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बिहारः फर्जी IPS का ऐसा रुआब कि दारोगा ने मारा सैल्यूट, एक लड़की के झांसे में पड़ खुल गई पोल

नालंदा में एक फर्जी आइपीएस को दबोचने में कामयाबी पाई है। पुलिस की गिरफ्त में आए शख्स का नाम सुजीत कुमार है। वह दीपनगर थाना क्षेत्र के कोरई गांव का रहने वाला है। उसे एक पीड़ित ने ही पैसे देने के नाम पर पकड़वा दिया।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 17 Apr 2021 05:28 PM (IST)Updated: Sat, 17 Apr 2021 05:28 PM (IST)
बिहारः फर्जी IPS का ऐसा रुआब कि दारोगा ने मारा सैल्यूट, एक लड़की के झांसे में पड़ खुल गई पोल
नालंदा में फर्जी आइपीएस सुजीत कुमार के पास से मिली वर्दी।

जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ: बिहार के नालंदा में फर्जी आइपीएस का ऐसा रुआब कि दारोगा भी चकमा खा गए। पिटाई की सूचना पर पहुंचे दारोगा ने फर्जी आइपीएस को देखकर सैल्यूट मार दिया। आखिर कुछ ही देर में उसकी पोल खुल ही गई। बिहार थाना पुलिस ने एक फर्जी आइपीएस को दबोचने में कामयाबी पाई है। पुलिस की गिरफ्त में आए शख्स का नाम सुजीत कुमार है। वह दीपनगर थाना क्षेत्र के कोरई गांव का रहने वाला है। प्रेस वार्ता में डीएसपी मो. डॉ. शिब्ली नोमानी ने बताया कि सुजीत की गिरफ्तारी थाना क्षेत्र के कागज़ी मोहल्ला से हुई है। वह एक पीड़िता के घर पर रेलवे में नौकरी की नियुक्ति पत्र लेकर आया था, जिसके एवज में उसने एक लाख रुपये की मांग की थी।

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पैसे देने के नाम पर पकड़ा

उन्होंने बताया कि पीड़िता व उसके मामा से सुजीत ने पहले ही करीब 11 लाख 40 हजार ठग लिया था, इसलिए पीड़िता ने प्लानिंग के तहत आरोपी को घर बुलाया और एक लाख रुपये देने के नाम पर स्वजन की मदद से पकड़ लिया। इसके बाद हंगामा की सूचना पुलिस को मिली जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और आरोपी को गिरफ्तार कर थाने ले आई। इसके बाद थानाध्यक्ष दीपक कुमार व दरोगा श्रीमंत सुमन ने आरोपी के बेना थाना क्षेत्र अंतर्गत किराए के मकान में छापेमारी की जहां से वर्दी, फर्जी आइकार्ड, प्लास्टिक की पिस्टल व दस्तावेज बरामद किया गया। डीएसपी ने बताया कि आरोपी की गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही दर्जनों पीड़ित युवा थाने आए और बताया कि आरोपी ने सभी से कम से कम तीन से सात लाख रुपये ठग चुका है व कई को फर्जी नियुक्ति पत्र भी दे चुका है। डीएसपी ने बताया कि आरोपी के खाते की जांच की जा रही है। 

किसी से ट्रेन में तो किसी के माध्यम से अभ्यर्थी तक पहुंचा सुजीत

नई सराय निवासी दीपक कुमार ने बताया कि रेलवे ग्रुप डी का एग्जाम दिया था। वह अपनी बहन के साथ ट्रेन से पटना से लौट रहा था। उसी दौरान एक व्यक्ति जिसने अपना नाम सुजीत बताया, कहा कि मैं एक आइपीएस अधिकारी हूं और रेलवे में एआइजी के पद पर हूं। इसके बाद उसने मेरा नंबर ले लिया और लगातार संपर्क कर मुझे झांसे में लेकर रुपये ठग लिए। चार लोगों को नौकरी दिलाने का वादा किया और 18 लाख रुपये ले लिए। उसने मोबाइल पर वर्दी वाली तस्वीर व कार्यालय का भी फ़ोटो भेजा था।

झांसा देने वाला खुद झांसे में आया

कागज़ी मोहल्ला निवासी पीड़ित महिला ने बताया कि सुजीत उसके भाई के एक दोस्त के माध्यम से उसके घर पहुंचा था। उसने सचिवालय में नौकरी दिलाने की बात कही थी। उसके दिखाए वर्दी पहने फ़ोटो से उसे लगा कि वह सही बोल रहा है। इसके बाद उसने व उसके मामा ने उसे 11 लाख 40 हजार रुपए दे दिए। इसके बाद जब भी वह नियुक्ति पत्र के लिए बोलती तो वह टालमटोल करने लगता। तीन दिन पहले उसने फ़ोन किया कि नियुक्ति पत्र आ गया है,एक लाख और चाहिए। इस पर उसे शक हुआ। पहले उसने इंकार किया लेकिन बाद में योजना के तहत उसे रुपए लेने के लिए बिहारशरीफ बुलाया। इसके बाद सभी स्वजन को बुला लिया। जैसे ही वह बिहारशरीफ उसके घर पहुंचा तो उसे पकड़ लिया। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। 

विधानसभा में भी नौकरी दिलाने के नाम पर ठग लिए पैसे

डीएसपी ने बताया कि आरोपी ने दर्जनों युवक व युवतियों से विधानसभा, सचिवालय, रेलवे टेक्नीशियन, टीसी के पद पर नौकरी दिलाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी कर चुका है। पुलिस जांच कर रही है।


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