हड़ताल पर जायेंगे बिहार के नियोजित शिक्षक, मैट्रिक-इंटर परीक्षा का करेंगे बहिष्कार
समान काम और समान वेतन को लेकर नियोजित शिक्षक अब आर-पार के मूड में है। शिक्षक संगठनों ने सरकार को 1 फरवरी से हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है।
पटना [जेएनएन]। समान काम- समान काम को लेकर नियोजित शिक्षक आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गये हैं। नियोजित शिक्षक संगठनों ने सरकार को 31 जनवरी तक समान काम के लिए समान वेतन लागू करने का अल्टीमेटम दिया है। ऐसा नहीं करने पर 1 फरवरी से वे हड़ताल पर चले जायेंगे।
गांधी मैदान में हुई 23 संघों ने मिलकर एक स्वर में निर्णय लिया की अगर जनवरी तक समान काम का समान वेतन सरकार द्वरा नही लागु हुआ तो लिए गए निर्णय के अनुसार पूर्ण ताला बन्दी फ़रवरी में होने वाले इंटर एवं मैट्रिक परीक्षा तथा मूल्यांकन बहिष्कार करने का निर्णय लिया।
शिक्षकों के हड़ताल पर जाने से शिक्षण व्यवस्था के साथ-साथ मैट्रिक और इंटर की होने वाली परीक्षा भी प्रभावित होगी। एक ओर जहां 8 फरवरी से इंटर की परीक्षा शुरू होने वाली है, वहीं 21 फरवरी से मैट्रिक की परीक्षा का आयोजन किया जाना है।
बता दें कि समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग कर रहे नियोजित शिक्षकों की याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने बिहार सरकार को यह आदेश दिया है कि इन्हें भी नियमित शिक्षकों की तरह वेतन और सुविधाएं दी जाएं।
हालांकि राज्य सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील करेगी। शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ने कहा कि राज्य सरकार पहले कोर्ट का अध्ययन करेगी। आवश्यकता होने पर अपील में भी जाएगी।
अदालत ने अपने फैसले में शिक्षकों को एक समान वेतन एवं सुविधाएं नहीं दिये जाने को संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करार किया है। कोर्ट ने कहा शिक्षक नियमावली 2006 की धारा 6 एवं 8 संविधान के विपरीत है। सेकेंडरी टीचर्स स्ट्रगल कमेटी की याचिका पर पक्ष रखते हुए अधिवक्ता संजीव कुमार का कहना था कि यह राज्य सरकार का सौतेला व्यवहार है। जबकि अनेक राज्यों में इस प्रकार की विषमताओं को खत्म कर दिया गया है।