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नशे में टल्ली युवक बकरी-कुत्ता लेकर पहुंचे अस्पताल, डॉक्टरों से कही एेसी बात, मचा हड़कंप

गोपालगंज जिले के सदर अस्पताल के इमर्जेंसी वार्ड में तब हड़कंप मच गया जब नशे में टल्ली दो युवक बकरी और कुत्ता लेकर पहुंच गए और बेड में लिटाकर कहा-दोनों का इलाज करो।

By Kajal KumariEdited By: Published: Thu, 12 Mar 2020 11:26 AM (IST)Updated: Fri, 13 Mar 2020 03:49 PM (IST)
नशे में टल्ली युवक बकरी-कुत्ता लेकर पहुंचे अस्पताल, डॉक्टरों से कही एेसी बात, मचा हड़कंप
नशे में टल्ली युवक बकरी-कुत्ता लेकर पहुंचे अस्पताल, डॉक्टरों से कही एेसी बात, मचा हड़कंप

पटना, जेएनएन। गोपालगंज जिले के सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में होली के दिन उस समय अफरातफरी मच गयी, जब नशे में टल्ली होकर दो युवक बकरी और कुत्ता को लेकर इमर्जेंसी वार्ड के ड्रेसिंग रूम में पहुंच गए और ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों से कहा कि इनकी तबियत बहुत खराब है इनका इलाज करो। इतना कहकर दोनों ने बेड पर कुत्ता और बकरी को सुला दिया और डॉक्टरों से मरीज को छोड़कर दोनों जानवर का इलाज करने की जिद करने लगे। इसके बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया।

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इसके बाद जब स्वास्थ्यकर्मियों ने जानवरों का इलाज करने से मना किया तो दोनों ड्यूटी पर तैनात डॉक्टरों से उलझ गये। दोनों युवकों की जिद और अस्पताल की स्थिति बिगड़ते देख ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर कैसर जावेद ने जिले के एसपी को फोन कर इसकी जानकारी दी। इस बीच सदर एसडीओ उपेंद्र कुमार पाल, एसडीपीओ नरेश पासवान, नगर इंस्पेक्टर प्रशांत कुमार राय तुरंत ही अस्पताल पहुंच गये। 

पुलिस को आता देख कुत्ता लेकर एक युवक तो फरार हो गया, जबकि, बकरी का इलाज कराने पर अड़े युवक को पुलिस ने हिरासत में ले लिया और पूछताछ के लिए उसे थाने ले गए। पकड़े गये युवक का नाम मुन्ना कुमार बताया गया, जो पुरानी चौक का निवासी है। हालांकि, पुलिस ने बुधवार को पीआर बांड भरवाने के बाद आरोपित युवक को छोड़ दिया।

उधर, डॉक्टरों ने इस तरह के मामले आने पर नाराजगी जताते हुए प्रशासन से कार्रवाई करने की मांग की है।डॉक्टरों का कहना है कि जख्मी हालत में कुत्ता और बकरी को इमरजेंसी वार्ड में लाये जाने और बेड पर सुला दिये जाने से मरीजों में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है, इसीलिए दोनों पर कार्रवाई की जानी चाहिए।

वहीं, डॉक्टरों ने आरोप लगाया और कहा कि होली को लेकर सदर अस्पताल की सुरक्षा के बारे में जिला प्रशासन से अवगत कराया गया था। बावजूद इसके इमरजेंसी वार्ड में विशेष सुरक्षा नहीं थी, जिसके कारण दो बार डॉक्टरों के साथ नोंकझोक और हाथापाई करने की नौबत आ गयी।


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