Education in Patna: पीएम रिसर्च फेलोशिप का लाभ अब मान्यता प्राप्त संस्थानों के शोधार्थी को भी
Education in Bihar केंद्र सरकार ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग को लिखी चिट्ठी नियमों में बदलाव के बाद किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान या विश्वविद्यालय से विज्ञान और प्रौद्योगिकी में डिग्री कोर्स की पढ़ाई करने वाले छात्र ले सकेंगे योजना का लाभ
पटना, जेएनएन। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा में शोध को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री रिसर्च फेलोशिप स्कीम का दायरा बढ़ा दिया गया है। इसका लाभ अब किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान या विश्वविद्यालय से विज्ञान और प्रौद्योगिकी में डिग्री कोर्स की पढ़ाई करने वाले छात्र ले सकेंगे। इस संबंध में शिक्षा मंत्रालय ने बिहार सरकार को पत्र के जरिये इसकी जानकारी दी है। विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने केंद्र के पत्र का हवाला देते हुए बताया कि अब इनमें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में ग्रेजुएट व मास्टर डिग्री कोर्स करने वाले देश के किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान के विद्यार्थियों को लाभ मिल सकेगा। इसका फायदा आगे पढ़ाई के लिए इच्छुक आर्थिक रूप से कमजाेर छात्र-छात्राओं को ज्यादा होगा। सरकार से इस फैसले से युवाओं के काफी खुशी है।
विद्यार्थियों व संस्थानों की मांग को लेकर केंद्र सरकार ने किया बदलाव
विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि विद्यार्थियों और संस्थानों की मांग को देखते हुए केंद्र सरकार ने अप्रैल 2020 में वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से इस योजना से जुड़े कई अहम बदलावों के बारे में जानकारी दी थी। इस बदलावों में फिलहाल जो सबसे अहम है, उनमें गेट में न्यूनतम 750 अंको को हासिल करने की पात्रता को घटाते हुए अब 650 अंक कर दिया गया है। साथ ही न्यूनतम सीजीपीए (कम्यूलेटिव ग्रेड प्वाइंट एवरेज) को भी आठ कर दिया गया है। जो पहले न्यूनतम 8.5 सीजीपीए का था।
दायरा बढ़ाये जाने से अधिक प्रतिभागी ले सकेंगे योजना का लाभ
इसके साथ ही अब इनमें विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में ग्रेजुएट व मास्टर डिग्री कोर्स करने वाले किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान के मेधावी विद्यार्थियों को मौका मिलेगा। अभी तक इनमें सेंट्रल यूनिवर्सिटी के साथ आइआइएससी, आइआइटी, आइआइएसइआर, आइआइईएसटी, ट्रिपल आइटी और नेशनल रैकिंग में जगह बनाने वाले एनआइटी के ही विद्यार्थी इस रिसर्च फेलोशिप स्कीम का लाभ ले सकते थे।