सोगरा मदीना लुट गया, बाबा तेरा मारा गया
कर्बला के लिए जाते समय हजरत इमाम हुसैन अपनी पुत्री फातिमा सोगरा को मदीने में छोड़कर गए थे।
पटना सिटी । कर्बला के लिए जाते समय हजरत इमाम हुसैन अपनी पुत्री फातिमा सोगरा को मदीने में छोड़ गए थे। कर्बला की जंग में हजरत इमाम हुसैन के साथ 72 लोगों की हुई शहादत के बाद जब लुटा काफिला मदीना पहुंचा, तो लोगों ने उनकी पुत्री से कहा था कि सोगरा मदीना लुट गया, बाबा तेरा मारा गया। इसी मार्मिक संदर्भ में शनिवार को सोनानी यानी नौहा पढ़ा गया। बावली इमामबाड़ा से दोपहर में अंजुमन ए हुसैनिया द्वारा चुप ताजिया निकाला गया। इसमें बड़ी संख्या में शामिल हजरत इमाम हुसैन के चाहने वाले कर्बला की जंग और बाद के हालात से जुड़ा नौहा पढ़ रहे थे। चुप ताजिया अशोक राजपथ के रास्ते पश्चिम दरवाजा होते हुए नौजर कटरा इमामबाड़ा पहुंचा।
मौलाना अमानत हुसैन ने बताया कि जारी दो महीना आठ दिनों का शोक शनिवार को समाप्त हो गया। रविवार से शिया समाज के लोग ईद-ए-जहरा मनाएंगे। सभी नये-नये कपड़े और महिलाएं चूड़ियां पहनेंगी। मीठे और अच्छे पकवान खाकर लोग सामान्य जीवन गुजारना शुरू कर देंगे। सभी शुभ कार्य शुरू हो जाएंगे। नौहा पढ़ते इमामबाड़ा तक ले गए ताबूत
इस अवसर पर अंजुमन ए अब्बासिया द्वारा अलविदाइया मजलिस आयोजित की गई। लखनऊ के मौलाना अली रिजवान ने तकरीर की। उन्होंने कर्बला से काफिला के मदीना लौटने के दृश्य का वर्णन किया। इसके बाद ताबूत बरामद हुआ। यहां से ताबूत के फूल को लेकर अकीदतमंद नौहा पढ़ते और मातम करते हुए नौजर कटरा इमामबाड़ा तक गये। वहां ताबूत के फूल को दफन किया गया। चुप ताजिया के साथ चल रहे हर उम्र के लोग गम में डूबे थे। सीनाजनी कर नौहा पढ़ रहे थे। शाम में यह धार्मिक आयोजन समाप्त होने के बाद शिया समाज के लोगों ने एक-दूसरे को कल मनाई जाने वाली ईद ए जहरा की मुबारकबाद दी। चुप ताजिया के आयोजन में शाह सरवर इमाम, जौहर इमाम, मशक्कोर मखदूमी, डॉक्टर सिकंदर अली खां, मुश्ताक हुसैन, मौलाना असद रजा समेत अन्य सक्रिय थे।