चुनाव की तैयारियां तेजः वोटर बनने से पहले प्रवासियों को हटवाना होगा दूसरे राज्य से नाम
कोई मतदाता न छूटे अभियान के तहत आयोग पात्र मतदाताओं को वोटर लिस्ट में शामिल कर रहा है। लेकिन नाम न रिपीट होने को ले एहतियात भी बरत रहा है।
पटना, जेएनएन। विधानसभा चुनाव की आहट के साथ ही राजनीतिक दलों से लेकर आयोग तक की निगाहें प्रवासियों पर टिक गई है। 'कोई मतदाता न छूटे' अभियान के तहत आयोग पात्र मतदाताओं को वोटर लिस्ट में शामिल कर रहा है। वहीं राजनीतिक दल भी अपने नफा-नुकसान का आंकलन कर प्रवासियों को 'अपना वोटर' बनाने में जुटे हुए हैं।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत है सजा का प्रावधान
प्रवासी यदि पहले से दूसरे राज्य के मतदाता हैं और अब बिहार में कहीं के भी वोटर बनना चाहते हैं, तो उन्हें सबसे पहले दूसरे राज्य की मतदाता सूची से नाम हटवाना होगा। एक जगह से बिना नाम हटवाये दूसरी जगहों पर मतदाता सूची में नाम दर्ज करवाने पर एक साल तक की जेल और आर्थिक जुर्माना का प्रावधान है।
स्थानीय वोटर बनने के लिए करने होंगे ये उपाय
यदि प्रवासी राज्य के किसी भी क्षेत्र में वोटर बनना चाहते हैं, तो उन्हें पहले फॉर्म-सात भरकर पुरानी जगह से नाम कटवाना होगा। फॉर्म सात ही निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी की ओर से नाम हटने का प्रमाण पत्र होगा। उसी आधार पर नए क्षेत्र में वोटर बना जा सकता है। ऐसा नहीं करने पर वोटर के साथ -साथ सूची में नाम जोडऩे वाले अधिकारी और चुनाव कर्मी पर कार्रवाई हो सकती है।
स्नातक और शिक्षक निर्वाचन को ले मतपेटियों को दुरुस्त करने के निर्देश
प्रमंडल में स्नातक और शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के लिए चुनाव की तैयारियां प्रारंभ कर दी गई है। आयुक्त संजय कुमार अग्रवाल ने बैठक कर मतपेटियों की सर्विसिंग कर दुरुस्त करने के निर्देश दिए। साथ ही चुनाव से संबंधित सभी व्यवस्था पटना जिला के निर्वाचन पदाधिकारी कुमार रवि को करने के लिए कहा गया। गौरतलब हो कि कोरोना काल में बड़ी संख्या में बिहार के बाहर रह रहे लोगों का वापस आना शुरू हो गया है। लिहाजा चुनाव को लेकर नेता अपनों की तलाश करने लगे हैं।