Corona Fighter: दो कोरोना मरीजों को ठीक करने वाले डॉ अजय बोले- डर को जीत लिया तो खुद हार जाएगी बीमारी
बिहार में कोरोना संकट के बीच राहत भरी खबर भी लगातार आ रही है। शुक्रवार तक बिहार में कोरोना वायरस के 31 मरीज सामने आए हैं। लेकिन इनमें से तीन मरीज ठीक भी हो गए हैं।
पटना, जेएनएन। बिहार में कोरोना संकट के बीच राहत भरी खबर भी लगातार आ रही है। शुक्रवार तक बिहार में कोरोना वायरस के 31 मरीज सामने आए हैं। लेकिन इनमें से तीन मरीज ठीक भी हो गए हैं। एक मरीज की पहले ही मौत हो गई है। उसके बाद से ही मौत का कांटा रुका हुआ है। वहीं, ठीक हुए तीन मरीजों में से राहुल और फैयाज के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले कोरोना अस्पताल के नोडल पदाधिकारी सह मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अजय कुमार सिन्हा की बिहार में हर ओर प्रशंसा हो रही है। उन्होंने साफ कहा कि डर को जीत लिया तो कोराेना खुद ही डरकर भाग जाएगा। आपको कोरोना कुछ नहीं बिगाड़ पाएगा।
कोरोना अस्पताल में तैनात हैं डॉ अजय
बिहार के पटना में कोरोना अस्पताल के नोडल पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिन्हा कहते हैं कि अब तक के अनुभव से मैं यह कह सकता हूं कि कोरोना का इलाज दवा से ज्यादा मरीज के आत्मविश्वास पर निर्भर करता है। अगर मरीज ने बीमारी के डर पर जीत हासिल कर ली तो कोरोना खुद हार जाएगा। कोरोना को हराकर घर जाने वाले राहुल और फैयाज के मामले में भी ऐसा ही हुआ। मेरे साथ डॉक्टरों की टीम ने तकनीक का भरोसा दिला कर उनकी सोच को पॉजिटिव किया।
उग्र हो जाते हैं मैक्सिमम मरीज
उन्होंने बताया कि कोरोना पॉजिटिव होने के बाद आइसोलेशन वार्ड में आने वाले ज्यादा मरीज बात-बात पर उग्र हो जाते हैं। हम सबसे पहले उन्हें शांत करते हैं। मैं अपना फोन नंबर दे देता हूं कि किसी भी समय किसी तरह की परेशानी या सहायता की जरूरत हो तो मुझे बेझिझक फोन करें। कोरोना को हराने के लिए मरीज का आत्मविश्वास बढ़ाने को यहां तक कहता हूं कि मुझे और मेरे परिवार को भले ही कोरोना से कुछ हो जाए, लेकिन मैं तुम्हें और तुम्हारे परिवार को कुछ नहीं होने दूंगा।
तैयार किया जाता है मरीज का डाटा
वे कहते हैं कि कोरोना को हराने के लिए इंटरनल गाइडलाइन है। भर्ती होने वाले कोरोना पॉजिटिव व सशंकितों का पहले क्लीनिकल अध्ययन किया जाता है। इनका इतिहास बहुत मायने रखता है। एनएमसीएच के तैयार गाइडलाइन के अनुसार सभी यूनिट इंचार्ज मरीजों का इलाज करने में जुट जाते हैं। विभागाध्यक्ष डॉ. उमाशंकर प्रसाद, डॉ. अजय कुमार सिन्हा, डॉ. सतीश कुमार, डॉ. सङ्क्षचद्र कुमार आस्तिक, डॉ. मुकुल कुमार, डॉ. बी पी आजाद की यूनिटें चल रही हैं।
इन बातों पर दिया जाता है ध्यान
- मरीज किस देश या प्रदेश से लौटा है?
- वह किसी कोरोना पॉजिटिव के संपर्क में तो नहीं आया था?
- उसे पहले से कोई रोग तो नहीं है?
- किस तरह की दवा का पहले से सेवन कर रहा है?
- उसमें निमोनिया के लक्षण कितने गंभीर हैं?
- रोग से लडऩे की क्षमता कितनी मजबूत है?
- हाई रिस्क में है या लो रिस्क में?
चार-पांच दिनों में बन जाएगा एक्सपर्ट का पैनल
कोरोना के पूरी तरह से खात्मे के लिए प्राचार्य डॉ. विजय कुमार गुप्ता, अधीक्षक डॉ. निर्मल कुमार सिन्हा, विभागाध्यक्ष डॉ. उमाशंकर प्रसाद के दिशानिर्देश अनुसार एनएमसीएच में चार-पांच दिनों के अंदर एक्सपर्ट का पैनल तैयार हो जाएगा। टेक्निकल सपोर्ट के लिए वेंटीलेटर मामलों के नोडल पदाधिकारी डॉ. किशोर झुनझुनवाला व अन्य भी इस टीम में होंगे। इसके लिए एडवाइजरी मीटिंग की जा रही है। जल्द ही यह एक्सपर्ट पैनल दीगर अस्पतालों की मदद को तैयार हो जाएगा।
(जैसा नोडल पदाधिकारी सह मेडिसिन विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. अजय कुमार सिन्हा ने रिपोर्टर अहमद रजा हाशमी को बताया)