कोरोना काल में भी पूरा हुआ 'अपना घर' का सपना, लॉकडाउन के दौरान चार हजार ने किया गृह प्रवेश
प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के तहत बने आशियाने में करीब चार हजार गरीबों ने पटना में लॉकडाउन के दौरान ही गृह प्रवेश किया।
श्रवण कुमार, पटना। कोरोना काल में भी गरीबों का 'अपना घर' का सपना पूरा हो रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के तहत बने आशियाने में करीब चार हजार गरीबों ने लॉकडाउन के दौरान ही गृह प्रवेश किया। पटना जिले पर गौर करें तो 2016 से अब तक ग्रामीण इलाकों के 49 हजार 475 गरीबों ने इस योजना से आवास का निर्माण कराया है। योजना में लाभार्थियों को 40-40 हजार रुपये तीन किस्तों में दिए जाते हैं।
वित्तीय वर्ष 2016-17 और 17-18 में तमाम प्रक्रियाएं पूरा कर पटना के 50 हजार 599 ग्रामीणों के लिए प्रथम किस्त की राशि का ट्रांसफर ऑर्डर (एफटीओ) सत्यापित किया गया। उनमें से 39 हजार आवास पूरे कर लिए गए हैं। दो वित्तीय वर्ष में आवास निर्माण का यह अनुपात 76.89 फीसद रहा। 2019-20 में 34 हजार 750 आवास निर्माण के लिए प्रथम किस्त का एफटीओ निर्गत हो चुका है। उनमें से 10 हजार 566 आवासों का निर्माण पूरा कर लिया गया। इस वित्तीय वर्ष में आवास निर्माण की दर 30.41 फीसद है।
तीनों किस्त की राशि लेने के बाद भी पूरे नहीं हुए आवास
योजना की गति धीमी होने की वजह बहुत हद तक लाभार्थियों द्वारा राशि लेकर निर्माण शुरू करना नहीं है। रिपोर्ट के अनुसार प्रथम किस्त लेने के बाद भी 19 हजार 14 लोगों ने छह माह, 11 हजार 110 ने नौ माह और 6 हजार 736 ने एक साल बाद भी कार्य शुरू नहीं किया है। 551 लोगों के आवास तो तीनों किस्त की राशि लेने के बाद भी पूरे नहीं हुए हैं।
निर्माण की गति तेज करने का प्रयास सफल
पटना की उप नगर आयुक्त रिची पांडेय ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गृह निर्माण की गति तेज करने का प्रयास सफल हो रहा है। कोरोना की वजह से गति थोड़ी धीमी हुई थी, लेकिन अब हम लक्ष्य के अनुरूप 80 फीसद तक निर्माण के करीब हैं। कुछ ऐसे मामले हैं, जिसमें राशि लेकर भी गृह निर्माण नहीं कराया गया है। ऐसे लाभुकों पर नीलाम पत्र वाद दायर करने की भी कार्रवाई की जा रही है।