आखिर क्यों एक किशोरी कहने लगी, मुझे बेचनी है किडनी, खरीदार का पता बताइए, जानें
घर की आर्थिक तंगी से परेशान एक किशोरी पटना की सड़कों पर किडनी बेचने निकल गई। उसने लोगों से मिन्नतें मांगी कि कोई बताए आखिर कहां बिकेगी किडनी जानें मामला।
By Edited By: Published: Fri, 03 May 2019 02:03 AM (IST)Updated: Fri, 03 May 2019 08:55 AM (IST)
पटना, जेएनएन। पिता की मजबूरी और घर की आर्थिक तंगी से आहत 14 वर्षीय किशोरी गुरुवार की शाम किडनी बेचने के लिए पटना आ गई। वह महावीर मंदिर के पास पहुंची और लोगों ने पूछने लगी- 'मुझे किडनी बेचनी है, खरीदने वाले का पता बताइए।' किशोरी को विक्षिप्त समझकर लोगों ने उसे कोतवाली थाने की पुलिस के हवाले कर दिया। थाने पर पुलिसकर्मियों से उसने घर की बदहाली के बारे में बताया और पिता का मोबाइल नंबर दिया। पुलिस की सूचना पर पहुंचे परिजन किशोरी को साथ लेकर घर लौट गए।
डूब गया पिता का व्यापार, हो गए कर्जदार
तारेगना (मसौढ़ी) के रहने वाले मोदी राय का परिवार दो जून की रोटी का मोहताज हो गया है। कारण, मोदी राय का व्यापार डूब गया और उनपर 3.50 लाख रुपयों के कर्जदार बन गए। पढ़े-लिखे भी नहीं हैं। कोई काम-धंधा भी नहीं मिल रहा। कर्ज देने वाले हर रोज घर पर तकादा करते हैं। गालियां देते हैं। मारपीट करने लगते हैं।
कोतवाली आई किशोरी की बड़ी बहन ने बताया कि उसके पिता मोदी राय कोयले का छोटा-मोटा कारोबार करते थे। कारोबार ठप हो रहा था। पिता ने धंधा बढ़ाने के लिए सूद पर एक लाख रुपये लिए। सूद की रकम और मूलधन मिलाकर साढ़े तीन लाख रुपये की देनदारी हो गई। कर्ज देने वाले प्रतिदिन परेशान करते हैं। मोदी यादव की चार बेटियां हैं, जिनमें से दो की शादी हो गई है।
बेटे की तनख्वाह से चलता है घर
मोदी का बेटा शादीशुदा है। उसके भी दो बच्चे हैं। वह बाईपास में किसी निजी कंपनी में सात हजार रुपयों की नौकरी करता है। उसी की तनख्वाह से घर का चूल्हा जलता है, लेकिन परिवार के सभी सदस्यों को दो वक्त का भोजन नहीं मिल पाता। दो बेटियों की शादी भी करनी है। कोई पैतृक संपत्ति नहीं है। ये सब सोचकर मोदी यादव हर दिन खुद को कोसते हैं।
कहीं सुना था किडनी बेचने पर मिलते हैं लाखों
मोदी की छोटी बेटी घर की स्थिति से काफी परेशान थी। उसने कहीं सुना था कि किडनी बेचने से लाखों रुपये मिलते हैं। यही बात उसके दिमाग में बैठ गई थी। गुरुवार की दोपहर वह कोचिंग जाने की बात कहकर निकली थी, लेकिन तरेगना स्टेशन से पटना-गया पैसेंजर ट्रेन पर बैठकर पटना जंक्शन पहुंच गई। कोतवाली थानाध्यक्ष राम शंकर सिंह ने बताया कि किशोरी को उसके घरवालों को सौंप दिया गया।
डूब गया पिता का व्यापार, हो गए कर्जदार
तारेगना (मसौढ़ी) के रहने वाले मोदी राय का परिवार दो जून की रोटी का मोहताज हो गया है। कारण, मोदी राय का व्यापार डूब गया और उनपर 3.50 लाख रुपयों के कर्जदार बन गए। पढ़े-लिखे भी नहीं हैं। कोई काम-धंधा भी नहीं मिल रहा। कर्ज देने वाले हर रोज घर पर तकादा करते हैं। गालियां देते हैं। मारपीट करने लगते हैं।
कोतवाली आई किशोरी की बड़ी बहन ने बताया कि उसके पिता मोदी राय कोयले का छोटा-मोटा कारोबार करते थे। कारोबार ठप हो रहा था। पिता ने धंधा बढ़ाने के लिए सूद पर एक लाख रुपये लिए। सूद की रकम और मूलधन मिलाकर साढ़े तीन लाख रुपये की देनदारी हो गई। कर्ज देने वाले प्रतिदिन परेशान करते हैं। मोदी यादव की चार बेटियां हैं, जिनमें से दो की शादी हो गई है।
बेटे की तनख्वाह से चलता है घर
मोदी का बेटा शादीशुदा है। उसके भी दो बच्चे हैं। वह बाईपास में किसी निजी कंपनी में सात हजार रुपयों की नौकरी करता है। उसी की तनख्वाह से घर का चूल्हा जलता है, लेकिन परिवार के सभी सदस्यों को दो वक्त का भोजन नहीं मिल पाता। दो बेटियों की शादी भी करनी है। कोई पैतृक संपत्ति नहीं है। ये सब सोचकर मोदी यादव हर दिन खुद को कोसते हैं।
कहीं सुना था किडनी बेचने पर मिलते हैं लाखों
मोदी की छोटी बेटी घर की स्थिति से काफी परेशान थी। उसने कहीं सुना था कि किडनी बेचने से लाखों रुपये मिलते हैं। यही बात उसके दिमाग में बैठ गई थी। गुरुवार की दोपहर वह कोचिंग जाने की बात कहकर निकली थी, लेकिन तरेगना स्टेशन से पटना-गया पैसेंजर ट्रेन पर बैठकर पटना जंक्शन पहुंच गई। कोतवाली थानाध्यक्ष राम शंकर सिंह ने बताया कि किशोरी को उसके घरवालों को सौंप दिया गया।
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