Move to Jagran APP

गंगा में स्कॉर्पियो का सर्च ऑपरेशन बना चुनौती, नहीं मिला सुराग

महात्मा गांधी सेतु से 31 जुलाई की सुबह 5:22 बजे लोहे की बैरिकेडिंग तोड़कर गंगा में गिरी उजले रंग की स्कार्पियो का सुराग शुक्रवार को 11वें दिन भी नहीं मिल सका।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 11 Aug 2018 07:02 PM (IST)Updated: Sat, 11 Aug 2018 07:02 PM (IST)
गंगा में स्कॉर्पियो का सर्च ऑपरेशन बना चुनौती, नहीं मिला सुराग
गंगा में स्कॉर्पियो का सर्च ऑपरेशन बना चुनौती, नहीं मिला सुराग

पटना [जेएनएन]। आलमगंज थाना क्षेत्र के महात्मा गांधी सेतु के पाया संख्या-38 के समीप कट प्वाइंट पर 31 जुलाई की सुबह 5:22 बजे लोहे की बैरिकेडिंग तोड़कर गंगा में गिरी उजले रंग की स्कार्पियो का सुराग शुक्रवार को 11वें दिन भी नहीं मिल सका।

loksabha election banner

विशाखापट्टनम से पहुंची नेवी की आठ सदस्यीय टीम, उत्तराखंड एसडीआरएफ के पांच विशेषज्ञ और एनडीआरएफ के 52 सदस्यों की फौज आठ बोट और विशेष क्रेन की मदद से पानी में स्कॉर्पियो की टोह लेती रही।

घंटों प्रयास के बाद ऐसा कुछ भी हाथ नहीं लगा जिससे कि डूबे वाहन तक पहुंचा जा सके। गंगा में डूबी स्कॉर्पियो का रहस्य काफी गहरा गया है। खोजी टीम के लिए यह ऑपरेशन बड़ी चुनौती बन गया है वहीं प्रशासन के लिए काफी खर्चीला।

स्कार्पियो की खोज में लगाये गए आइडब्लूएआइ के एक जहाज में प्रति घंटा 40 लीटर डीजल की खपत हो रही है। प्रतिदिन छह से सात घंटे जहाज चल रहा है। तमाम कोशिशों के बाद भी यदि ऑपरेशन बेनतीजा रहा तो समीक्षा के दौरान कई सवाल खड़े होंगे। एसडीओ राजेश रौशन ने बताया कि शनिवार को भी सर्च ऑपरेशन जारी रहेगा।

गायघाट में लेफ्टिनेंट एसके सिंह के नेतृत्व में पहुंची आठ सदस्यीय नेवी टीम वोट से पाया संख्या-38 के समीप अत्याधुनिक सोनार सिस्टम से गंगा में लुप्त स्कार्पियो की खोजबीन करती रही। एनडीआरएफ टीम के सदस्यों के साथ उत्तराखंड एसडीआरएफ की पांच सदस्यीय एक्सपर्ट टीम के सदस्य सोनार सिस्टम से खोजबीन करते रहे। शाम तक सफलता नहीं मिल सकी। इस ऑपरेशन में लगाए गए विशेष क्रेन से भी कोई सुराग नहीं मिला।

नेवी की आठ सदस्यीय एक्सपर्ट टीम के प्रभारी लेफ्टिनेंट एसके सिंह ने बताया कि सोनार टेक्नोलॉजी से गंगा नदी की गहराई में मौजूद ऑब्जेक्ट्स का पता लगाने का प्रयास पाया संख्या-38 से लेकर काफी दूर तक किया गया। अत्याधुनिक सोनार तकनीक का उपयोग कर गंगा में डूबी उजले रंग के स्कार्पियो को ढूंढने के लिए हर संभव कोशिश किया जा रहा है। एक जगह थोड़ी संभावना बनी है।

एनडीआरएफ की वोट पर नेवी एक्सपर्ट टीम दोपहर बाद लैपटॉप द्वारा गंगा में सोनार सिस्टम से खोजबीन को ऑपरेट कर रही थी। उधर उत्तराखंड एसडीआरएफ की पांच सदस्यीय टीम एनडीआरएफ की दूसरी वोट पर गंगा में सोनार सिस्टम से खोजबीन करती रही।

नेवी टीम के सदस्यों ने सोनार सिस्टम की खूबी बताते कहा कि जब वह वेब सामने वाले ऑब्जेक्ट से टकराकर वापस आती है तब हम ट्रांस्मीटर से पता लगा लेते हैं कि सामने वाला ऑब्जेक्ट हमसे कितनी दूरी पर है। नेवी टीम के सदस्यों ने बताया कि पाया संख्या -38 पर गंगा की तेज धार होने के कारण अभियान में परेशानी हो रही है। नेवी के सदस्य पानी के अंदर सर्च ऑपरेशन में जुटे रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.