India China Tension का बिहार के BSNL 4G नेटवर्क पर ग्रहण, चीनी कंपनी का टेंडर रद करने से काम ठप
भारत चीन तनाव का असर बिहार में बीएसएनएल के 4जी नेटवर्क पर भी पड़ा है। सरकार ने इस काम में लगी चीनी टेलिकॉम मंपनी का टेंडर रद कर दिया है। अब नए सिरे से टेंडर के बाद काम शुरू होगा।
पटना, जेएनएन। भारत-चीन के बीच तनातनी के कारण बिहार के भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के उपभोक्ताओं को 4-जी नेटवर्क पाने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा। दरअसल, बिहार में 4-जी नेटवर्क के विस्तार के लिए जिस कंपनी को ठीका दिया गया था, वह चीन की जेडटीई कंपनी थी। पिछले दिनों भारत-चीन के बीच गलवन घाटी में झड़प हुई तो चीनी कंपनी को काली सूची में डाल टेंडर रद कर दिया गया। अब नए सिरे से टेंडर निकलेगा। इस कारण इसमें सालभर का वक्त लगेगा।
चीनी कंपनी जेडटीई को दिया गया ठेका रद
गौरतलब है कि बिहार के साथ देशभर में बीएसएनएल के 4-जी नेटवर्क के विस्तार के लिए टॉवर लगाने को चीनी कंपनी जेडटीई को निगम ने ठेका दिया था। पहले उसे 3-जी नेटवर्क से जोड़ने का ठेका भी दिया गया था। कम खर्च में सफलतापूर्वक काम पूरा करने पर बीएसएनएल ने पूरे देश में उपभोक्ताओं को 4-जी नेटवर्क से जोड़ने का निर्णय लिया। इसके लिए टेंडर निकला और जेडटीई कंपनी ने क्वालीफाई कर लिया। इसी बीच भारत-चीन के संबंधों में तल्खी बढ़ गई तो टेंडर रद कर दिया गया। दोबारा जब टेंडर निकला तो फिर वही चीनी कंपनी क्वालीफाई कर गई। इस कारण टेंडर फिर रद करना पड़ा। अब नए सिरे से प्रक्रिया की तैयारी शुरू हो गई है।
नई कंपनी को काम शुरू करने में लगेगा समय
बीएसएनएल के बिहार सर्किल के मुख्य महाप्रबंधक जीसी श्रीवास्तव मानते हैं कि बिहार में 4-जी नेटवर्क के विस्तार की योजना शिथिल पड़ गई है। चीनी कंपनी को काम दिया गया था, लेकिन भारत-चीन तनाव के बाद उस कंपनी को काम नहीं देने का निर्णय लिया गया है। अब नए तरीके से टेंडर निकालने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। नई कंपनी को काम शुरू करने में आठ से 10 माह तो लग ही जाएंगे।
क्या है पूरा मामला, डालते हैं नजर
- 2200 नए टॉवर लगाने को चीनी कंपनी जेडटीई को दिया गया था ठीका
- 272 छोटे-बड़े शहरों में 4-जी के 2200 टॉवर लगाने की है योजना
- सभी टॉवरों को 4 जी नेटवर्क में करना है विकसित
- 4 जी या 5-जी नेटवर्क इंस्टाल करने के लिए विश्व में जेडटीई के साथ इरिक्सन व नोकिया तीन ही प्रमुख कंपनियां
- जेडटीई को ब्लैक लिस्टेड करने के बाद अब बचीं केवल प्रमुख कंपनियां
- आगे सितंबर-अक्टूबर तक टेंडर निकलने की संभावना
- टेंडर क्वालीफाई करने के बाद काम शुरू होने में जून तक का लग सकता समय