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लोकसभा चुनाव: स्मार्टफोन है तो आप भी हैं चुनाव आयोग के ‘ऑब्जर्वर’, करें ये काम

चुनाव आयोग ने आगामी लोकसभा चुनाव में हर आदमी को आचार संहिता उल्‍लंघन की निगरानी का अधिकार दे दिया है। इसके लिए क्‍या है प्रक्रिया जानिए इस खबर में।

By Amit AlokEdited By: Published: Mon, 11 Mar 2019 09:47 PM (IST)Updated: Mon, 11 Mar 2019 11:28 PM (IST)
लोकसभा चुनाव: स्मार्टफोन है तो आप भी हैं चुनाव आयोग के ‘ऑब्जर्वर’, करें ये काम
लोकसभा चुनाव: स्मार्टफोन है तो आप भी हैं चुनाव आयोग के ‘ऑब्जर्वर’, करें ये काम

पटना [जेएनएन]। क्या  आप जानते हैं कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद हर आदमी चुनाव आयोग का ऑब्जर्वर बन गया है। चुनाव आयोग ने देश के सभी नागरिकों को आचार संहिता उल्लंघन के मामलों की निगरानी का अधिकार दे दिया है। इसके लिए केवल एक स्माार्टफोन होना चाहिए। स्माोर्टफोन पर 'सी विजिल' ऐप डाउनलोड कर कोई भी आदमी आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की जानकारी चुनाव आयोग को दे सकता है। शिकायत के सौ मिनट के भीतर चुनाव आयोग कार्रवाई कर इसकी सूचना शिकायतकर्ता को दे देगा।

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'सी विजिल' मोबाइल ऐप लांच

चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के पहले 'सी विजिल' नामक मोबाइल ऐप लांच किया है। किसी भी स्माेर्टफोन पर इसे डाउनलोड कर सीधे चुनाव आयोग से जुड़ना संभव हो गया है। आयोग ने यह कदम आदर्श आचार संहिता को प्रभावी ढंग से लागू कराने के लिए उठाया है।

घर-घर खुलीं आयोग की आंखें

इस ऐप के माध्यम से घर-घर व गली-गली चुनाव आयोग की आंखें रहेंगी और कुछ भी गलत कर बचना असंभव हो जाएगा। आयोग का मानना है कि हर जागरूक नागरिक चुनाव को लेकर अपनी जिम्मेदारी निभाएगा।

ऐप को ऐसे कर सकते डाउनलोड

भारत के लोग चुनाव आयोग के इस ऐप को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। कोई व्यक्ति अगर ऐप पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी नहीं देना चाहे तो उसका ऑप्शन भी है।

इन मामलों की करें शिकायत

इस ऐप के माध्यम से चुनाव प्रभावित करने वाली किसी भी गतिविधि की सूचना दी जा सकती है। अगर कोई पैसा, गिफ्ट या शराब बांट रहा हो तो इसकी जानकारी दी जा सकती है। बिना अनुमति के पोस्टर-बैनर लगाने या हथियार के प्रदर्शन की भी सूचना दी जा सकती है। ऐप के माध्यिम से पेड न्यूज, किसी संपत्ति के दुरुपयोग तथा बगैर अनुमति वाहनों का काफिला लेकर घूमने की भी जानकारी दी जा सकती है।

ऐप से आचार संहिता उल्लंघन के किसी भी मामले की जानकारी दी जा सकती है। संबंधित तस्वीर व वीडियो भी भेजे जा सकते हैं।

ऑन रखें मोबाइल का जीपीएस

यह ऐप पूरी तरह जीपीएस आधारित है, इसलिए मोबाइल का जीपीएस ऑन रहना चाहिए। संबंधित स्थान से ही फोटो या वीडियो भेजना संभव है। पहले से रखी पुरानी तस्वीर या वीडियो भेजना संभव नहीं है। ऐप के माध्यम से एक बार में एक तस्वीर या दो मिनट का वीडियो भेजना संभव है।

सौ मिनट में होगी कार्रवाई

ऐप पर वीडियो या फोटो अपलोड करते ही वह सीधे संबंधित क्षेत्र के फ्लाइंग स्क्वायड के पास चला जाएगा। 15 मिनट में वह टीम को मौके पर पहुंच जाएगी और सौ मिनट के भीतर कार्रवाई हो जाएगी।


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