Move to Jagran APP

दुर्लभ बोआ सांप की तस्‍करी करते आठ गिरफ्तार, मर्दाना ताकत बढ़ाने में आता काम

बिहार के नवादा में दुर्लभ प्रजाति का बोआ सांप मिला है। इसे दो करोड़ रुपये में बेचा जाना था। बोआ को सामान्‍य बोलचाल में दो-मुहां सांप भी कहा जाता है।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 08 Dec 2019 04:00 PM (IST)Updated: Mon, 09 Dec 2019 09:30 PM (IST)
दुर्लभ बोआ सांप की तस्‍करी करते आठ गिरफ्तार, मर्दाना ताकत बढ़ाने में आता काम
दुर्लभ बोआ सांप की तस्‍करी करते आठ गिरफ्तार, मर्दाना ताकत बढ़ाने में आता काम

पटना [जेएनएन]। बिहार के नवादा में तस्‍करी के लिए ले जाए जा रहे दुर्लभ प्रजाति के बोआ सांप (Boa Snake or Red Sand Boa Snake) व उसके बच्‍चे को बरामद किया गया है। इस सिलसिले में एक सपेरे सहित आठ तस्‍करों (Smugglers) को गिरफ्तार किया गया है। उन्‍होंने बताया है कि बोआ सांप व उसके बच्‍चे की कीमत दो करोड़ (Two crores) रुपये मिलने वाले थे।

loksabha election banner

बताया जाता है कि इस सांप की उपयोग कैंसर (Cancer), मर्दाना ताकत (Man Power) बढ़ाने तथा जोड़ों के दर्द (Pain) की दवाओं में किया जाता है। इसके चमड़े का उपयोग पर्स (Purse), हैंडबैग (Hand Bag), जैकेट (Jacket) एवं कॉस्‍मेटिक्‍स (Cosmatics) आदि बनाने में भी किया जाता है।

बोआ सांप की तस्‍करी में आठ गिरफ्तार

मिली जानकारी के अनुसार नवादा के सिरदला में नवादा जिले के उग्रवाद प्रभावित सिरदला थाना क्षेत्र में सांप पकड़कर बेचने का धंधा करने वाले एक सपेरा सहित आठ लोगों को अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से एक बोआ सांप व उसका बच्‍चा एक अजगर, एक कोबरा तथा अन्य कई सांप बरामद किए गए हैं।

दो करोड़ रुपये में हो चुका था सौदा

पकड़े गए लोगों ने सांपों की तस्‍करी के बड़े रैकेट का खुलासा किया है। उनके अनुसार बोआ सांप व उसके बच्‍चे को दो करोड़ रुपये में बेचा जाना था।

बोलचाल में कहा जाता दो-मुहां सांप

बोआ सांप सामान्‍य बोलचाल में दो-मुहां सांप भी कहा जाता है। यह विश्‍व के विशाल सांपों में से एक होता है। यह चूहा, गिलहरी, खरगोश, मेढक आदि को भोजन बनाता है।  अनाकोंडा (Enakonda) की तरह इसकी आंखें सिर पर होती हैं। यह बालू (Sand) में छिपकर रहता है। बालू से सिर निकालकर यह शिकार के आने का इंतजार करता है तथा उसके आते ही पकड़ लेता है।

भारत में पायी जीती खास प्रजाति

इस सांप की अलग-अलग प्रजातियां उत्तरी अमेरिका (North America), यूरोप (Euripe), उत्तरी अफ्रीका (South Africa) और एशिया (Asia) के कुछ हिस्सों में पाई जाती हैं। इसकी एक प्रजाति मुख्य रूप से अफ्रीका (Africa) और भारत (India) में पाई जाती है। नवादा में बरामद सांप इसी खास प्रजाति का है।

कैंसर व यौन दवाओं के निर्माण में उपयोग

इस सांप का इस्तेमाल कैंसर की दवा बनाने में होता है। मर्दाना ताकत बढ़ाने की दवाओं में भी इसका इस्‍तेमाल होता है। जोड़ों के दर्द की दवा बनाने में भी इसका उपयोग किया जाता है। इसका उपयोग अन्‍य कई तरह की दवाओं के निर्माण में भी उपयोग होता है। इसके चमड़े से पर्स, हैंडबैग, जैकेट एवं कॉस्‍मेटिक्‍स आदि बनाए जाते हैं। इस सांस से नशीले पदार्थ व महंगे परफ्यूम भी बनाए जाते हैं।

मलेशिया में इस सांप से जुड़ा ये अंधविश्‍वास

मलेशिया में इस सांप से जुड़ा एक  अंधविश्‍वास भी है। वहां मान्‍यता है कि यह किसी इंसान की किस्मत चमकाने में मददगार होता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.