Fight Against Corona: मुश्किल दौर में महानायक बने ये लोग, PM नरेंद्र मोदी तक की गई नजर
Fight Against Corona देश कोरोना से जंग लड़ रहा है। कुछ लोग अपने काम के बल पर इस जंग के नायक बनकर उभरे हैं। इनमें समाज के हर वर्ग के लोग शामिल हैं। आइए डालते हैं उनपर नजर।
पटना, जागरण टीम। कोरोना से जंग में आज हर आदमी सैनिक है। यहां सबकी अपनी-अपनी जंग है, लेकिन कुछ लोग दूसरों के लिए भी जी रहे हैं। मुश्किल दौर के इन महानायकों में समाज के अंतिम पायदान पर खड़े अंतिम संस्कार करने वाले समुदाय से लेकर समाज की मुख्य धारा से दूर के किन्नर तक शामिल हैं। इनमें कच्ची उम्र के वे बच्चे भी हैं, जो पॉकेट मनी के गुल्लक तोड़ कोरोना पीडि़तों की मदद को आगे आए हैं। इस जंग में शासन-प्रशासन के कुछ लोगों की लीक से हटकर की गई पहल भी चर्चा में है। एक महिला मुखिया की पहल पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक की नजर गई है।
शव जलाने वाला समुदाय दे रहा जिंदगी का बड़ा संदेश
कोरोना से जंग में समाज के निचले पायदान का वह समुदाय भी शामिल है, जिसकी जीवन की अंतिम यात्रा में बड़ी भूमिका होती है। इस समुदाय का नाता श्मशान से है। भागलपुर में शव जलाने के धंधे में लगे लालजी हरि कहते हैं, ''पता नहीं कोरोना क्या है। सर्दी-खांसी होती है और लोग मर जाते हैं। बचाव के लिए एक-दूसरे से दूरी रखनी है, बाहर नहीं निकलना है, लेकिन लोग यह भी नहीं कर रहे।'' लालजी और उनके समुदाय के लोग श्मशान घाट पर शवों के साथ आने वाले लागों को फिजिकल डिस्टेंसिंग को लेकर जागरूक कर रहे हैं। शव जलाने वाला यह समुदाय जिंदगी बचाने का संदेश दे रहा है।
भागलपुर की उमा देवी, शव जलाने वाले समुदाय हैं। वह भी लोगों को जिंदगी का संदेश दे रही हैं।
देखते बन रहा महिलाओं का भी हौसला
भागलपुर के बरारी में जैसे-तैसे रह रहे इस समुदाय की महिलाओं का हौसला भी देखते बनता है। समुदाय की उमा देवी कहती हैं कि अब नए-नए रोग आने लगे हैं। इस समय कोरोना का हल्ला है। इससे भी लड़ लेंगे। हरि मल्लिक व कारी मल्लिक बताते हैं कि फिलहाल उनके इलाके में सुविधा के नाम पर केवल ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव ही है। हां, वे अपने घरों के आसपास सफाई का पूरा ध्यान रख रहे हैं।
कोरोना से बचाव व सहायता को किन्नर भी आए आगे
किन्नर समुदाय आज भी समाज आज भी मुख्य धारा से दूर है, लेकिन मुश्किल घड़ी में समाज की मदद को आगे आया है। बिहार के सीतामढ़ी शहर के भावदेपुर वार्ड 21 में रहने वाले दो दर्जन किन्नरों ने लॉकडाउन में
गरीबों की समस्याओं देखते हुए कुछ करने का निर्णय लिया। उन्होंने एक टीम बना 'मिलकर कोरोना को हराना है' जागरूकता व सहायता अभियान की शुरुआत की। अभी तक वे सैकड़ों लोगों की मदद कर चुके हैं। वे मास्क, सैनिटाइजर, साबुन और खाने-पीने के सामान बांटते हैं। साथ ही लोगों से लॉकडाउन व फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करने और बार-बार हाथ धोने के प्रति जागरूक करते हैं।
आपदा की घड़ी में पहले भी किया सहयोग
किन्नर ज्योति व सान्या ने कहा कि समाज भले ही उपेक्षा करे, लेकिन उन्होंने समाज को अपना माना है। सीतामढ़ी के कार्यपालक पदाधिकारी दीपक कुमार झा का कहना है कि यह समुदाय आपदा की घड़ी में पहले भी बढ़-चढ़कर सहयोग करता रहा है।
कोरोना पर जीत में काम आएगी बच्चों की पॉकेटमनी
कोरोना से जंग को ले सहयोग की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर भागलपुर के बच्चे भी आगे आए हैं। वे अपनी पॉकेटमनी प्रधानमंत्री केयर फंड में भेज रहे हैं। भागलपुर के माउंट असीसी स्कूल में छठी के छात्र प्रीतम कुमार ने प्रधानमंत्री केयर फंड में पांच रुपये का दान दिया। सृष्टि, निधि, अनुष्का, स्नेहा सुमन, अश्विनी कुमार, प्रीति सागर, राधिका त्रिपाठी, श्वेतांक व सिद्धार्थ सिंह आदि ने पांच रुपये से लेकर 500 रुपये तक दान दिए हैं। ये रकम भले ही छोटी हो, पर इसके पीछे का भाव बड़ा है।
