Move to Jagran APP

बिहार-झारखंड में साइबर अपराधियों के खिलाफ जल्‍द शुरू होगा संयुक्‍त अभियान, कोरोना काल में बढ़ी शिकायतें

Cyber Crime in Bihar and Jharkhand बिहार में ईओयू के एडीजी नैयर हसनैन खान ने कहा कि ऑक्सीजन सिलेंडर जीवनरक्षक दवाओं से लेकर इंजेक्शन के नाम पर जालसाजी करने वाले बच नहीं पाएंगे। ऐसे लोगों को लगातार गिरफ्तार किया जा रहा है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Wed, 19 May 2021 12:12 PM (IST)Updated: Wed, 19 May 2021 12:44 PM (IST)
बिहार-झारखंड में साइबर अपराधियों के खिलाफ जल्‍द शुरू होगा संयुक्‍त अभियान, कोरोना काल में बढ़ी शिकायतें
साइबर अपराधों में खिलाफ बिहार-झारखंड में शुरू होगा संयुक्‍त अभियान। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। कभी बैंक अधिकारी बनकर ओटीपी पूछकर खाते से रकम उड़ाना तो कभी लकी ड्रा के नाम पर ठगी। वहीं, कोरोना काल में ऑक्सीजन सिलेंडर, इंजेक्शन से लेकर बेड दिलाने के नाम पर ठगी करने के मामलों ने पुलिस को परेशान कर रखा है। ऐसे जालसाजों के खिलाफ बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) लगातार कार्रवाई कर रही है। पिछले एक माह में तीन दर्जन से अधिक जालसाजों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनके बैंक खातों को भी फ्रीज किया गया।

loksabha election banner

छानबीन में पता चला कि इस गिरोह में कई लोग शामिल हैं, जिन्होंने बिहार के तीन जिलों और झारखंड के जामताड़ा, देवघर से लेकर दोनों राज्य के सीमा क्षेत्र में ठिकाना बनाया है। इनकी पहचान के बाद बिहार की ईओयू अब नकेल कसने की रणनीति बनाने में जुट गई है। जल्द ही ईओयू कोऑर्डिनेशन कमेटी तैयार करेगी। साथ ही झारखंड की ईओयू से संपर्क कर ज्वाइंट ऑपरेशन शुरू करेगी।

अधिकांश मामलों में चार जिलों के नाम

बिहार सहित अन्य राज्यों में जैसे ही साइबर क्राइम का मामला आता है, उनमें ज्यादातर में नवादा, शेखपुरा और झारखंड के देवघर व जामताड़ा का नाम जुड़ जाता है। इन जिलों में सक्रिय जालसाजों ने कई राज्यों की पुलिस को परेशान कर रखा है। वहीं बिहार के पटना, नालंदा, गया, नवादा, शेखपुरा और जमुई में जालसाजी के सबसे अधिक मामले अभी सामने आ रहे हैं।

एक माह में 500 से अधिक लोगों से लाखों की ठगी

कोरोना काल में पटना में बैठे साइबर जालसाजों ने ऑक्सीजन सिलेंडर, इंजेक्शन और अन्य दवा दिलाने के नाम पर सबसे अधिक ठगी दिल्ली में कोरोना संक्रमित मरीजों के स्वजनों से की। दिल्ली स्पेशल सेल थाने में 23 अप्रैल को ऑक्सीजन, इंजेक्शन दिलाने के नाम पर दर्जनों लोगों के साथ ठगी का केस दर्ज हुआ था। जांच हुई तो गिरोह के तार बिहार से जुड़ गए। दिल्ली पुलिस ने बिहार की ईओयू से संपर्क किया। ईओयू छानबीन के बाद अब तक इस मामले में संलिप्त बाढ़, बख्तियारपुर, दानापुर से छह जालसाजों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनके पास से बैंक पास बुक भी बरामद हुई। इनके खातों में कई लोगों ने 2500 से लेकर 80 हजार रुपये तक ट्रांसफर किए थे।

कोरोना संक्रमितों के स्‍वजनों से ठगी

जालसाज कोरोना संक्रमितों के स्वजनों से इंजेक्शन और ऑक्सीजन दिलाने के नाम पर एडवांस में रकम मांगते थे, फिर मोबाइल नंबर बंद कर देते थे। इन सभी के अकाउंट में करीब 45 लाख रुपये मिल चुके हैं। सूत्रों की मानें तो इस गिरोह में बिहार, झारखंड के और कई जालसाज शामिल हैं। गिरोह सिर्फ दिल्ली ही नहीं, पटना, यूपी, राजस्थान, महाराष्ट्र के लोगों के साथ भी ठगी कर चुका है। विदेश में बैठे लोग भी ठगी का शिकार बने हैं।

बंगाल का नंबर, बिहार से ऑपरेशन, निशाने पर दिल्ली वाले

दिल्ली पुलिस की साइबर सेल और बिहार ईओयू की जांच में कई और चौंकाने वाली बातें सामने आईं। दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने ठगी करने वाले 900 से अधिक नंबरों को ब्लॉक करा दिया। इनमें 70 फीसद नंबर बंगाल से लिए गए थे, लेकिन उन्हें बिहार और झारखंड से ऑपरेट किया जा रहा था। सूत्रों की मानें तो पश्चिम बंगाल में बाकायदा सिम कार्ड और एक सादा हैंडसेट जालसाजों को तीन हजार से छह हजार रुपये में बेचा जाता है। साथ ही रुपये लेकर फर्जी नाम-पते पर खुले बैंक अकाउंट नंबर भी उपलब्ध करा दिया जाता है। ऐसे में अब साइबर टीम तकनीकी जांच और जाल बिछाकर ऐसे जालसाजों को दबोचने में जुट गई है।

कहते हैं अधिकारी

बिहार में ईओयू के एडीजी नैयर हसनैन खान ने कहा कि ऑक्सीजन सिलेंडर, जीवनरक्षक दवाओं से लेकर इंजेक्शन के नाम पर जालसाजी करने वाले बच नहीं पाएंगे। ऐसे लोगों को लगातार गिरफ्तार किया जा रहा है। बिहार और झारखंड के कुछ जिलों का नाम सामने आया है, जहां जालसाज सक्रिय हैं। फिलहाल ईओयू की टीम लगातार दबिश दे रही है। झारखंड पुलिस से संपर्क कर ज्वाइंट ऑपरेशन के लिए प्लान तैयार किया जाएगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.