ष 1952 में हुए पहले विधानसभा चुनाव में रामचंद्र यादव विधायक चुने गए थे। उस समय जहानाबाद तथा घोसी संयुक्त विधानसभा था। फिर वर्ष 1962 में कांग्रेस के मिथिलेश्वर प्रसाद ङ्क्षसह को जनता ने चुना तो 1967 में भाकपा के रामाश्रय प्रसाद ङ्क्षसह जीते। हालांकि वर्ष 1969 में रामाश्रय प्रसाद ङ्क्षसह को कांग्रेस के कौशलेंद्र नारायण ङ्क्षसह ने पराजित कर दिया। लेकिन वर्ष 1972 में फिर भाकपा के टिकट पर रामाश्रय प्रसाद ङ्क्षसह चुनाव लड़े और जीते भी।

अब तक विधायक

1952 रामचंद्र यादव निर्दलीय

1962मिथलेश्वर प्रसाद सिंह कांग्रेस

1967 रामाश्रय प्रसाद सिंह सीपीआइ

1969 कौशलेंद्र प्रताप नारायण सिंह कांग्रेस

1972 रामाश्रय प्रसाद सिंह सीपीआइ

1977जगदीश शर्मा जनता पार्टी

1980 जगदीश शर्मा भाजपा

1985 जगदीश शर्मा कांग्रेस

1990 जगदीश शर्मा कांग्रेस

1995 जगदीश शर्मा कांग्रेस

2000 जगदीश शर्मा निर्दलीय

2005 (फरवरी) जगदीश शर्मा निर्दलीय

2005 (अक्टूबर) जगदीश शर्मा जदयू

2009 उपचुनाव शांति शर्मा निर्दलीय

2010 राहुल कुमार जदयू

2015 कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा जदयू


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