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उम्मीदें 2020: नए साल में पटना की सड़कों पर टाइम्स स्क्वायर जैसा नजारा देखने की ख्वाहिश Patna News

साल 2019 ने पटना का बहुत निराश नहीं किया। नए साल 2020 में राजधानीवासी राजधानी से बहुत उम्मीदें लगाए बैठें। इसमें पटना को टाइम्स स्क्वायर जैसा देखना प्रमुख है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Fri, 27 Dec 2019 08:59 AM (IST)Updated: Fri, 27 Dec 2019 08:59 AM (IST)
उम्मीदें 2020: नए साल में पटना की सड़कों पर टाइम्स स्क्वायर जैसा नजारा देखने की ख्वाहिश Patna News
उम्मीदें 2020: नए साल में पटना की सड़कों पर टाइम्स स्क्वायर जैसा नजारा देखने की ख्वाहिश Patna News

श्रवण कुमार, पटना। यूं तो 2019 ने पटना को बहुत निराश नहीं किया है, पर दिखाए गए कई सपने अब भी अधूरे ही पड़े हैं। रही-सही कसर बरसात में जलजमाव ने पूरी कर दी थी। कहां तो पटना की सड़कों पर न्यूयार्क का टाइम्स स्क्वायर सा नजारा दिखाने की घोषणा हुई थी, कहां लगभग एक माह तक पटना के लोग जलजमाव की वजह से घरों में कैद रहने को मजबूर रहे। शहर ने अतिक्रमण से मुक्ति पाकर सुचारु और निर्बाध यातायात का सपना भी संजोया था। प्रशासनिक स्तर पर इसके लिए जबर्दस्त अभियान भी चले। पर कमोबेश शहर आज भी वहीं रेंग रहा है जहां साल की शुरुआत में था। हां, इतना जरूर हुआ है कि अदालती फटकार के बाद दशकों से नालों पर अवैध कब्जा जमाए अतिक्रमणकारियों की जड़ें हिल गई हैं। आइये जानें कैसा रहा बीत रहा साल और 2020 से क्या उम्मीदें पाल रखी हैं शहरवासियों ने-

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1. तैयारी थी टाइम्स स्क्वायर सा नजारा दिखाने की

 गांधी मैदान के पश्चिमी किनारे पर बाहरी सड़क और आसपास के ऊंचे भवनों को सजाकर न्यूयार्क के टाइम्स स्क्वायर सा नजारा पेश करने की तैयारी थी। बिस्कोमान से लेकर सभ्यता द्वार तक के भवनों पर बड़े-बड़े एलइडी स्क्रीन एवं आकर्षक लाइटें लगाई जानी थीं। तत्कालीन प्रमंडलीय आयुक्त आनंद किशोर ने घोषणा की थी कि गांधी मैदान के पश्चिमी किनारे पर हर शाम कुछ दूरी तक सड़क को खाली कराकर मनोरंजन, खेलकूद एवं फूड कोर्ट की व्यवस्था की जाएगी। इस दौरान यातायात डायवर्ट कर दिया जाएगा। बिस्कोमान-सभ्यता द्वार के बीच इस तरह का प्रयोग सफल होने के बाद शहर के दूसरे हिस्सों में कॉरिडोर बनाया जाना था। पर न ऐसा हो सका, न प्रशासन के स्तर पर इसकी कोई तैयारी दिख रही।

2. गांधी मैदान को बनाया जाना था मनोरंजन का केंद्र

बाहर टाइम्स स्क्वायर के नजारे की खूबसूरती के साथ ही गांधी मैदान के भीतर मेगा स्क्रीन पर मनोरंजक कार्यक्रम और सप्ताहांत में सांस्कृतिक प्रस्तुतियां की भी तैयारी की गई थी। राजधानी के माहौल को हल्का और खुशनुमा बनाए रखने के लिए ऐसे आयोजन की तैयारी हो रही थी। हालांकि, आज भी गांधी मैदान में मेगा स्क्रीन लगाने के लिए गाड़े गए खंभे और पसरी गंदगी इस तैयारी को चिढ़ा रही है।

3. धरी रह गई यातायात व्यवस्था को हाईटेक बनाने की तैयारी

पटना के यातायात को सुचारु व निर्बाध बनाने के के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किए जाने की घोषणा हुई थी। इसके लिए सभी यातायात लाइट पोस्ट पर टाइमर लगाए जाने थे। इसके अतिरिक्त कैमरे भी लगने थे, जो ऑटो डिटेक्शन सिस्टम से लैस होंगे। वाहन चालकों के लाइट को नजरअंदाज कर आगे बढऩे पर वाहन नंबर कैमरा द्वारा खुद स्कैन कर लेता।  इसके आधार पर जुर्माने का चालान वाहन मालिक के पते पर भेज दिया जाता। कुछ सिस्टम शुरू भी हुए पर यह योजना भी  पूर्णतया प्रारंभ नहीं हो सकी।