अनुष्का, सृष्टि, स्नेहा व उनके दोस्तों ने कहा कि उन्होंने पीएम के 'मन की बात' को गौर से सुना है। दो बार देश के नाम उनकी अपील से प्रभावित होकर पॉकेट मनी भेजी तथा वॉट्सएप ग्रुप बना दूसरों को भी इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं।
लॉकडाउन में बेसहारा जानवरों को करा रहीं भोजन
लॉकडाउन में आदमी तो किसी तरह भोजन का इंतजाम कर ले रहा है, लेकिन बेसहारा जानवर भूख से बेहाल हैं। मोतिहारी की अधिवक्ता ममता रानी उनकी सहायता को आगे आईं। उन्होंने जानवरों को रोटी देने की पहल की। फिर तो देखते-देखते विभिन्न मोहल्लों की चार दर्जन से अधिक महिलाएं बेसहारा जानवारों की सहायता को आगे आ गईं। मारवाड़ी महिला समिति की अध्यक्ष शिखा लोहिया व शांति समिति की प्रवक्ता बिंटी शर्मा भी उनमें शामिल हैं। उनका कहना है कि इन बेजुबान जनवरों की रक्षा की जिम्मेदारी हमारी भी है। पूर्वी चंपारण के जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. अजय चौधरी ने महिलाओं की पहल को सराहा।
लॉकडाउन में बेसहारा पशुओं की भी है चिंता। बेजुबान जानवरों को भेजन कराती बिंटी शर्मा।
पुलिस अधिकारी के गब्बर सिंह अंदाज पर फिदा लोग
लॉकडाउन के लिए पुलिस-प्रशासन की सख्ती के बीच एक पुलिस अधिकारी का फिल्मी अंदाज लोगों को खूब भा रहा है। फिल्मी डायलॉग व गानों के माध्यम से जीवन का संदेश देने वाले ये पुलिस अधिकारी हैं समस्तीपुर के मुसरीघरारी थाना प्रभारी विशाल कुमार सिंह। वे हर सुबह अपने विशेष अंदाज में शुरू हो जाते हैं। फिल्म 'शोले' का उनका डायलॉग खूब चर्चा में है। सहयोगी से पूछते हैं, ''अरे ओ सांभा... लॉकडाउन का पालन नहीं करनेवाले के ऊपर सरकार ने कितना जुर्माना रखा है रे?'' फिर सांभा बना कांस्टेबल कहता है, ''सरदार... जेल और हजारों का जुर्माना।'' वे चौक-चौराहों पर खड़े होकर लोगों को कोरोना वायरस और उसके संक्रमण की जानकारी देते हैं। इस दौरान गाने गाकर लोगों में उत्साह भी भरते हैं। उनकी इस पहल का असर है कि लोग खुद ही अनुशासित होकर लोग लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं।
बिहार के इस पुलिस अधिकारी के गब्बर अंदाज पर फिदा हुए स्थानीय लोग।
मुखिया की पहल पर प्रधानमंत्री मोदी तक की नजर
सीतामढ़ी के सोनबरसा प्रखंड की सिंहवाहिनी पंचायत की मुखिया रितू जायसवाल की चर्चा के बिना कोरोना के योद्धाओं की चर्चा अधूरी रहेगी। उन्होंने कोरोना के प्रति जागरूकता की जो अनूठी पहल की है, उसपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक की नजर गई है। पीएमओ ने उनकी प्रशंसा की है। कोरोना से निपटने के लिए चल रही पहल में पीएमओ ने देश की जिन चार पंचायतों का जिक्र किया है, उनमें यह पंचायत भी शामिल है।
महिला मुखिया रितू जायसवाल द्वारा ग्रामीणों के साथ मिलकर किये गए प्रयास ने प्रधानमंत्री तक का मन जीत लिया है।
दीवारों पर लिखे कोरोना से लड़ने के नारे
पंचायत की दीवारों पर कोरोना से लड़ने के लिए नारे लिखे गए हैं। उन्हें ग्रामीणों ने खुद तैयार किया है। सोशल मीडिया से भी नारे लिए गए हैं। कोरोना के प्रति जागरूकता के लिए 'खुले में शौच न जाएं', 'यत्र-तत्र न थूकें', आदि को लेकर अपील की जा रही है। शराब बंदी के स्लोगन भी बिजली के खंभों पर लिखे गए हैं। सैनिटाइजेशन हो रहा है, मास्क भी बनवाए और खरीदे जा रहे हैं। मुखिया रितू जायसवाल कहती हैं कि ग्रामीणों के साथ मिलकर किया गया प्रयास भारत सरकार को भा गया।