एनडीए के दिग्गजों की उम्मीद अब मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी
जदयू और भाजपा के कई बड़े नेताओं को कैबिनेट में जगह नहीं मिली है। ऐसे दिग्गज नेताओं को मंत्री नहीं बनने पर हैरानी हुई अब उन्हें अगले विस्तार में जगह मिल सकती है । कुछ पूर्व मंत्रियों की राह में रोड़ा बन गया क्षेत्र और जातिगत समीकरण ।
पटना, भुवनेश्वर वात्स्यायन । उम्मीद के विपरीत नए मंत्रिमंडल में वैसे दिग्गजों को जगह नहीं मिली, जिनके मंत्री बनने को ले कयास की कोई जरूरत नहीं थी। मंत्रिमंडल गठन में उन्हें जगह नहीं मिलना ही हैरानी की बात रही। राजग में ऐसे दिग्गज दोनों दलों (भाजपा और जदयू) में हैं। इन दिग्गजों की उम्मीद अब मंत्रिमंडल के अगले विस्तार पर है, क्योंकि अभी एक मंत्री को कई अहम विभागों की जिम्मेदारी मिली हुई है।
जदयू से अधिक भाजपा के पुराने दिग्गजों की हो रही बात :
भाजपा ने इस बार अपनी पुरानी टीम को ही बदल दिया। बिहार में भाजपा के दिग्गजों की चर्चा होते ही सुशील मोदी, नंदकिशोर यादव और डा. प्रेम कुमार का नाम सामने आता था। सुशील मोदी और डा. प्रेम कुमार सरकार में नहीं हैैं। वहीं नंदकिशोर यादव को विधानसभा अध्यक्ष बनाया जाना है। विनोद नारायण झा को मंत्री नहीं बनाया जा सका। अब संकट यह है कि मधुबनी से भाजपा ने नए चेहरे के रूप में राजनगर के विधायक डा. रामप्रीत पासवान को कैबिनेट में शामिल कर लिया है। जदयू से भी मधुबनी जिले को प्रतिनिधित्व मिल गया है। ऐसे में एक ही जिले से कुछ और विधायकों के मंत्री बनाने में परेशानी है। नीतीश मिश्रा का नाम भी लिया जा रहा है। ऐसे में इस पेच पर चर्चा हो रही कि एक ही इलाके से एक साथ कितने मंत्री होंगे।
मंत्री नहीं बनने पर हैरानी
डा. प्रेम कुमार अति पिछड़ा वर्ग से आते हैैं। अति पिछड़ा वर्ग का प्रतिनिधित्व हो गया है, ऐसे में इनके लिए भी गुंजाइश पर परेशानी है, लेकिन इनकी पहचान अनुभवी मंत्री के रूप में है। रामनारायण मंडल भी मंत्री नहीं बन पाए हैैं। युवा चेहरे में राणा रंधीर को फिर से मंत्री बनाए जाने की चर्चा थी, लेकिन उन्हें मौका नहीं मिला। राजपूत कोटे से अमरेंद्र प्रताप सिंह मंत्री हो गए। लखीसराय से जीते विजय कुमार सिन्हा पहले वाली सरकार में मंत्री थे। उन्हें भी मंत्री नहीं बनाया गया। फिलहाल उनकी जाति के दो विधायक मंत्रिमंडल में जगह पा चुके हैं।
जदयू के इन दिग्गजों को लेकर खूब है चर्चा :
जदयू के जिन दिग्गजों को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है, उनमें पूर्व मंत्री श्रवण कुमार का नाम सबसे आगे है। उन्हें अगली बार जगह जगह मिल जाने की पूरी संभावना है। हर तरह का समीकरण इस संभावना को पुष्ट कर रहा। मदन सहनी भी कतार में हैैं। बीमा भारती को भी आश्वासन मिला हुआ है। महेश्वर हजारी को भी अगले विस्तार में मंत्री पद मिलने की उम्मीद है।