4. नहीं मिल सका फुटपाथी दुकानदारों को ठौर

अतिक्रमण हटाने के साथ ही फुटपाथी दुकानदारों को नया ठौर देने का काम भी बीत रहे साल की प्रमुख योजना थी। 150 वेंडिंग जोन में फुटपाथी दुकानदारों के लिए व्यवस्था की जानी थी। लाइसेंसधारी वेंडरों को दुकानें दी जानी थीं। इसका उद्देश्य फुटपाथों पर दुकान लगाने की वजह से होने वाले जाम से मुक्ति पाना था। साल बीतने को है, पर इस योजना पर भी ग्रहण ही लगा हुआ है। आज भी फुटपाथों पर दुकानें सज रही हैं।

5. मल्टी लेवल पार्किंग की घोषणा पर भी लग गया ग्रहण

पटना जंक्शन के करीब दूध मार्केट को ध्वस्त करने के बाद मल्टी लेवल पार्किंग के निर्माण की घोषणा हुई थी। सचिवालय के विकास भवन के सामने स्थित मार्केट को भी ध्वस्त किया जाना था और वहां भी मल्टी लेवल पार्किंग बननी थी। अब तक पटना जंक्शन के पास मल्टी लेवल पार्किंग बनाए जाने की शुरुआत नहीं हुई है। सचिवालय के सामने तो मार्केट को ध्वस्त करने का मामला कानूनी पेंच में फंस गया है।

: उम्मीदें 2020 :

1. जलजमाव से मुक्त होगा पटना

बीत रहे साल में जलजमाव पटना के लिए सबसे बड़ी त्रासदी रही। शासन व प्रशासन की हुई जबर्दस्त किरकिरी और अदालत की फटकार के बाद जलजमाव से मुक्ति के लिए कई बड़े फैसले लिए गए हैं। इसी के तहत शहर के नौ प्रमुख नालों पर दशकों से किए गए अवैध कब्जे को अभियान चलाकर हटाया गया। दो हजार से अधिक अवैध निर्माण ध्वस्त किए गए। अब इन नालों की गहराई तक सफाई की जा रही है। उम्मीद है कि अब बरसात का पानी नालों के जरिए निकल जाएगा और शहर में जलजमाव नहीं होगा।

2. मार्च से अदालतगंज तालाब में सैर कर सकेगा पटना

नौ करोड़ 84 लाख की लागत से बन रहे अदालतगंज तालाब का निर्माण (जीर्णोद्धार) मार्च 2020 तक पूरा कर लेने का निर्देश आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने दिया है। इस तालाब को जन-जीवन-हरियाली योजना से भी जोड़ा जाना है। आसपास के घरों की छतों से रेन वाटर हार्वेस्टिंग के द्वारा पाइप के माध्यम से पानी तालाब में लाया जाना है। तालाब के बीच में म्यूजिकल फाउंटेन रहेगा और चारों ओर पौधारोपण किया जाएगा। मुक्ताकाश मंच, लेजर शो जैसी व्यवस्था भी यहां होगी।

3. बहुरेंगे कुओं व तालाबों के दिन

गर्मियों में जल संकट का सामना करने के लिए कुओं और तालाबों की उड़ाही के लिए युद्ध स्तर पर प्रशासनिक कदम उठाए जा रहे हैं। आयुक्त ने इसके लिए संबंधित अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। पंचायत के मुखिया से कुओं का आकलन कराया जाए। इसके बाद उड़ाही कराकर कुओं के चारों ओर पांच से दस फीट का चबूतरा बनाया जाए। तालाबों की उड़ाही के लिए भी निर्देश दिए गए हैं। पटना जिले में 2253 सार्वजनिक जल संचयन संरचनाओं को चिह्नित किया गया है। इसमें 524 तालाब अतिक्रमित पाए गए हैं। इनमें 479 को अतिक्रमणमुक्त करने की कार्रवाई की जा रही है। उम्मीद है कि 2020 में शहर अपने पारंपरिक जलस्रोतों के करीब होगा।

4. हरियाली से होगी खुशहाली

बीत रहे साल में पटना वायु प्रदूषण  से जूझता रहा। कई अलग-अलग दिनों में पटना देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में शुमार रहा। इससे निपटने के लिए बड़ी संख्या में पौधे लगाए गए हैं। वन विभाग ने पटना में 40 हजार 630 पौधे लगाए हैं। मनरेगा के तहत 86 हजार 800 पौधे लगाए जा चुके हैं। दावा है कि इनमें से अधिकतर पौधे जीवित हैं। पटना को उम्मीद है कि इन पौधों के पेड़ बनने से 2020 में हरियाली आएगी और पटना प्रदूषण मुक्त रहेगा।

5. स्मार्ट सिटी की योजनाओं में भरेंगे नए रंग

बीत रहे साल में तो पटना स्मार्ट सिटी की तस्वीर कल्पना में ही बनाता रह गया। कुछ तकनीकी तो कुछ प्रशासनिक वजहों से शहर को निराशा ही हाथ लगी। आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने भरोसा दिलाया है कि नए साल में द्रुत गति से स्मार्ट सिटी की परियोजनाओं का कार्यारंभ होगा। पटना उम्मीद कर रहा है कि 2020 में स्मार्ट बनेगा।


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