पटना [वेब डेस्क]। बिहारविद्यालय परीक्षा समिति के इंटर टॉपर घोटाले में एक नया खुलासा हुआ है। इंटर टॉपर्स घोटाले में आर्ट्स की टॉपर रही रूबी राय की आंसरशीट्स सामने आई हैं। रूबी ने ओरिजिनल कॉपी में शायरी लिखी थी। एक आंसरशीट में 101 फिल्मों के नाम लिखे थे। हिंदी की कॉपी में 300 बार तुलसीदासजी लिखा था।
एसआईटी ने आर्ट्स टॉपर रूबी राय की कॉपियों की एफएसएल जांच कराई तो कॉपी में रूबी की हैंडराइटिंग नहीं मिली। मतलब, परीक्षा में रूबी बैठी। उसने कॉपियां भी लिखीं पर जब राजेंद्रनगर बालक उच्च विद्यालय स्थित मूल्यांकन केंद्र तक कॉपियां आईं ताे बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष की मिलीभगत से उसे बदल दिया गया।
मनु महाराज ने किया कंफर्म
एक्सपर्ट ने रूबी के लिए जवाब लिखे थे। बता दें कि इसी साल जून में घोटाले का खुलासा होने पर रूबी का रिजल्ट रद्द कर दिया गया था। एक स्कॉलर ने रूबी के नाम से दूसरी कॉपियों में जवाब लिखा था। एसआईटी का नेतृत्व कर रहे एसएसपी मनु महाराज ने कहा कि रूबी की परीक्षा की उत्तर पुस्तिका और होमवर्क या बोर्ड के स्तर पर लिए गए टेस्ट की हैंडराइटिंग एक नहीं है।
परीक्षा हॉल में बैठी रहती थी रूबी रॉय
पुलिस को मिली एफएसएल की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। एसएसपी मनु महाराज ने इसे कन्फर्म किया है। रूबी राय ने अंग्रेजी की कॉपी में हिंदी में भी कुछ लिखा था। वह एग्जाम हाॅल में सिर्फ वक्त काटने के लिए जाती थी।
रूबी जिस इंटर कॉलेज में पढ़ती थी, उसका मालिक और टॉपर्स स्कैम का मास्टरमाइंड बच्चा राय रूबी के पिता का अच्छा दोस्त था। पिता ने बच्चा राय से अपनी बेटी को एग्जाम में मदद के लिए कहा था। बाद में बच्चा राय ने रूबी समेत कई स्टूडेंट्स की ओरिजिनल आंसरशीट्स में एक्सपर्ट्स से जवाब लिखवाए और स्टूडेंट्स को टॉपर्स की लिस्ट में शामिल करा दिया।
एेसे चलता था टॉपर बनाने का खेल
पुलिस के मुताबिक, राज्य में इस तरह से बच्चों को टॉप कराने का खेल काफी समय से चल रहा था। एजुकेशन माफिया अफसरों, नेताओं और अपने करीबियों के बच्चों को टॉप कराता था। रूबी राय इन्हीं में से एक थी।एग्जाम से पहले ऐसे बच्चों को सिलेक्ट कर लिया जाता था।
इस काम के लिए घर वालों से लाखों रुपए लिए जाते थे। बच्चे आम स्टूडेंट्स की तरह ही एग्जाम देने सेंटर पर जाते थे। परीक्षा सेंटर पर वह पूरे 3 घंटे बैठे रहते और कॉपी में कुछ न कुछ लिखते रहते थे, जिससे किसी को शक न हो। एग्जाम का वक्त खत्म होने के बाद चुपचाप कॉपी जमाकर चले जाते थे।
स्ट्राॅन्ग रूम में बदली जाती थीं कॉपियां
एग्जाम हाॅल में ड्यूटी दे रहे टीचर सभी बच्चों की कॉपियां स्ट्रॉन्ग रूम में जमा करा देते थे। इसके बाद एजुकेशन माफिया स्ट्रॉन्ग रूम से चुनिंदा स्टूडेंट्स की कॉपियां निकलवा कर अपने साथ ले जाते थे। किसी अज्ञात जगह पर ये लोग एक्सपर्ट से कॉपी लिखवाते थे।
एक एक्सपर्ट ब्लैकबोर्ड पर जवाब लिखता था और बाकी लोग उसको कॉपी में लिखते थे। माफिया के पास बिहार शिक्षा बोर्ड की खाली कॉपियां पहले से रहती थीं। सभी कॉपियां लिखने के बाद माफिया एक्सपर्ट की लिखी कॉपियां फिर से स्ट्रॉन्ग रूम में जमा करा देता था।
रूबी ने कहा था- मुझे नहीं पता कैसे कर गई टॉप
मामला सामने आने के बाद एसआईटी की पूछताछ में रूबी काफी इमोशनल हो गई थी। उसने कहा था- "साहब! हम देहात से हैं। हमें नहीं पता कैसे टॉप कर गए।" रूबी ने गुहार लगाई थी कि उसे कम से कम सेकंड डिवीजन से पास करवा दिया जाए।उसने कहा था कि वह सिर्फ पास होना चाहती थी, लेकिन घोटाले के मास्टरमाइंड बच्चा राय ने टॉप करा दिया।
बता दें कि स्कैम का खुलासा होने के बाद इसके आरोपी लालकेश्वर सिंह, उसकी पत्नी और बच्चा राय समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
रिव्यू टेस्ट में फेल हो गई थी रूबी
आर्ट्स की टॉपर रूबी ने पॉलिटिकल साइंस को प्रॉडिकल साइंस कहा था। रिव्यू टेस्ट में रूबी फेल हो गई थी। उसका रिजल्ट रद्द किया जा चुका है।रूबी को रिव्यू टेस्ट में फेल होने के तुरंत बाद अरेस्ट किया गया था। फिलहाल वह जमानत पर है
बोर्ड को देना होगा जवाब
अब एसआईटी एफएसएल की रिपोर्ट से बोर्ड को अवगत कराएगी और न्यायालय में अपना पक्ष रखेगी। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कड़े तेवर के बाद कोतवाली थाने में माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने टॉपर घोटाले की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। लालकेश्वर और बच्चा राय की बढ़ी मुसीबत मामले के खुलासे के बाद टेंडर घोटाले में भी नया मोड़ आएगा। लालकेश्वर और बच्चा राय के इशारे पर फर्जी तरीके से उत्तर पुस्तिका भी छपवाई जाती थी। एसएसपी ने कहा कि फर्जी उत्तर पुस्तिकाओं को उपयोग बच्चा राय बड़े पैमाने पर करता था। रिजल्ट गड़बड़ी करने के लिए फर्जी उत्तर पुस्तिकाओं को कई प्रिंसिपल और स्कूलों को दिया जाता था।