एनएमसीएच में एक एेसा भी विभाग जिसके विषय में स्टाफ को भी नहीं पता, जानें
पटना के एनएमसीएच में कुछ समय पहले चालू की गई इवनिंग क्लीनिक अब केवल तालों में बंद रहती है। यह पूछने पर कि एेसा क्यों तो अस्पताल कर्मी विभाग के विषय में बताने पर भी असमर्थ हो जाते हैं।
By Edited By: Published: Thu, 25 Apr 2019 01:45 AM (IST)Updated: Thu, 25 Apr 2019 09:01 AM (IST)
पटना, जेएनएन। गरीब मरीजों को लाभ पहुंचाने के लिए राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने वर्षो पहले जो इवनिंग क्लीनिक बनाई थी वो अब दम तोड़ चुकी है। सभी विभागों में दोपहर दो बजे के बाद ताला लटक जाता है। बुधवार को भी जब दैनिक जागरण की टीम इवनिंग क्लीनिक का अस्तित्व तलाशने एनएमसीएच पहुंची तो सभी विभाग बंद मिले। कुछ डॉक्टरों ने बेबाकी से सवाल कर डाला कि 'अपना क्लीनिक संभालूं या सरकार का इवनिंग क्लीनिक?'
दोपहर बाद केवल इमरजेंसी के लिए रजिस्ट्रेशन एनएमसीएच परिसर में दोपहर दो बजे के बाद ही सन्नाटा पसर गया। तीन बजते ही इवनिंग क्लीनिक खुलने का इंतजार शुरू हुआ। सेंट्रल रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पूछने पर बताया गया कि दोपहर के बाद यहां केवल इमरजेंसी के लिए ही मरीजों का रजिस्ट्रेशन होता है। इवनिंग क्लीनिक क्या है? इसका रजिस्ट्रेशन यहां कभी नहीं होता है। न ही कोई आदेश-निर्देश है।
जागरण टीम ने सर्जरी विभाग, मेडिसीन विभाग, दंत रोग विभाग, हड्डी रोग विभाग, नाक-कान-गला विभाग, स्त्री एवं प्रसूति विभाग, नेत्र रोग विभाग, शिशु रोग विभाग, चर्म रोग विभाग समेत अन्य विभागों के ओपीडी में जाकर देखा। सभी जगह ताला लगा था। चारों ओर सन्नाटा पसरा था। शाम साढ़े पांच बजे तक टीम इन तालों के खुलने का इंतजार करती रही।
गरीब मरीजों को नहीं मिल रही सेवा
अस्पताल के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि एनएमसीएच के विभिन्न विभागों की ओपीडी में 2500 तक मरीज हर दिन पहुंचते हैं। भीड़ अत्यधिक होने के कारण सैकड़ों गरीब मरीजों का इलाज नहीं हो पाता है। दूर-दराज से आए ऐसे मरीजों को लौटना पड़ता है।
दोपहर बाद केवल इमरजेंसी के लिए रजिस्ट्रेशन एनएमसीएच परिसर में दोपहर दो बजे के बाद ही सन्नाटा पसर गया। तीन बजते ही इवनिंग क्लीनिक खुलने का इंतजार शुरू हुआ। सेंट्रल रजिस्ट्रेशन काउंटर पर पूछने पर बताया गया कि दोपहर के बाद यहां केवल इमरजेंसी के लिए ही मरीजों का रजिस्ट्रेशन होता है। इवनिंग क्लीनिक क्या है? इसका रजिस्ट्रेशन यहां कभी नहीं होता है। न ही कोई आदेश-निर्देश है।
जागरण टीम ने सर्जरी विभाग, मेडिसीन विभाग, दंत रोग विभाग, हड्डी रोग विभाग, नाक-कान-गला विभाग, स्त्री एवं प्रसूति विभाग, नेत्र रोग विभाग, शिशु रोग विभाग, चर्म रोग विभाग समेत अन्य विभागों के ओपीडी में जाकर देखा। सभी जगह ताला लगा था। चारों ओर सन्नाटा पसरा था। शाम साढ़े पांच बजे तक टीम इन तालों के खुलने का इंतजार करती रही।
गरीब मरीजों को नहीं मिल रही सेवा
अस्पताल के अधिकारिक सूत्रों का कहना है कि एनएमसीएच के विभिन्न विभागों की ओपीडी में 2500 तक मरीज हर दिन पहुंचते हैं। भीड़ अत्यधिक होने के कारण सैकड़ों गरीब मरीजों का इलाज नहीं हो पाता है। दूर-दराज से आए ऐसे मरीजों को लौटना पड़ता है।
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