कुत्ते के इलाज को नहीं मिल रहा था पास, मालिक ने लगा दी मेनका गांधी से गुहार ...जानें फिर क्या हुआ
कोरोना संक्रमण के दौर में लॉकडाउन के दौरान बिहार के बेगूसराय में अपने पालतू जानवर के इलाज के लिए मालिक ने बीजेपी सांसद मेनका गांधी से गुहार लगा दी। लिहाजा मदद भी मिली। जानें मामला।
बेगूसराय, जेएनएन। लॉकडाउन के दौरान अफसरशाही का खामियाजा ना सिर्फ मुनष्यों को भोगना पड़ रहा है बल्कि पशु समेत पशुपालक भी इससे त्रस्त हैं। ऐसे ही एक मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री व लोकसभा सांसद मेनका गांधी की पहल के बाद एसडीओ ने मंझौल के कमला निवासी रॉकी कुमार को अपने कुत्ते को इलाज के लिए पटना ले जाने की अनुमति देते हुए वाहन पास जारी किया है। जबकि इसी मामले में गुरुवार को एसडीओ कार्यालय द्वारा आवेदन अस्वीकृत कर वापस लौटा दिया गया था।
इलाज व सर्जरी की थी जरूरत
बताते चलें कि 11 मई को कुत्ते को मंझौल के प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय द्वार इलाज के लिए पटना स्थित बिहार वेटनरी हॉस्पिटल के सर्जरी व रेडियोलॉजी विभाग रेफर किया गया था। इस संबंध में मंझौल के कमला निवासी शंभू नाथ झा के पुत्र रॉकी कुमार ने बताया कि उनके लैब्राडोर नस्ल के कुत्ते को सर्जरी व इलाज की जरूरत थी। मंझौल स्थित पशु चिकित्सालय से पटना रेफर कर दिया गया, लेकिन कुत्ते को पटना ले जाने के लिए वाहन पास की दरकार हुई जिसके बाद उन्होंने विधिवत ई-पास जारी करने के लिए सदर एसडीओ के यहां आवेदन किया था।
आखिर मिली बेगूसराय से पटना ले जाने की इजाजत
गुरुवार को उक्त आवेदन अस्वीकृत कर लौटा दिया गया, जिसके बाद उन्होंने मेनका गांधी को मेल पर उक्त जानकारी देकर मदद की गुहार लगाई। मेल असरदार रहा और शुक्रवार को एसडीओ कार्यालय से फोन पर पास निर्गत किए जाने की सूचना दी गई और अब वे अपने कुत्ते को इलाज के लिए वाहन से पटना ले जा सकते हैं। एसडीओ ने शनिवार शाम छह बजे तक आवश्यक शर्तों के साथ बेगूसराय से पटना तक आने जाने की अनुमति दी। बताते चलें कि बिहार में बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को देखते हुए सख्ती बरती जा रही है। लॉकडाउन के दौरान बिना पास के किसी को भी आने-जाने की अनुमित नहीं दी जा रही है।