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बिहार में दो एसपी सहित 40 अफसरों पर दर्ज हो सकती है प्राथमिकी, बालू के खेल में जांच की गति तेज

Illegal Sand Mining in Bihar बालू के खेल में निलंबित कई अफसरों पर जल्द होगी प्राथमिकी अब तक चार अफसरों के खिलाफ मिल रहे प्रमाण साक्ष्य-गवाहों की सूची हो रही तैयार आय से अधिक संपत्ति का मामला मिलने पर होगी छापेमारी

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Tue, 31 Aug 2021 07:42 AM (IST)Updated: Tue, 31 Aug 2021 07:42 AM (IST)
बिहार में दो एसपी सहित 40 अफसरों पर दर्ज हो सकती है प्राथमिकी, बालू के खेल में जांच की गति तेज
बिहार में बालू के काले खेल के खिलाफ जांच तेज। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। Illegal Sand Mining in Bihar: बालू के अवैध खनन में निलंबित अफसरों की संपत्ति की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) जल्द ही कई पुलिस और प्रशासनिक अफसरों पर प्राथमिकी दर्ज कर सकती है। ईओयू सूत्रों के अनुसार, फिलहाल अफसरों की संपत्ति जांच में साक्ष्य और गवाहों की सूची तैयार की जा रही है। उनकी संपत्ति का आकलन कर इसका मिलान उनकी वास्तविक आय से किया जा रहा। आयकर और निवेश के कागजात भी देखे जा रहे। इस प्रक्रिया में समय लग रहा है। शुरुआती जांच में आधा दर्जन से अधिक पुलिस और प्रशासनिक पदाधिकारियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति होने का अनुमान है। ठोस सबूत मिलने के बाद पहले इनके विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज होगी, इसके बाद छापेमारी की जाएगी।

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एक बनाम एक की तर्ज पर जांच

ईओयू सूत्रों के अनुसार, जांच टीम में फिलहाल 42 पुलिस पदाधिकारी लगाए गए हैं। हर अफसर की जांच के लिए ईओयू के एक पदाधिकारी को जिम्मेदारी दी गई है। यानी एक अफसर बनाम एक जांच अधिकारी की तर्ज पर जांच की जा रही है। एडीजी स्तर के अधिकारी पूरे मामले की लगातार मानीटरिंग कर रहे हैं। ईओयू इस मामले में आय से अधिक संपत्ति मामले के विशेषज्ञ व कानूनविदों की भी मदद ले रही है। जरूरी हुआ तो अधिकारियों को पूछताछ के लिए भी बुलाया जा सकता है।

41 अफसरों पर गिरी थी गाज, विभाग ने मांगा है स्पष्टीकरण

बालू के अवैध खनन मामले में पिछले माह 41 पुलिस और प्रशासनिक अफसरों को पद से हटाया गया है। इसमें दो एसपी, चार एसडीपीओ, आधा दर्जन खनन पदाधिकारी, पांच सीओ, तीन एमवीआइ, दो डीटीओ व एक सीओ शामिल हैं। इसके अलावा 14 दारोगा व चार इंस्पेक्टर भी रेंज से बाहर किए गए थे। इन पर विभागीय कार्यवाही भी जारी है। अफसरों से उनपर लगे आरोपों को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया है। कई अफसरों ने जवाब दे दिया है, जबकि कई को जवाब देना है। इसके बाद उन पर विभाग के स्तर से भी कार्रवाई होनी है।


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