आनलाइन क्लास से आंखों में जलन और सिर दर्द, जानें मोबाइल-लैपटाप पर पढ़ाई से क्या है खतरा
Online Class बच्चों को आनलाइन अपने घर से पढ़ाई पूरी करनी पड़ रही है। लगातार आनलाइन क्लास करने से अधिकतर बच्चों के आंखों जलन और सिरदर्द की समस्या आ रही है। नेटवर्क भी कभी-कभी चला जा रहा है।
जागरण संवाददाता, पटना: कोरोना संक्रमण काल में स्कूल और कोचिंग के बंद होने से छात्रों को आनलाइन अपने घर से पढ़ाई पूरी करनी पड़ रही है। लगातार आनलाइन क्लास करने से अधिकतर छात्रों की आंखों जलन और सिरदर्द की समस्या आ रही है। नेटवर्क भी कभी-कभी चला जा रहा है। लाइव क्लास में स्टूडेंट्स को सवाल पूछने में परेशानी हो रही है। लाइव चैट से सबलोग एक साथ सवाल नहीं पूछ पा रहे हैं।
जानें छात्रों का क्या है परेशानी
आनलाइन क्लास में एकाग्रता नहीं बन पाती है। लगातार क्लास करने से आंखों में जलन और पानी गिरने लगता है। लाइव क्लास का लिंक भेज दिया जाता है। ठीक से सवाल भी नहीं पूछ पाते हैं।
-प्रीत राज, छात्रा, 11वीं
लाइव क्लास कराया जा रहा है। एक से पांच घंटे तक क्लास होता है। लाइव चैट से सवाल पूछने में परेशानी होती है। आनलाइन में सवाल भी कम हल हो पाते हैं। शिक्षक से फेस टू फेस भी नहीं हो पाता है।
- प्रशांत राज, 12वीं
कभी-कभी नेटवर्क की परेशानी होती है। क्लास के दौरान डेटा खत्म ना हो इसलिए बचाकर रखना पड़ता है। पढ़ाई का जो माहौल आफलाइन में मिल पाता है वो आनलाइन में नहीं हो पा रहा है।
-गौरी परासर, 10वीं
पहले चश्मा नहीं लगा नहीं था, लेकिन लगातार आनलाइन क्लास करने के बाद अब लग गया है। चश्मा का पावर बढ़ गया है। पांच घंटे लगातार आनलाइन कक्षाएं होती हैं। इससे हेडक भी हो गया था।
-दिव्यांश गुप्ता, 10वीं
डाउट क्लीयर नहीं हो पाता है। आंख में दर्द और हेडक भी होता है। आनलाइन में ज्यादा सवाल नहीं हल हो पा रहा है। नेटवर्क का भी समस्या रहता है। वीडियो साफ नहीं रहता है। तैयारी ठीक से नहीं हो पा रही है।
- मोनी, 10वीं
आनलाइन क्लास में डाउट क्लीयर नहीं हो पाता है। बोर्ड की परीक्षा नजदीक है। अ'छे से तैयारी नहीं हो पा रही है। आंख में दर्द और हेडक होता है। स्कूल और कोचिंग जल्द से जल्द खोला जाना चाहिए।
- अलका, 10वीं
आनलाइन क्लास के समय कभी कभी स्क्रीन काला हो जाता है। रुक-रुक कर आवाज आती है। पढ़ने में परेशानी होती है। आंख दर्द और हेडक हो जाता है। पढ़ाई का जो माहौल मिलना चाहिए वो नहीं मिलता है।
- नचिकेत नाथ, 9वीं
आनलाइन क्लास में नेटवर्क की बहुत समस्या होती है। डाउट ठीक से क्लियर नहीं हो पाता है। 40 मिनट का क्लास होता है। एक क्लास में 200 से 300 एमबी डेटा खत्म हो जाता है। डेटा बचाकर रखना होता है।
-आयुष सिन्हा, 10वीं
आंखों से लेकर न्यूरो साइकेट्रिक डिस्आर्डर तक का खतरा
नेत्र रोग विशेषज्ञ डा. सुनील कुमार सिंह ने बताया कि आनलाइन पढ़ाई के साथ गेम्स-कार्टून आदि मिलाकर बच्चे काफी समय लैपटाप, टैब या स्मार्टफोन पर बिताते हैं। ऐसे में जहां एक मिनट में हमारी पलक 16 से 18 बार झपकनी चाहिए वह तीन से चार पर आ जाती है। लगातार आंखें खुली होने से आंसू नहीं बन पाते और आंखों में सूखापन, जलन, धूप में आंखें चमकना जैसी समस्याएं आती हैं। वहीं, किताबों के बजाय स्क्रीन पर प्रिंट मैटर पढ़ने में आंखों पर ज्यादा जोर लगाना पड़ता है। इससे आंखें थक जाती हैं और चुभन, भौं आदि में दर्द होता है। इसके अलावा स्क्रीन आंखों से अधिक नीचे या ऊपर होने पर गर्दन व कमर में दर्द और बीच में जंक फूड खाने, बैठने का पाश्चर ठीक नहीं रहने से न्यूरो साइकेट्रिक डिस्आर्डर की भी शिकायत हो जाती है। इससे बचाव के लिए हर एक घंटे पर आंखों को ठंडे पानी से धोएं, मोबाइल स्क्रीन आंखों के लेवल में रखें, बैठने का पाश्चर ठीक रखें और बीच में जंक फूड खाने से बचें।