चुनावी रणनीति : भाजपा की बैरक में लालू के मोहरे
बिहार के चुनावी महासमर में जीत के लिए सारे जतन किए जा रहे हैं। टिकट बांटने में दोनों गठबंधनों की ओर से जाति बनाम जाति पर अच्छी माथापच्ची की गई है। भाजपा ने लालू के मोहरे से ही उनके महारथियों को घेरने की कोशिश की है।
पटना [अरविंद शर्मा]। बिहार के चुनावी महासमर में जीत के लिए सारे जतन किए जा रहे हैं। जुबानी जंग से लेकर मैदान में मोहरे सजाने तक में दांव-पेंच आजमाए जा रहे हैं। टिकट बांटने में दोनों गठबंधनों की ओर से जाति बनाम जाति पर अच्छी माथापच्ची की गई है।
भाजपा ने लालू के मोहरे से ही उनके महारथियों को घेरने की कोशिश की है। यादव बहुल क्षेत्रों की फील्ड सजाने में भाजपा के रणनीतिकारों ने काफी मेहनत की है। राजद के कई पुराने नेताओं को टिकट देकर मैदान में उतार दिया गया है।
अलीनगर में लालू के वफादार साथी और विधानसभा में राजद विधायक दल के नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी को घेरने के लिए भाजपा ने मिश्रीलाल यादव पर दांव लगाया है।
राजद कोटे से दो बार एमएलसी रह चुके मिश्रीलाल ने महज कुछ ही दिन पहले लालू का साथ छोड़कर भाजपा की सदस्यता ली है। दो महीने पहले विधान परिषद चुनाव में लालू ने उन्हें दरभंगा से प्रत्याशी भी बनाया था। वही मिश्रीलाल अब लालू के मजबूत साथी के सामने ताल ठोक रहे हैं।
लालू के दूसरे मजबूत साथी प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे के लिए भी भाजपा ने राजद से ही प्रत्याशी तलाशा है। यादव बिरादरी की गायत्री देवी को यहां से भाजपा का उम्मीदवार बनाया गया है। इनके पति राजद के टिकट पर इसी क्षेत्र को प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।
भाजपा ने लालू प्रसाद के पुत्र और राघोपुर के राजद प्रत्याशी तेजस्वी यादव के लिए भी अच्छी फील्ड सजाई है। भाजपा ने यहां से सतीश कुमार को प्रत्याशी बनाया है। सतीश ने जदयू के टिकट पर 2010 में राबड़ी देवी को हराया था। पर्चा दाखिल करने से पहले वह युवा राजद के प्रदेश महासचिव थे। अब बेटे को टक्कर दे रहे हैं।
मनेर में लालू के खास विधायक भाई वीरेंद्र को घेरने के लिए भाजपा ने यादव जाति के श्रीकांत निराला को प्रत्याशी बनाया है। श्रीकांत निराला समाजवादी नेता नगीना राय के पुत्र हैं और पहले राजद के टिकट पर ही विधायक हुआ करते थे।
इसी तरह मढ़ौरा क्षेत्र में भाजपा ने पिछली बार के परास्त प्रत्याशी लाल बाबू राय को दोबारा मौका दिया है। लालू बाबू की पृष्ठभूमि राजद से जुड़ी है। एक बार वह राजद के टिकट पर विधायक भी रह चुके हैं। फिलहाल यहां से लालू की पार्टी से जीतेंद्र कुमार राय विधायक हैं। पिछली बार भी जीतेंद्र ने लाल बाबू को ही हराया था।
केवटी में पूर्व केंद्रीय मंत्री एमएए फातमी के पुत्र एवं राजद प्रत्याशी फराज फातमी का खेल बिगाडऩे के लिए अमित शाह ने अशोक कुमार यादव को जिम्मेदारी सौंपी है। अशोक भाजपा सांसद हुकुमदेव नारायण के पुत्र हैं। 2010 में भी वह भाजपा के टिकट पर फराज को हरा चुके हैं।
औराई विधानसभा क्षेत्र में यादव बनाम यादव की लड़ाई दिलचस्प होगी। भाजपा विधायक रामसूरत यादव को फिर टिकट थमाया गया है। लालू ने यहां अपनी ही जाति के सुरेंद्र कुमार में फिर भरोसा जताया है। पिछली बार भी सुरेंद्र को जीत नसीब नहीं हुई थी।
भाजपा ने जदयू की भी कुछ बड़ी हस्तियों को लालू के स्वजातीय मोहरे से ही पीटने की कोशिश की है। बेलहर में जदयू प्रत्याशी गिरिधारी यादव के मुकाबले भाजपा ने मनोज यादव को उतारा है। गिरिधारी पहले राजद में थे और बांका लोकसभा क्षेत्र से दिग्विजय सिंह को भी हरा चुके हैं।
इस्लामपुर में पिछली बार राजद के टिकट पर लड़कर हार चुके वीरेंद्र गोप को भाजपा ने जदयू के चंद्रसेन प्रसाद के सामने खड़ा कर दिया है। वीरेंद्र ने टिकट लेने से पहले पार्टी बदली है। चंद्रसेन कुर्मी जाति से हैं। यादव प्रत्याशी देकर भाजपा यहां लालू के आधार वोट में सेंध लगाना चाहती है। झाझा में बिहार सरकार के मंत्री दामोदर रावत को भी परेशान करने के लिए भाजपा ने रवींद्र यादव को सामने खड़ा कर दिया है।