Bihar Politics: बिहार में जिलावार होगा त्रि-स्तरीय पंचायत चुनाव, ईवीएम से मतदान कराएगा आयोग
नामांकन से लेकर मतगणना की प्रक्रिया अधिकतम 27 दिनों में पूरी होगी। बड़ा फायदा यह होगा कि पूरे प्रदेश में आचार संहिता प्रभावी नहीं होगा। चुनाव वाले जिले को छोड़कर शेष जिलों में विकास योजनाएं चलती रहेंगी। चुनाव के एलान से पूरे प्रदेश की सरकारी मशीनरी भी प्रभावित नहीं होगी।
जागरण टीम, पटना। बिहार में त्रि-स्तरीय पंचायत पहली बार जिलेवार होगा। राज्य निर्वाचन आयोग आचार संहिता भी जिलेवार लगाने का कार्यक्रम तैयार कर रहा है। पंचायत चुनाव के इतिहास में पहली बार कई नवाचार की तैयारी है। सरकार के प्रस्ताव पर आयोग ने महज 25 से 27 दिनों के अंदर एक जिले का चुनाव संपन्न कराने का खाका तैयार किया है।
नामांकन से लेकर मतगणना की प्रक्रिया अधिकतम 27 दिनों में पूरी होगी। पहल का बड़ा फायदा यह होगा कि पूरे प्रदेश में आचार संहिता प्रभावी नहीं होगा। चुनाव वाले जिले को छोड़कर शेष जिलों में विकास योजनाएं चलती रहेंगी। चुनाव के एलान से पूरे प्रदेश की सरकारी मशीनरी भी प्रभावित नहीं होगी। अहम यह है कि पहली बार ईवीएम से पंचायत आम चुनाव आयोग पूरे प्रदेश में कराएगा।
ईवीएम की खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। एक जिले में चुनाव संपन्न होने के बाद ईवीएम को दूसरे जिले में भेजा जाएगा। हां, इस बार दस के बजाए आयोग नौ चरणों में पूरे प्रदेश में चुनाव संपन्न कराएगा। महत्वपूर्ण यह है कि ऐसा नहीं होगा की किसी एक प्रमंडल के सभी जिलों में एक साथ चुनाव करा दिया जाए। कोरोना काल को ध्यान में रखते हुए पंचायत चुनाव के लिए विशेष व्यवस्था भी की जा रही है।
ईवीएम में छह पदों का होगा प्रावधान
बैलेट के बजाए पहली बार राज्य निर्वाचन आयोग सभी छह पदों का ईवीएम से चुनाव संपन्न कराएगा। ईवीएम विधानसभा और लोकसभा चुनाव से अलग होगा। मल्टीपल पोस्ट ईवीएम की खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ईवीएम में छह पदों के चुनाव का प्रावधान होगा। एक कंट्रोल यूनिट के साथ छह बैलेट यूनिट जुड़े होंगे। इसमें जिला परिषद सदस्य, मुखिया, सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य और पंच का पद पर मतदान करने का प्रावधान होगा। आयोग ने मार्च से मई के बीच चुनाव कराने का लक्ष्य तय किया है। 15 हजार ईवीएम की खरीद होगी। जून में त्रि-स्तरीय पंचायतों का कार्यकाल पूरा हो रहा है। जिलेवार ईवीएम का चिप सुरक्षित रहेगा।
पांचवां प्रदेश बनेगा बिहार
देश में ईवीएम से पंचायत चुनाव कराने वाला बिहार पांचवां प्रदेश बन जाएगा। अभी तक राजस्थान, हरियाणा, केरल और मध्य प्रदेश में ईवीएम से पंचायत चुनाव कराए जा रहे हैं। ईवीएम से चुनाव कराने के लिए इस बार करीब चार सौ करोड़ रुपये खर्च करना होगा। ऐसे में 2016 के पंचायत चुनाव की तुलना में करीब 150 करोड़ रुपये अधिक खर्च आने का अनुमान है। 2016 के पंचायत चुनावों में सरकार ने 250 करोड़ रुपये खर्च हुए थे।
प्रदेश में इस बार 81 सौ पंचायतों में होगा चुनाव
बिहार में करीब 172 नये नगर निकायों के गठन के कारण इस बार पंचायतों की संख्या कम हो जाएगी। अब पंचायतों की संख्या करीब 81 सौ रहने का अनुमान है। बिहार में फिलहाल 534 प्रखंड, 38 जिला परिषद हैं। 8387 पंचायत है।