पटना के जक्कनपुर थानाध्यक्ष के ठिकानों पर ईओयू का छापा, बैंक खातों में मिले 92 लाख रुपये
थानेदारी के दौरान भ्रष्टाचार और काली कमाई (Corruption and Black Money) की शिकायत के बाद आर्थिक अपराध इकाई (Economic Offences Unit) ने शनिवार को जक्कनपुर थानाध्यक्ष कमलेश कुमार शर्मा के दो ठिकानों पर छापेमारी की है। कार्रवाई में 92 लाख खातों में मिले हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना : थानेदारी की हनक दिखाकर काली कमाई करने के मामले में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने शनिवार को जक्कनपुर थानाध्यक्ष कमलेश प्रसाद शर्मा के चार ठिकानों पर अचानक छापा मारा। इसमें थानाध्यक्ष के पास दो करोड़ रुपये से अधिक की चल-अचल संपत्ति का पता चला है। थानेदार व उनकी पत्नी के बैंक खातों में 92 लाख 80 हजार 770 रुपये नकद जमा पाए गए हैं। तलाशी के दौरान जांच टीम ने करीब 11 बैंक खाते, पोस्ट आफिस में निवेश से जुड़े कागज व अन्य कागजात जब्त किए हैं, जिनकी समीक्षा की जा रही है। बैंक खातों को फ्रीज करने का निर्देश दिया गया है। ईओयू अधिकारियों के अनुसार, कागजातों की जांच व अग्रतर कार्रवाई में कई और चल-अचल संपत्ति की जानकारी मिलने की संभावना है।
ईओयू अधिकारियों के अनुसार कमलेश प्रसाद शर्मा इससे पहले बख्तियारपुर के थानाध्यक्ष थे। वहां से तबादले के बाद हाल ही में जक्कनपुर थाने की जवाबदेही मिली थी। उनके खिलाफ पद का दुरुपयोग कर अवैध स्रोत से कमाई करने की गुप्त सूचना मिली थी। सत्यापन के दौरान इसकी पुष्टि होने पर उनके विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के मामले में प्राथमिकी दर्ज करते हुए कार्रवाई शुरू की गई है। उन्हें जल्द ही निलंबित किया जा सकता है।
आरा गार्डेन में पत्नी के नाम पर दो फ्लैट
पटना के आरा गार्डेन में थानाध्यक्ष की पत्नी रश्मि शर्मा के नाम पर दो फ्लैट हैं। श्रेया अपार्टमेंट स्थित फ्लैट संख्या 104 और आर्किड रेसिडेंसी स्थित फ्लैट संख्या 401 में सुबह-सुबह ही टीम ने धावा बोला। जांच में पता चला कि दोनों फ्लैट खरीदने में 31 लाख 37 हजार 400 रुपये खर्च किए गए हैं। इसके अलावा जक्कनपुर थाना स्थित कार्यालय व आवास और सारण के मकेर स्थित थानाध्यक्ष के पैतृक आवास पर भी ईओयू की अलग-अलग टीमों ने तलाशी ली। इस दौरान कई तरह के कागजात जब्त किए गए हैं। ईओयू की जांच में इनकी अनुमानित आय करीब एक करोड़ 88 लाख 41 हजार 215 रुपये पाई गई जबकि कुल अनुमानित व्यय करीब एक करोड़ 57 लाख 48 हजार 435 रुपये पाया गया। जबकि इनकी कुल चल व अचल संपत्ति दो करोड़ तीन लाख 25 हजार रुपये पाई गई है।
(थानेदार के आवास पर कागजात खंगालती ईओयू की टीम। जागरण)
1994 में हुई नियुक्ति, 2014 में बने इंस्पेक्टर
सूत्रों के अनुसार, कमलेश शर्मा पर बदनामी का दाग तभी लगने लगा था जब वह बख्तियारपुर में तैनात थे। इस दौरान जमीन की दलाली जैसे आरोप उन पर लगे। हालांकि इस मामले में वह फंसते इससे पहले वहां से हटाकर जक्कनपुर थाने की कमान दे दी गई। कमलेश की बिहार पुलिस में नियुक्ति वर्ष 1994 में पुलिस अवर निरीक्षक के रूप में हुई। मार्च, 2014 में पुलिस निरीक्षक कोटि में प्रोन्नति दी गई। वह भागलपुर, बांका, बेगूसराय, पटना, विशेष कार्य बल, नालंदा, गया और सीआइडी में भी पदस्थापित रह चुके हैं।
ईओयू की रडार पर हैं भ्रष्टाचारी अफसर :
ईओयू की टीम भ्रष्टाचार के आरोपित पुलिस व प्रशासनिक पदाधिकारियों पर लगातार कार्रवाई कर रही है। इसके पूर्व बालू के अवैध खनन मामले में भी आधा दर्जन से अधिक पुलिस व प्रशासनिक पदाधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की गई है। इसके अलावा अवैध संपत्ति व काली कमाई के मामले में 21 सितंबर को पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष व सिपाही नरेंद्र कुमार धीरज के नौ ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। इसमें 544 फीसद अधिक करीब नौ करोड़ 40 लाख 66 हजार रुपये से अधिक की संपत्ति का पर्दाफाश हुआ था। इसके बाद सिपाही को निलंबित भी कर दिया गया है।