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मानकों पर खरा न उतरने के कारण 300 बीएड कॉलेजों पर शिकंजा, जानें शिक्षकों की योग्यता

एनसीटीई ने बिहार में करीब 300 प्राइवेट बीएड कॉलेजों पर शिकंजा कसा है। ये कार्रवाई मानकों पर खरा न उतरने के कारण हुई है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Tue, 11 Jun 2019 09:17 AM (IST)Updated: Tue, 11 Jun 2019 09:17 AM (IST)
मानकों पर खरा न उतरने के कारण 300 बीएड कॉलेजों पर शिकंजा, जानें शिक्षकों की योग्यता
मानकों पर खरा न उतरने के कारण 300 बीएड कॉलेजों पर शिकंजा, जानें शिक्षकों की योग्यता

दीनानाथ साहनी, पटना। नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) ने बिहार में करीब 300 प्राइवेट बीएड कॉलेजों पर शिकंजा कसा है। एनसीटीई के तय मानको पर 80 फीसद ऐसे कॉलेज खरे नहीं उतरते। एनसीटीई ने मानकों के अनुरुप सभी प्राइवेट बीएड कॉलेजों से जानकारी मांगी थी, लेकिन इनमें से करीब 136 कॉलेजों ने रिपोर्ट नहीं दी। इसे गंभीरता से लेते हुए एनसीटीई ने बीएड कॉलेज के संचालन के लिए तय मानकों को सख्ती से लागू करने का निर्देश शिक्षा विभाग को दिया है। साथ ही इस मामले में राजभवन सचिवालय को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।

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कड़े मापदंडो से कॉलेजों के छूटेंगे पसीने

उच्च शिक्षा निदेशालय के एक अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में बीएड कॉलेज खोलने के लिए जमीन के मानक भी एनसीटीई के हिसाब से पूरे करने होंगे। यूनिट के हिसाब से कॉलेजों को मानक पूरे करने हैं, उसके बाद ही संबद्धता मिलेगी। एनसीटीई ने रिपोर्ट नहीं देने वाले 136 प्राइवेट बीएड कॉलेजों की मान्यता रद करने का भी निर्देश दिया है।

एनसीटीई बीएड कॉलेजों का निरीक्षण करेगी : जल्द ही एनसीटीई बीएड कॉलेजों का निरीक्षण करेगी। इससे पूर्व कॉलेजों को एनसीटीई द्वारा तय मापदंडों के अनुरूप नियुक्त स्टाफ का संबंधित यूनिवर्सिटी से अनुमोदन कराना होगा।

शिक्षकों की योग्यता

बीएड कॉलेजों में फाइन आर्ट्स के व्याख्याता के लिए अभ्यर्थी की योग्यता कम से कम मास्टर इन फाइन आर्ट्स एवं पीटीआइ के लिए एमपीएड होना अनिवार्य है। विज्ञान एवं वाणिज्य विषय के व्याख्याताओं के लिए एमएड होना अनिवार्य है। एक वर्ग यानी 50 छात्रों पर 7 शिक्षक होना अनिवार्य है। यानी 100 सीटों पर प्रवेश लेने हैं तो 14 शिक्षक एवं एक प्रिंसिपल होना जरूरी होगा।

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