किसानों को खेती करने के लिए नहीं होगी दिक्कत, पीएसएस है न, फिर चिंता क्यों
बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी ने लोगों को पर्याप्त बिजली मुहैया कराने के लिए राज्य भर में 100 पीएसएस लगाने का निर्णय लिया है। इसके जरिये किसानों को ज्यादा से ज्यादा बिजली मुहैया कराने की योजना है।
पटना [जेएनएन]। बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी ने लोगों को पर्याप्त बिजली मुहैया कराने के लिए पॉवर सब स्टेशन (पीएसएस) पर जोर देने का निर्णय लिया है। कंपनी का मकसद यह है कि पीएसएस स्थापित होने से किसानों को ज्यादा राहत मिलेगी। इसके होने से खेत करने के लिए किसानों को ज्यादा से ज्यादा बिजली मुहैया कराना है।
बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी ने मिशन 100 पीएसएस आरंभ किया है। इस मिशन के तहत पद्रह अगस्त तक एक सौ नए पावर सब स्टेशन स्थापित किए जाने के लक्ष्य को मिशन मोड में पूरा किया जाना है। इसके लिए मॉनीट¨रग का नया सिस्टम तय किया गया है। पावर सब स्टेशन के निर्माण में लगी एजेंसियों को यह निर्देश दिया गया है कि दो शिफ्ट में काम को कराया जाए।
पहले ही ट्रासफार्मर को चार्ज कर लिया जाएगा
मिशन 100 पीएसएस के क्रियान्वयन को ले यह तय किया गया है कि जहा से सबधित पावर स्टेशन के ट्रासफार्मर के लिए तार को लाया जाना है वह पहले ही ले आया जाए। ट्रासफार्मर को चार्ज कर लिया जाए। इससे कार्यस्थल पर बिजली की समस्या भी हल हो जाएगी।
कृषि कार्य के लिए बिजली भी इन पीएसएस से उपलब्ध होगी
बिजली कंपनी के सबधित अधिकारियों ने बताया कि नए पीएसएस से खेती के लिए बिजली उपलब्ध कराया जाए इस बात को केंद्र में रखा गया है। सभी 38 जिलों के लिए 295 पीएसएस स्वीकृत हैं।
मई महीने में तेरह पीएसएस का लक्ष्य
आधिकारिक तौर पर मिली जानकारी के अनुसार मई महीने में तेरह पीएसएस निर्माण का लक्ष्य रखा गया था। छह मई को ऊर्जा महकमे ने इस मिशन को तय किया था। इस वजह से मई के लक्ष्य को अपेक्षाकृत कम रखा गया। इस बाबत बताया गया कि 27 मई तक 10 पीएसएस का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया था।
दो शिफ्ट में काम की हिदायत
मिशन 100 पीएसएस के तहत निर्माण एजेंसी को दो शिफ्ट में काम करना है। गर्मी की वजह से बिजली कंपनी ने निर्माण एजेंसी को यह निर्देश दिया है। पहली शिफ्ट सुबह छह बजे से साढ़े दस बजे तक होगी। इसके बाद शाम साढ़े तीन बजे काम कराया जाएगा।