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पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद बिहार के शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी का इस्तीफा, भ्रष्टाचार के हैं आरोप

बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने इस्तीफा दे दिया है। मेवालाल पर सबौर कृषि विश्वविद्यालय में 161 सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति में फर्जीवाड़े का आरोप है। मेवालाल बिहार सरकार के तीसरे ऐसे मंत्री हैं जिन्होंने भ्रष्टाचार के आरोप में पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद इस्तीफा दिया है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 19 Nov 2020 03:33 PM (IST)Updated: Thu, 19 Nov 2020 11:28 PM (IST)
पदभार ग्रहण करने के तुरंत बाद बिहार के शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी का इस्तीफा, भ्रष्टाचार के हैं आरोप
पदभार ग्रहण करने के बाद मीडिया से बात करते मेवालाल चौधरी।

पटना, जेएनएन। बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी ने इस्तीफा दे दिया है। गुरुवार को ही 12.00 बजे उन्होंने पदभार ग्रहण किया था। उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। शपथ लेने से एक दिन पहले मेवालाल ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने सबकुछ ठीक होने की बात कही थी। गुरुवार को पदभार संभालने के बाद वे दोबारा सीएम नीतीश कुमार से मिले थे और इसके बाद दोपहर में इस्तीफा दे दिया। अब शिक्षा विभाग का कार्यभार अशोक चौधरी को दिया गया है। बताते चलें कि मेवालाल चौधरी बिहार सरकार के तीसरे ऐसे मंत्री हैं, जिन्होंने भ्रष्टाचार के आरोप में काम करने के तुरंत बाद इस्तीफा दिया है। इसके पहले जीतन राम मांझी और परिवहन मंत्री के रूप में कामकाज संभाले आरएन सिंह ने पदभार ग्रहण करने के बाद इस्तीफा दे दिया था।

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बिहार कृषि विवि में भ्रष्टाचार के आरोप

सन 2012 में सबौर कृषि विश्वविद्यालय में 161 सहायक प्राध्यापकों की नियुक्ति में फर्जीवाड़ा सामने आया था। योग्य अभ्यर्थियों को नजरअंदाज कर अयोग्य की भर्ती करने के आरोप लगे थे। भर्ती प्रक्रिया में धांधली का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) पास किए बिना भी नौकरी दे दी गई थी। जिस समय यह धांधली हुई थी उस समय मेवालाल विश्वविद्यालय के कुलपति थे। नियुक्ति में पात्रता और प्रावधानों की अवहेलना के आरोप लगे थे। आरोप यह भी है कि जिनका एकेडमिक रिकॉर्ड बेहतर था, उन्हें साक्षात्कार के लिए आवंटित 10-10 अंकों में कम नंबर देकर छांट दिया गया और कमजोर अभ्यर्थियो को पूरे मार्क्स देकर अवैध तरीके से नियुक्त कर लिया गया था। इस धांधली के खिलाफ अभ्यर्थियों ने सूचना के अधिकार के तहत मेधा सूची निकाली तो मामले का पर्दाफाश हुआ। पीएम तक से शिकायत की गई, जिसके बाद मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्कालीन राज्यपाल रामनाथ कोविंद से रिपोर्ट मांगी गई। राज्यपाल द्वारा एक्शन लेने के बाद जांच आगे बढ़ी।

मुझ पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियादः मेवालाल

इधर, मंत्री पद संभालने के बाद आरोपों से घिरे मेवालाल ने सफाई दी थी। उन्होंने कहा था कि मुझ पर लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद हैं। मैं भ्रष्टाचार के किसी भी मामले में संलिप्त नहीं रहा हूं। उन्‍होंने यह भी कहा था कि अभी तक उन पर किसी भी मामले में कार्रवाई नहीं हुई है, ऐसे में उन्हें कैसे आरोपित बताया जा रहा है। 

ट्विटर पर वायरल हुआ वीडियो

मेवालाल का ट्विटर पर एक पुराना वीडियो भी वायरल हो रहा है। इसमें वे झंडोतोलन के बाद राष्ट्रगान गाते नजर आ रहे हैं। वीडियो में मेवालाल चौधरी राष्ट्रगान की सही पंक्तियां नहीं गा पा रहे हैं। कांग्रेस चुनाव अभियान समिति और विधान परिषद सदस्य प्रेमचंद्र मिश्रा ने खुद अपने ट्विटर अकाउंट से इस वीडियो को अपलोड किया है। 


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