टैग तो लग रहे पर फास्ट नहीं हो रही वाहनों की रफ्तार
टॉल टैक्स के लिए बने चेकपोस्टों पर जाम से मुक्ति के लिए फास्ट टैग को अनिवार्य रूप से लागू किए जाने में अभी जागरुकता जानकारी की कमी बाधक बन रही है।
पटना। टॉल टैक्स के लिए बने चेकपोस्टों पर जाम से मुक्ति के लिए फास्ट टैग को अनिवार्य रूप से लागू किए जाने में अभी जागरुकता और जानकारी की कमी बाधक बन रही है। फास्ट टैग को अनिवार्य करने के लिए देशव्यापी स्तर पर चरण-दर-चरण अभियान चलाए जा रहे हैं। जमीनी हकीकत यह है कि बिहार में टॉल से गुजरने वाले 60 फीसद से ज्यादा वाहन अभी तक बिना फास्ट टैग के हैं। टैग लग तो रहे हैं, पर अब तक महज 40 फीसद वाहन द्वारा ही उपयोग करने की वजह से टॉल पर कतार कम नहीं हो रहे। टॉल पर ध्वनि विस्तारक से लगातार फास्ट टैग की अनिवार्यता से संबंधित सूचना प्रसारित भी हो रही है। बावजूद इसके टॉल से गुजरने वाले अधिकतर वाहन सवार अब 'फास्ट टैग क्या है? कैसे लगता है? और फायदा क्या है?' जैसे सवाल ही पूछ रहे हैं। जिन्होंने फास्ट टैग लगवा भी रखी है, वे प्रयोग की सही और सटीक जानकारी के अभाव में 'फास्ट रफ्तार' का फायदा नहीं उठा पा रहे हैं। कुछ वाहन चालक कतिपय कंफ्यूजन की वजह से भी फास्ट टैग लगवाने से कतरा रहे हैं।
आलम यह है कि दीदारगंज टॉल पर अक्सर वाहनों की लंबी कतार लग जा रही है। यों तो छह जनवरी से दोनों तरफ से टॉल के चार-चार गेट सिर्फ फास्ट टैग वाहनों के लिए और दो-दो गेट नकद के लिए व्यवस्थित किए गए हैं। बुधवार से दोनों तरफ से मात्र एक-एक गेट बिना फास्ट टैग वालों के लिए कर दिया गया। बिना फास्ट टैग वाले नकद वाले गेट में तो लंबी कतार लग ही रही है, फास्ट टैग वाले गेट पर भी जाम लग जा रहा है। हो यह रहा है कि आगे वाले वाहन से बिना दूरी बनाए पिछला वाहन चेक प्वाइंट पर चला जा रहा है। जबकि सिस्टम के तहत दो वाहनों के बीच चार मीटर का फासला आवश्यक है। पर पीछे वाले वाहन चालक इस सिस्टम से अनभिज्ञ होने के कारण डिस्टेंस मेंटेन नहीं कर पा रहे, जिससे चेकपोस्ट काम नहीं कर पाता। ऐसी स्थिति में वाहन को पीछे करना पड़ता है। दूसरी समस्या यह हो रही है कि फास्ट टैग में राशि नहीं रहने पर भी चेक प्वाइंट तक पहुंच जा रहे वाहनों का टैग ब्लॉक हो जा रहा है। ऐसे में चेकपोस्ट नहीं खुलता। ऐसी स्थिति में भी पीछे वाले वाहन को भी फंस जाना पड़ता है और जाम सी स्थिति उत्पन्न हो जा रही है।
24 घंटे में वापसी पर मिलेगी रियायत
दूसरी तरफ सबसे बड़ा कंफ्यूजन है कि फास्ट टैग लगने के बाद 24 घंटे के भीतर वापसी होने पर मिलने वाला डिस्काउंट मिलेगा या नहीं? व्यावहारिक तौर पर यह स्पष्ट है कि टॉल से क्रास करने पर पहले तो एक तरफ की पूरी राशि कट जाएगी। चौबीस घंटे में वापसी पर स्वत: रियायत देकर राशि कटेगी। 20 किलोमीटर की परिधि में रजिस्टर्ड वाहन को मासिक पास के आधार पर मिलने वाली रियायत पूर्ववत जारी रहेगी। एक माह में 50 क्रॉसिंग के लिए यह रियायत मिलेगी। कार के लिए 265 रुपये, छह चक्का ट्रक के लिए 10,230 रुपये और दस चक्का के लिए 15,445 रुपये मासिक शुल्क देने पर रियायती पास मिलता है।
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' फास्ट टैग लगाने के कई फायदे हैं। जो लगवा भी रहे हैं, वे री-चार्ज नहीं करवाते। इससे चेक प्वाइंट पर इनका टैग ब्लॉक हो जाता है। नियमित री-चार्ज करवा लें। यह ध्यान रखें कि टॉल प्लाजा पर आगे के वाहन से कम से कम चार मीटर का डिस्टेंस मेंटेन हो। '
संजीव कुमार, व्यवस्थापक, दीदारगंज टॉल बूथ ' फास्ट टैग लगवाने में काफी समय लग जा रहा है। डेढ़ घंटे से इंतजार कर रहा हूं। ' प्रेम कुमार, वाहन सवार ' फास्ट टैग के लिए क्या करना पड़ता है, पता नहीं है। '
बीके झा, वाहन सवार