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बिहार में पंचायत चुनाव लड़ने वाले हर शख्‍स को करना होगा ये काम, हार चुके प्रत्‍याशी भी आएंगे जद में

Bihar Panchayat Chunav 2021 बिहार में पंचायत चुनाव लड़ने वाले हर शख्‍स को यह काम जरूर कर लेना चाहिए। ऐसा नहीं करने पर चुनाव जीत चुके उम्‍मीदवार की सदस्‍यता जा सकती है। हारने वालों को भी यह जानकारी देनी होगी।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Mon, 01 Nov 2021 08:37 AM (IST)Updated: Mon, 01 Nov 2021 08:37 AM (IST)
बिहार में पंचायत चुनाव लड़ने वाले हर शख्‍स को करना होगा ये काम, हार चुके प्रत्‍याशी भी आएंगे जद में
बिहार में पंचायत चुनाव लड़ने वालों को करना होगा ये काम। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Panchayat Chunav 2021: बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत और ग्राम कचहरियों के चुनाव में मनमाना धन खर्च कर विजेता बनने वालों की खैर नहीं है। राज्य निर्वाचन आयोग को पहली जनवरी तक हर हाल में चुनावी खर्च का हिसाब शपथ पत्र पर देना होगा। आयोग ने समय-सीमा के साथ चुनाव खर्च का ब्योरा देने के लिए प्रारूप भी तय कर दिया है। यही नहीं, जिला निर्वाचन अधिकारियों को प्रारूप भेजकर खर्च तलब करने का निर्देश भी जारी कर दिया गया है। आयोग इसे लेकर सख्त है। समय पर खर्च का ब्योरा नहीं देने वालों की सदस्यता भी जा सकती है।

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15 दिसंबर तक सभी 11 चरणों की चुनाव प्रक्रिया पूरी जाएगी। आखिरी चरण यानी 11वें चरण का मतदान 12 दिसंबर को होना है। उसके बाद आयोग द्वारा जिलेवार निर्वाचित जन-प्रतिनिधियों की सूची जिला गजट में प्रकाशित कर दिया जाएगा। साथ ही आयोग की वेबसाइट पर सूची उपलब्ध कराने का प्रविधान किया गया है। ऐसे में  विजेताओं को नियमानुसार विजयी घोषित होने के 15 दिन के अंदर चुनावी खर्च का हिसाब-किताब देना है।

जिलों को पांच जनवरी तक करनी है रिपोर्ट

आयोग के सचिव ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को पांच जनवरी तक रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है। राज्य निर्वाचन आयोग के निर्देश का तत्काल प्रभाव पहले चरण, दूसरे चरण, तीसरे चरण और चौथे चरण के प्रत्याशियों पर लागू होगा। पहले चरण का मतदान 24 सितंबर को 12 प्रखंडों में, दूसरे चरण का मतदान 29 सितंबर को 48 प्रखंडों में और तीसरे चरण का मतदान आठ अक्टूबर को 50 प्रखंडों में कराया गया है। इसी तरह चौथे चरण का चुनाव 20 अक्टूबर को संपन्न हुआ है। आयोग द्वारा हर पद के प्रत्याशियों के चुनावी खर्च की सीमा-तय कर दी गई है।

  • पंचायत प्रतिनिधियों को पहली जनवरी तक देना होगा चुनावी खर्च का हिसाब
  • हिसाब-किताब नहीं देने पर जा सकती है विजेताओं की सदस्यता
  • राज्य निर्वाचन आयोग ने जारीआदेश, तय प्रारूप रिपोर्ट तलब
  • 15 दिसंबर तक पूर्ण हो जाएगी पूरी चुनाव प्रक्रिया

पदवार खर्च की सीमा

ग्राम पंचायत सदस्य और ग्राम कचहरी के पंच के चुनावी खर्च की सीमा 20 हजार रुपये है। पंचायत समिति सदस्य अधिकतम 30 हजार रुपये, जबकि ग्राम पंचायत के मुखिया और ग्राम कचहरी के सरपंच के लिए 40 हजार रुपये तक खर्च का प्रविधान है। वहीं, जिला परिषद सदस्य पद के प्रत्याशी चुनाव के अधिकतम एक लाख रुपये तक खर्च कर सकते हैं।


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