Move to Jagran APP

Bihar Cabinet Expansion: क्‍या जोड़-तोड़ की राजनीति के लिए कैबिनेट में मंत्रियों की पांच सीटें हैं खाली!

बिहार कैबिनेट का बहुप्रतीक्षित विस्‍तार हो गया है। मंत्रिमंडल में सीएम नीतीश के साथ ही 31 सदस्‍य हो गए। अभी भी पांच सीटें खाली हैं। सरकार में संभावनाओं की खिड़कियां अभी बंद नहीं हुई हैं। पढि़ए जोड़-तोड़ की राजनीति पर रोचक स्‍टोरी ।

By Sumita JaiswalEdited By: Published: Tue, 09 Feb 2021 01:59 PM (IST)Updated: Wed, 10 Feb 2021 06:35 PM (IST)
Bihar Cabinet Expansion: क्‍या जोड़-तोड़ की राजनीति के लिए कैबिनेट में मंत्रियों की पांच सीटें  हैं खाली!
सीएम नीतीश कुमार और भाजपा नेता व गृह मंत्री अमित शाह की तस्‍वीर ।

पटना, राज्य ब्यूरो । Bihar Cabinet Expansion कैबिनेट विस्तार के साथ ही राज्य सरकार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) समेत 31 सदस्य हो गए। नियमों के मुताबिक मंत्रियों की संख्या अधिकतम 36 हो सकती है। इस हिसाब से अभी पांच जगह और खाली है। माना जा रहा है कि इसे बाद में जोड़-तोड़ की राजनीति के लिए बचाकर रखा गया है। जदयू ने निर्दलीय सुमित सिंह (Sumit Singh) और बसपा के जमां खान (Jama Khan) को मंत्रिमंडल में शामिल किया है, जबकि लोजपा के एकमात्र विधायक राजकुमार का भी इंतजार है। नीतीश कुमार से उनकी दो-तीन मुलाकात भी हो चुकी है। बात बनने की खबरें भी आ चुकी हैं।

loksabha election banner

पाला बदलने वालों के लिए भी गुंजाइश

इसी तरह रालोसपा प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) की भी नीतीश कुमार से तीन-तीन बार बात-मुलाकात हो चुकी है। जदयू की ओर से दावा किया जा चुका है कि जल्द ही दोनों दल एक होने वाले हैं। जदयू के साथ रालोसपा के विलय की बात कही जा रही है। कुशवाहा ने सार्वजनिक तौर पर हाल में इसका खंडन भी नहीं किया है। जदयू ने जिस तरह से दूसरे दलों से आए नेताओं को कैबिनेट में जगह दी है, उससे माना जा रहा है कि रिक्त रखी गई पांच सीटों को रणनीति के तहत बचाकर रखा गया है। सत्तारूढ़ दल इसका इस्तेमाल भविष्य में कर सकते हैं।

पिछले सप्ताह ही असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी एआइएमआइएम (AIMIM) के बिहार में जीते सभी पांचों विधायकों ने मुख्यमंत्री आवास जाकर नीतीश कुमार से मुलाकात की थी, जिसके बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था। पांचों के पाला बदलने की बात कही जाने लगी थी। बिहार में बसपा के जीते एकमात्र विधायक जमां खान और निर्दलीय सुमित सिंह को राज्य सरकार में शामिल कर नीतीश कुमार ने दूसरे दलों के असंतुष्ट विधायकों को रास्ता दिखाया है और अपनी पार्टी के लिए संभावनाएं भी बचाकर रखी हैं।

यह भी पढ़ें- पहली बार जीते और पार्टी बदल पहुंचे मंत्री पद तक, शाहाबाद क्षेत्र से एकमात्र विधायक जमां खां को मिली जगह


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.