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रेल की रफ्तार से तेज चली चुनावी चर्चा

इलेक्शन एक्सप्रेस यात्री बोले उद्योग को विकसित कर बेरोजगारी की बढ़ती फौज को रोकने की जरूरत -सड़क व बिजली व्यवस्था बेहतर पर शिक्षा क्षेत्र में बहुत कुछ करने की जरूरत --------------

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Nov 2020 01:32 AM (IST)Updated: Mon, 02 Nov 2020 01:32 AM (IST)
रेल की रफ्तार से तेज चली चुनावी चर्चा
रेल की रफ्तार से तेज चली चुनावी चर्चा

चन्द्रशेखर, पटना

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विधानसभा चुनाव को लेकर आम जनता की राय जानने के लिए दैनिक जागरण की टीम रविवार को पटना जंक्शन से ट्रेन में सवार होकर दानापुर तक गई। इस दौरान यात्रियों से उनका मिजाज जाना। कुछ यात्रियों ने महागठबंधन तो कई ने एनडीए को वोट देने की बात कही। रेल की रफ्तार से तेजी से लोगों ने मुद्दों पर बेबाक होकर राय रखी।

यात्रियों ने कहा कि बेरोजगारों की लंबी फौज खड़ी हो गई है। राज्य में उद्योग-धंधे का जाल बिछाना होगा ताकि रोजगार का सृजन हो। वहीं, कुछ यात्रियों ने विकास को ही वोट देने का आधार बताया।

पटना जंक्शन से आरा जा रहीं सौम्या, स्नेहा, रंजीता व मुनमुन ने कहा कि वे लोग चार साल पहले स्नातक कर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी में जुटी हुई हैं। राज्य सरकार की ओर से वैकेंसी नहीं निकाली जाती है। कुछ निकलती भी है तो अनुबंध पर बहाली की शर्त होती है। परीक्षा लेने वाली एजेंसियां गलत प्रश्नों का चयन कर पूरी परीक्षा को ही विवाद में ला देती हैं।

वहीं, बक्सर जा रहीं सुनीता देवी ने कहा कि गांव की महिलाएं वर्तमान सरकार के कामकाज से काफी खुश हैं। लॉकडाउन में भी सरकार की ओर से मुफ्त में राशन व बैंक के खाते में छह हजार रुपये भेजे गए। इतना ख्याल रखने वाली ही सरकार चाहिए।

सब्जी विक्रेता मलमलिया देवी कहती हैं, कोरोना काल में उसका परिवार भूख से बेहाल था। ऐसे में सरकार की ओर से मिले राशन ही सहारा बना। बाद में सरकार की ओर से मिले आर्थिक मदद से उनका व्यापार फिर से चल पड़ा। व्यवसायी राम लगन प्रसाद ने कहा कि बिहार में सड़क व बिजली मामले में काफी काम हुआ है, लेकिन शिक्षा के मामले में काफी निराशा हाथ लगी है। उच्च शिक्षा के लिए आज भी यहां के बच्चे दूसरे राज्यों में जा रहे हैं। बिहार के लाखों मजदूर दूसरे राज्यों में काम कर रहे हैं। अपने यहां उद्योग-धंधे को विकसित किया जाए ताकि प्रशिक्षित कामगारों का पलायन रुक सके। अब ऐसी ही सरकार की उम्मीद की जा रही है, जो रोजगार सृजन पर अधिक ध्यान दे।


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