सरकारी आवास में चाहिए लग्जरी सुविधाएं तो जेब करनी होगी ढ़ीली
सरकार सरकारी आवासों में वाकिंग ट्रैक और महाराजा गेट नहीं बनाएगी। पंसद की लग्जरी टाइल्स लगाने के लिए आवंटी को पैसा देना होगा। आवास में स्वीमिंग पूल बनाने की अनुमति नहीं होगी।
पटना [राज्य ब्यूरो]। सरकारी आवासों के बाहर अब महाराजा गेट या फिर परिसर के भीतर स्वीमिंग पुल व ड्राइंग रूम में मंहगे टाइल्स का प्रयोग नहीं हो सकेगा। भवन निर्माण विभाग ने इस संबंध में अपने सभी संबंधित डिवीजनों को इस बारे में खास हिदायत दी है। पिछले वर्ष सितंबर में भी ऐसी हिदायत दी गई थी, बावजूद इसके कई जगहों पर अधिक खर्च की रिपोर्ट मिली है।
ग्रेनाइट और मॉड्यूलर किचेन की भी मांग
भवन निर्माण विभाग का कहना है कि ऐसे बहुत सारे मामले हैं जिसमें सरकारी आवासों में रह रहे आवंटी ग्रेनाइट, महंगे फ्लोर टाइल्स, मॉड्यूलर किचेन व खास किस्म के टॉयलेट फिटिंग की मांग करते हैैं। जबकि पूर्व से यह तय है कि सरकारी आवासों में किस तरह के टाइल्स व अन्य चीजें लगाई जाएंगी। यही नहीं बहुत जगहों पर महाराजा गेट लगाए जाने की भी मांग होती है। अनावश्यक रूप से काफी मंहगे फिटिंग और फिक्सचर के उपयोग की बात सामने आती है।
एस्टीमेट में ही मंहगे फिटिंग्स की मनाही
भवन निर्माण विभाग ने इस बारे में अपने सभी डिवीजनों को यह हिदायत दी है कि किसी भी आवास में वैसे फिटिंग्स को नहीं लगाया जाए जिसका प्रावधान नहीं है। यही नहीं यह भी कहा गया है कि मरम्मत के समय संबंधित सरकारी आवास के आवंटी को यह बता दिया जाए कि मरम्मत में किस-किस तरह के फिटिंग का प्रावधान है और एस्टीमेट क्या है। एस्टीमेट में ऐसे फिटिंग्स का प्रावधान नहीं किया जाए जो तय मानक से अलग हैैं।
एक वार्डरोब पर एक लाख
भवन निर्माण विभाग की हिदायत के अनुसार सरकारी भवनों में कोई नए वाकिंग ट्रैक का निर्माण नहीं होगा। अतिरिक्त रसोईघर या डाइनिंग हॉल भी नहीं बनेगा। एक आवास के वार्डरोब के निर्माण पर एक लाख रुपये से अधिक का खर्च नहीं होगा। आवास के उद्यान में एग्जॉटिक लाइट नहीं लगाई जाएगी ।
फॉल्स सीलिंग और वुडेन फ्लोर नहीं
नए सिरे से फॉल्स सीलिंग का काम नहीं कराया जा सकेगा। वुडेन फ्लोङ्क्षरग मान्य नहीं होगा। भवन निर्माण विभाग ने अपने आदेश में यह स्पष्ट कर दिया है कि सरकारी बंगलों में आउट हाउस, अतिरिक्त गैरेज या सर्वेंट क्वार्टर का निर्माण बगैर विभाग की अनुमति के नहीं कराया जा सकेगा। चारदीवारी की ऊंचाई बढ़ाने का काम सुरक्षा एजेंसी की अनुशंसा पर किया जाएगा।