राजेन्द्रनगर टर्मिनल के बुकिंग काउंटर से बिक रहा जाली टिकट
दानापुर मंडल के राजेन्द्रनगर टर्मिनल पर बुकिंग काउंटर से ही जाली टिकट का कारोबार हो रहा है।
पटना । दानापुर मंडल के राजेन्द्रनगर टर्मिनल पर बुकिंग काउंटर से ही जाली टिकट का कारोबार शुरू हो गया है। पिछले दस दिनों में तीसरी बार जाली टिकट की खेप पकड़ी गई। सोमवार को तो पटना आरपीएफ की टीम ने बाकायदा पूरे मामले की तहकीकात करते हुए जाली टिकट से यात्रा कर रहे तीन यात्रियों को जेल भी भेज दिया है। इतना ही नहीं राजेन्द्र नगर टर्मिनल के जिस काउंटर संख्या 4 से टिकट लिया गया है उसके बुकिंग क्लर्क के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
इस संबंध में आरपीएफ इंस्पेक्टर वीएन कुमार ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि राजेन्द्र नगर टर्मिनल के बुकिंग काउंटर से जाली टिकट बेचा जा रहा है। पटना जंक्शन पर ट्रेन की जनरल बोगी में चेकिंग अभियान चलाया गया। चेकिंग के दौरान तीन लोगों को जाली टिकट के साथ यात्रा करते पकड़ा गया। पकड़े गए यात्रियों में जितेन्द्र सहनी, आमोद राय एवं संतलाल राय हैं। तीनों यात्रियों ने पूछताछ के दौरान बताया कि उन्होंने टिकट संख्या 32136285, .6284 एवं .6283 बुकिंग काउंटर संख्या चार से लिया था। टिकट पर राजेन्द्र नगर से नई दिल्ली लिखा है। राजेन्द्र नगर तो सही है परंतु नई दिल्ली दूसरे लेटर को मिटाकर बड़ी चतुराई से लिखा गया है। भाड़ा भी 275 रुपये किया गया है। इतना नहीं टिकट पर बुकिंग समय को भी मिटाकर 15.24 बजे किया गया है। जब उस सीरीज के टिकट का मिलान किया गया तो पता चला कि यह सुबह में ही बुकिंग काउंटर से राजेन्द्रनगर टर्मिनल से किउल के लिए जारी किया गया था। आरपीएफ की ओर से सीसीटीवी फुटेज भी देखा गया। फुटेज में तीनों को काउंटर से टिकट लेकर निकलते हुए दिखाया गया है। हालांकि आरपीएफ हर बिन्दु पर बारीकी से जांच कर रही है।
वहीं दूसरी ओर, दानापुर मंडल के वाणिज्य प्रबंधक विनीत कुमार ने बताया कि जाली टिकट का कारोबार बुकिंग से नहीं बल्कि बुकिंग के बाहर से किया जा रहा है। कोई बड़ा रैकेट इस धंधे में शामिल है। उन्हें जब इस धंधे की सूचना मिली तो टिकट निरीक्षकों को जनरल बोगी में सवार होने वाले यात्रियों के टिकट जांच करने का निर्देश दिया गया। इसी क्रम में टीटीई ने तीनों यात्रियों को जाली टिकट के साथ पकड़कर आरपीएफ के हवाले कर दिया। आरपीएफ ने तीनों को जेल भेज दिया। आरपीएफ मामले की जांच कर रही है। यह टिकट राजेन्द्रनगर टर्मिनल से कोईलवर के लिए बनाया गया था। : कैसे होता है यह कारोबार :
इस धंधे के सरगना सबसे पहले बुकिंग काउंटर से छोटी दूरी की टिकट लेते हैं। इसके बाद दो से तीन घंटे में इस टिकट के गंतव्य स्टेशन को सफाई से इरेज कर दिल्ली या लंबी दूरी की अन्य स्टेशनों का नाम डाल देते हैं। किराए को भी मिटाकर नया किराया डाला जाता है। इतना ही नहीं टिकट निर्गत करने वाले काउंटर नंबर व निर्गत समय को भी इरेज कर नया नंबर दे दिया जाता है। वापस इसे फिर से काउंटर क्लर्क के हवाले कर दिया जाता है। वहां से अनपढ़ यात्रियों के हाथ बेच दिया जाता है।
रेल अधिकारियों का मानना है कि टिकट काउंटर से निर्गत होता है परंतु यह शार्ट डिस्टेंस का होता है। यात्री टिकट लेकर बाहर निकल जाते हैं। वहां से किसी दलाल अथवा फ्रॉड के झांसे में पड़ जाते हैं। इसी कारण उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजने को कहा गया है।