ट्रैक पर लगा था लाल झंडा, फिर भी 108 किमी की रफ्तार से दौड़ती चली आई ट्रेन, फिर...
बुधवार को 108 किमी प्रतिघंटा के रफ्तार से आ रही मौर्य एक्सप्रेस दुर्घटना ग्रस्त होने से बच गई। तेज गति से ट्रेन को आते देख मजदूर काम छोड़कर रेलवे ट्रैक से भागे।
सारण [जेएनएन]। बिहार के छपरा-सिवान रेल खंड के दाउदपुर रेलवे स्टेशन के समीप बुधवार को 108 किमी प्रतिघंटा के रफ्तार से आ रही मौर्य एक्सप्रेस दुर्घटना ग्रस्त होने से बच गई। हालांकि जबतक चालक द्वारा इमरजेंसी ब्रेक लगाया जाता तबतक ट्रेन ट्रैक पर लगी लाल झंडी को तोड़ते हुए कई समान को क्षतिग्रस्त कर आगे निकल गई थी। इमरजेंसी ब्रेक लगते ही यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई और ट्रेन के रूकते ही लोग नीचे उतर गए। उधर, ट्रेन की रफ्तार देख कर्मी भी सामान छोड़कर भागे और अपनी जान बचाए। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि चालक ने बहुत ही तत्परता दिखाई है, जिसके कारण हादसा टल गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना उस वक्त की है जब दाउदपुर स्टेशन व 61 सी ढाला के समीप लाल झंडी लगाकर रेल कर्मी डाउन ट्रैक पर रेल कटिंग कर वेल्डिंग का कार्य कर रहे थे। इसी दौरान डाउन ट्रैक पर मौर्य एक्सप्रेस ट्रेन तेज गति चलते हुए लाल झंडी तोड़ आगे बढ़ गई। इसे देख रेलकर्मी अपना सामान इधर उधर फेंक भाग कर जान बचाए। वही रेल कर्मी के कटिंग मशीन का पाइप कट गया। ट्रेन चालक ने आगे बढ़कर इमरजेंसी ब्रेक लगाकर गाड़ी को खड़ी किया।
इस संबंध में स्टेशन अधीक्षक पीके राठौर ने बताया कि पीडब्लूआई उमेश चौधरी के द्वारा 11 बजकर 15 मिनट पर लाइन थ्रू का क्लियरेंस मेमो दिये जाने के बाद सिवान से आ रही मौर्य एक्सप्रेस ट्रेन को 11 बजकर 18 मिनट पर पार कराया जा रहा था। तभी आगे अफरातफरी मच गई और आगे ट्रेन को रोका गया। इसके कारण वहां करीब 45 मिनट तक गाड़ी रुकी रही।
पीडब्लूआई उमेश चौधरी ने बताया कि रेल ट्रैक पर जिस जगह पर कार्य होता है उसके 600 मीटर दूरी पर लाल झंडी लगाया जाता हैं। 11 बजे तक कार्य पूरा कर लेने के बाद लाइन क्लियर दे दिया जाता था। 11 बजकर 15 मिनट में जानकारी मिली की लाइन क्लियर हैं। जिसके बाद क्लियरेंस दिया गया था। लेकिन जब लाल झंडा लगा था तो उसपर चालक को ध्यान देना चाहिए था, जबकि चालक ने ऐसा नही किया। ट्रेन चालक की लापरवाही से यह घटना हुई हैं।
घटना स्थल पर मौर्य ट्रेन के चालक सत्यजीत कुमार ने ट्रेन को रोक कार्य स्थल का मुआयना किया। चालक ने बताया कि मुझे लाइन क्लियर होने की जानकारी मिली थी। ट्रेन की स्पीड करीब 108 किमी प्रतिघंटा थी। इस कारण इमरजेंसी ब्रेक भी सावधानी पूर्वक लगाया गया। जबतक ट्रेन रूकती तबतक लाल झंडी को तोड़ते हुए कार्य स्थल को पार कर चुकी थी। यदि कार्य स्थल पर रेलकर्मी सतर्क नही होते तो बहुत बड़ी दुर्घना हो सकती थी।