दूध में मैदा मिलाकर राजधानी में बना रहे नकली पनीर
दूध में मैदा मिलाकर पटना में बनाया जा रहा है नकली पनीर
पटना। राजधानी में नकली पनीर, तेल, मिठाई एवं मसालों में बड़े पैमाने पर मिलावट हो रही है। स्वास्थ्य विभाग छापेमारी तो करता है, लेकिन कई कारोबारी मिलावटी धंधे में लगे हैं। स्वास्थ्य विभाग डाल-डाल चल रहा है तो व्यापारी पात-पात चल रहे हैं। पनीर में 50 फीसद वसा होना अनिवार्य
विशेषज्ञों का कहना है कि पनीर में 50 फीसद वसा होना अनिवार्य है। लेकिन राजधानी में जो पनीर खुले में बिक रहा, वह मिलावटी पनीर है। जो 150 से 200 रुपए किलो बेचा जा रहा है। जबकि सही पनीर 300 रुपए किलो से ऊपर है। राजधानी में सुधा आदि से पैकेट बंद पनीर लोगों को मुहैया कराया जा रहा है तो काफी शुद्ध है। लेकिन जो खुले में बाल्टी में रखकर बेचा जा रहा है, उसकी शुद्धता संदेहास्पद है, क्योंकि दूध से क्रीम निकालकर उसमें मैदा मिलाकर पनीर बनाया जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि पनीर में स्टार्च नहीं होना चाहिए। धनिया व हल्दी में रंग व आटे की मिलावट
विशेषज्ञों का कहना है कि राजधानी में व्यापारी धनिया एवं हल्दी में रंग एवं आटा का मिलावट कर रहे हैं। जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो रहा है।
गोलकी में पपीता के बीज का मिलावट हो रही है। वहीं जीरा में झाडू का टुकडे़ की मिलावट की जा रही है। तेल में कई तरह के रासायनिक तरल पद्धार्थो की मिलावट की जा रही है। इसके अलावा कुछ रंगों का भी उपयोग किया जा रहा है। कुछ दुकानदारों द्वारा तेल निकाला लौंग की बिक्री की जा रही है।
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मिलावटी खाने से सेहत खराब
न्यू गॉर्डिनर अस्पताल के निदेशक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा का कहना है कि मिलावटी खाना से लोगों का सेहत खराब हो रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी बीपी एवं शुगर के मरीजों को हो रही है। उन्हें भोजन पर नियंत्रण की जरूरत होती है। लेकिन जब भोजन ही मिलावटी है तो स्वास्थ्य तो प्रभावित होगा ही। मिलावटी पद्धार्थो के खाने से लिवर, किडनी सहित अन्य अंगों पर भी प्रभाव पड़ रहा है। रसायनिक रंगों का सबसे ज्यादा प्रभाव आंतों पर पड़ता है।