बिहारः एसपी का पैर पकड़कर गिड़गिड़ाता रहा पिता, दो माह जेल काटने के बाद पुत्र साबित हुआ निर्दोष
आखिर दो महीने बाद पिता की जीत हुई और बेटे को इंसाफ मिला। मामला बक्सर का है। हत्या के एक मामले में पुलिस ने दो महीने बाद आरोपित को निर्दोष मान लिया है। हालांकि अभी उसे रिहाई नहीं मिली है।
जागरण संवाददाता, डुमरांव (बक्सर): आखिर दो महीने बाद पिता की जीत हुई और बेटे को इंसाफ मिला। मामला बक्सर का है। दो अप्रैल को जब अनुमंडल क्षेत्र के मुरार थाना में दिव्यांग रवि सिंह की निर्मम हत्या मामले की जांच के लिए पुलिस कप्तान नीरज कुमार सिंह पहुंचे। मुरार पुलिस हत्या के मामले में अभियुक्त मानते हुए ओझा बरांव गांव से मथुरा साह के पुत्र भगवती साहू नामक युवक को गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही थी। मुरार थाने में एसपी के पहुंचने की सूचना पाकर वृद्ध मथुरा साहू थाना में पहुंच गए और पुलिस कप्तान का पैर पकड़कर अपने निर्दोष पुत्र को बचाने के लिए गिड़गिड़ाते रहे लेकिन पुलिस पर इसका कोई असर नहीं पड़ा, और युवक को जेल भेज दिया गया। दो महीने बाद अब पता चला कि युवक को उसके भाइयों ने फंसाया था। थाना प्रभारी मनोरंजन प्रसाद ने कहा है कि भगवती निर्दोष है, उसे रिहा करने की प्रकिया चल रही है।
मां के बयान पर अभियुक्त
मामले के समय मुरार पुलिस का यह तर्क था कि मृतक की मां के बयान पर भगवती साहू नामजद अभियुक्त है, इसलिए पुलिस के पास जेल भेजने के सिवाय दूसरा कोई विकल्प भी नहीं था। फिलहाल पिछले दो माह से गरीब परिवार का यह युवक जेल की चारदीवारी में बंद है। इधर, इसका वृद्ध पिता इसके बाल-बच्चों का भरण पोषण जैसे तैसे कर रहे हैं। इस हत्या की घटना में नया मोड़ आने के बाद पूरे इलाके में अनेक तरह की चर्चाएं हवा में तैरने लगी हैं। रविवार को अनुमंडल मुख्यालय में इस मामले का उद्भेदन करते हुए पुलिस द्वारा खुलासा किया गया कि दिव्यांग युवक रवि सिंह की हत्या संपत्ति हड़पने के लिए उसके सगे भाई छोटू उर्फ ओमप्रकाश सिंह ने तीन अपराधियों के साथ मिल कर की। हालांकि अभी भगवती के जेल से बाहर आने का इंतजार है।
क्या है मामला
मुरार थाना क्षेत्र के फफदर गांव निवासी स्वर्गीय सुरेंद्र सिंह के पुत्र और दिव्यांग रवि सिंह अपने तीन भाइयों में सबसे बड़ा था। यह भरण पोषण के लिए चौगाईं में इलेक्ट्रिक दुकान चलाता था और पंखा मोटर बनाने का काम भी करता था। दिव्यांग रवि के सगे छोटा भाई छोटू उर्फ ओमप्रकाश सिंह जो पड़ोस के किसी गांव निवासी एक लड़की के साथ प्रेम प्रसंग में शादी करने के बाद पटना में कहीं किराए पर मकान लेकर रहता है। छोटू घर में हिस्सा मांगता था और अपने हिस्से की जमीन बेचना चाहता था, जिसका दिव्यांग युवक रवि सिंह लगातार विरोध कर रहा था। इसी को लेकर नाराज छोटू सिंह ने पटना में रहकर अपने ही गांव के मुन्ना सिंह, जितेंद्र सिंह से संपर्क कर अपने भाई की हत्या की प्लानिंग की। होली के सामान की खरीदारी कर घर जाते समय ईंट-पत्थर से वारकर इस की निर्मम हत्या की गई और शव को बगीचे के समीप कुएं में फेंक दिया गया। इस मामले में मृतक की मां के बयान पर भगवती साह के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई, जिसे त्वरित कार्रवाई करते हुए मुरार पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर जेल भेजा गया।
पुलिस भी मान रही है जेल में बंद आरोपी है निर्दोष
दो माह पहले हत्या मामले में भगवती साहू को जेल भेजते समय पुलिस भी इसी निर्दोष मान रही थी, लेकिन मृतक युवक की मां के बयान पर प्राथमिकी अभियुक्त होने के चलते पुलिस के समक्ष दूसरा कोई विकल्प भी नहीं था। थानाध्यक्ष मनोरंजन प्रसाद राय ने बताया कि जब इस मामले की सूक्ष्म स्तरीय तरीके से अनुसंधान किया गया तो इस घटना में नया मोड़ आया और संपत्ति हड़पने के लिए भाई के द्वारा हत्या करने की बात सामने आई तो पुलिस के होश उड़ गए।