पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने बताया कि कैसे कृषि कानून से मजबूत होगी अर्थव्यवस्था
सुशील मोदी ने कहा कि कृषि कानून देशहित में हैं और इससे अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। इसीलिए किसान आंदोलन महज तीन राज्यों में ही सिमटा है। कहा कम पानी वाली फसलों को देना होगा तरजीह । धान-गेहूं के साथ ही डेयरी मत्स्य पालन आदि पर देना होगा ध्यान।
पटना, जागरण संवाददाता । 'कृषि कानून देशहित में हैं, और इससे अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। इसीलिए किसान आंदोलन महज तीन राज्यों में ही सिमटा है। वहां भी सभी किसान विरोध में नहीं हैं। मुट्ठी भर लोगों के विरोध के आगे सरकार नहीं झुकेगी।' देशरत्न डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद की स्मृति में बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की ओर से आयोजित कृषि एवं विकास विषयक व्याख्यानमाला में उक्त बातें शनिवार को राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहीं।
राजेंद्र बाबू की प्रेरणा से बना बिहार में गौशाला एक्ट
उन्होंने कहा कि 1946 में वर्धा में आयोजित कृषि सम्मेलन डॉ. राजेंद्र प्रसाद शामिल हुए थे। उसके बाद कृषि व डेयरी क्षेत्र में उनकी रुचि और बढ़ गई। पटना में भी सम्मेलन आयोजित किया गया और गौशाला फेडरेशन के वे पहले अध्यक्ष बने। राजेंद्र बाबू की प्रेरणा से ही बिहार में गौशाला एक्ट बना।
उन्होंने कहा कि कोविड के कारण अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है। जीडीपी संकुचन -7.7 फीसद रहने की संभावना है। 1957-58, 65-66, 72-73, 79-80 में इसी तरह की स्थिति उत्पन्न हुई थी। लेकिन तब कृषि क्षेत्र में भी गिरावट आई थी जबकि इस बार कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन बेहतर है और कोविड के कारण अर्थव्यवस्था में गिरावट है। वर्ष 2020-21 में कृषि क्षेत्र में 3.4 फीसद का ग्रोथ हुआ है। उन्होंने कहा कि कृषि बिल चर्चा में है। इसमें तीन बातें महत्वपूर्ण हैं। कांट्रैक्ट फार्मिंग को कानूनी रूप दिया गया है। भंडारण की सीमा समाप्त की गई है। और किसान उपज को कहीं भी बेच सकता है। मंडी से बाहर अनाज बेचने पर किसानों को आठ फीसद टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
कृषि क्षेत्र के विकास को बताए ये उपाय
उन्होंने कहा कि अलग राज्य बनने के बाद पंजाब में कृषि का विकास तो हुआ लेकिन पानी के अधिक दोहन और उर्वरक के अधिक उपयोग से यह रेगिस्तान बनने की ओर अग्रसर हो गया है। पंजाब के कृषि क्षेत्र का विकास 1972-85 के बीच 5.7 फीसद पर था जो 14-15 में 1.6 फीसद पर आ गया। तब बिहार में यह 4.6 फीसद था।
उन्होंने कहा कि चीन ने कृषि सुधार कानून लागू किया उसके बाद ही वहां के किसानों की आया दोगुनी हुई। यह सुधार भारत में अब हो रहा है। उत्पादन बढ़ाना नहीं, बल्कि उपज में पोषक तत्व बढ़ाना चुनौती है। उन्होंने कहा कि कम पानी में होने वाली फसलों को महत्व देना होगा। धान-गेहूं से आमदनी नहीं बढ़ेगी, बागवानी-मत्स्यपालन-डेयरी आदि पर भी ध्यान देना होगा। जलवायु परिवर्तन को ध्यान में रखकर खेती करनी होगी। खाद्य प्रसंस्करण और एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश बढ़ाना होगा। ई-मार्केटिंग को बढ़ावा देना होगा। इस अवसर पर बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष रामलाल खेतान एवं पद्मश्री विमल जैन ने सुशील कुमार मोदी का स्वागत किया।
उद्यमी सत्यजीत सिंह के सवाल पर मोदी ने कहा कि बिहार में भूमि सुधार कानून मुश्किल है। हालांकि भूमि रिकार्ड का कार्य हो रहा है।