पटना में मौत के बाद भी पीछा नहीं छोड़ रही 'बाबुओं' की मनमर्जी, डीएम भी हो गए परेशान
राजधानी के गुलबी घाट में आदेश के बाद भी कोरोना संक्रमित का दाह संस्कार नहीं हो पा रहा है। ये हो रहा है बाबुओं की मनमर्जी से। जिलाधिकारी कुमार रवि ने कहा है कि अब शिकायत मिली तो संबंधित अधिकारी और कर्मचारी पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जागरण संवाददाता, पटना: 'बाबुओं' की मनमर्जी मौत के बाद भी पीछा नहीं छोड़ती, इसका एक उदाहरण है गुलबी घाट। वे किसी की अंतिम यात्रा तक में रोड़े अटकाने से बाज नहीं आते। वह भी तब, जबकि जिलाधिकारी ने कोरोना संक्रमितों के शव का दाह संस्कार विद्युत शवदाह गृह में करने का आदेश दे रखा है। मंगलवार की रात एक ऐसा ही मामला यहां आया, जब यहां पदस्थापित कर्मियों ने विद्युत शवदाह गृह में दाह संस्कार की इजाजत से इन्कार कर दिया। थक हार कर स्वजनों को दूसरी व्यवस्था करनी पड़ी। कर्मचारी कहते हैं कि कोई आदेश नहीं मिला है।
दोषी पदाधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई
जिलाधिकारी कुमार रवि ने बुधवार को नगर निगम को चेतावनी दी कि गुलबी घाट से एक भी संक्रमित का शव लौटा तो दोषी पदाधिकारियों और कर्मचारियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि यहां पर संक्रमितों के दाह संस्कार का निर्देश दे चुके हैं। अब शिकायतें नहीं मिलेंगी और शिकायत आती है तो संबंधित कर्मी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
साढ़े दस हजार का भुगतान कर दाह संस्कार की मजबूरी
जिला प्रशासन ने कोरोना संक्रमितों के दाह संस्कार के लिए बांसघाट और खाजेकलां विद्युत शवदाह गृह का चयन किया था। यहां निशुल्क दाह संस्कार की घोषणा की गई थी। बांसघाट स्थित शवदाह गृह 23 दिनों से तकनीकी खराबी से बंद है। अब नए साल के पहले सप्ताह में ही चालू होने की संभावना है। स्वजन साढ़े दस हजार की राशि का भुगतान कर दाह संस्कार को मजबूर हैं। यह निगम द्वारा निर्धारित की गई है। खाजेकलां घाट स्थित विद्युत शवदाह गृह जलापूर्ति के बाद अब विद्युत कनेक्शन के अभाव में बंद है। यहां शनिवार से संक्रमितों सहित अन्य के शवों का दाह संस्कार किया जाएगा। जिलाधिकारी ने पटना सिटी के अनुमंडल पदाधिकारी को शनिवार को ही निर्देश दिया था कि गुलबीघाट पर संक्रमितों के दाह संस्कार की व्यवस्था की जाए, ताकि आश्रितों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ नहीं पड़े। इसके बाद भी यहां कर्मियों की मनमर्जी के आगे किसी की अंतिम यात्रा तक में रोड़े अटकाए जा रहे हैं।