बिहार म्यूजियम में टिकट धांधलीः संग्रह अध्यक्ष की बर्खास्तगी टली, निदेशक की छुट्टी रद Patna News
बिहार म्यूजियम में टिकट धांधली मामले में संग्रहालय निदेशक के अवकाश पर जाने और धांधली में आरोपित पदाधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
पटना, जेएनएन। बिहार म्यूजियम में टिकटों की छपाई में हुई धांधली मामले ने तूल पकड़ लिया है। संग्रहालय निदेशक युसूफ के छुट्टी पर जाने और धांधली में आरोपित पदाधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर तरह-तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है। कला, संस्कृति विभाग के अपर सचिव दीपक आनंद ने बताया कि संग्रह अध्यक्ष मोमिता घोष को सेवा मुक्त करने की खबर गलत है। उनपर विभागीय कार्यवाही चल रही है।
विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह के अनुमोदन पर मोमिता घोष की बर्खास्तगी स्थगित कर दी गई है। छुट्टी पर गए निदेशक युसूफ को तीन दिनों में कार्य पर योगदान देने का आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि कोई भी आदेश या किसी की भी बर्खास्तगी का फैसला विभाग की जांच पूरी होने के बाद ही लिया जाएगा।
उप सचिव का कहना है कि बिहार संग्रहालय के निदेशक युसूफ ने सही तरीके से छुट्टी नहीं ली थी। इस वजह से उनकी छुट्टी को रद करते हुए तीन दिनों के अंदर वापस म्यूजियम आने का आदेश दिया गया है। ज्ञात हो कि बिहार म्यूजियम में टिकटों की बिक्री में धांधली को लेकर दो सितंबर को कोतवाली थाने में एफआइआर दर्ज कराई गई थी। इसमें म्यूजियम के अधिकारियों पर ही धांधली का आरोप लगाया गया था। मामले की गंभीरता को लेते हुए कला, संस्कृति विभाग और बिहार सरकार ने हस्तक्षेप कर मामले की जांच को अपने हाथ में लिया है।
इमरजेंसी में सिर्फ 150 टिकट लिए थे पटना
बिहार म्यूजियम में महंगे दर पर टिकट की छपाई कर धांधली मामले की जांच कर रही कोतवाली पुलिस की जांच में पता चला कि टिकट प्रिंट के लिए टेंडर तिथि तय होने के दो दिन पूर्व कुछ टिकट खरीदारी की गई थी। यह टिकट उसी प्रिंटिंग कंपनी से खरीदी गई थी, जिसका टेंडर तय होने के दिन सबसे कम दर था। टेंडर के लिए पांच कंपनियों ने ई-मेल पर अपनी-अपनी दर भेजी थी। समिति के सदस्यों में पांचों में सबसे कम दर 75 पैसे में टिकट छापने वाली कंपनी को ही टेंडर देने की सहमती बनी थी।
एसएसपी गरिमा मलिक ने कहा कि मामले की जांच एएसपी कोतवाली कर रहे हैं। सभी साक्ष्य एकत्र किए जा रहे है। पूर्व अपर निदेशक जेपी सिंह का कहना है कि दो दिन पूर्व जिस टिकट खरीदारी की बात हो रही है उस समय टिकट खत्म हो गए थे। ऐसे में इमरजेंसी में बच्चों और बड़ों के लिए 150 टिकट लिया गया था। निदेशक युसूफ ने शिकायती पत्र में कहीं भी गबन की राशि या एक ही नंबर के दो या दो से अधिक टिकट की बिक्री का जिक्र तक नहीं किया।
मारपीट के बाद से म्यूजियम में गोलबंदी
पुलिस का दावा है कि अब तक की जांच में वित्तीय अनियमितता की बात सामने नहीं आई है। बिहार म्यूजियम के निदेशक युसूफ ने इस मामले में पूर्व अपर निदेशक सहित संग्रहालय के पांचों पदाधिकारियों पर धांधली का आरोप लगाते हुए कोतवाली थाने में केस दर्ज कर कराया था। पुलिस इन सभी का बयान दर्ज कर चुकी है। पूछताछ के दौरान ही पुलिस को पता चला कि पूर्व में भी अपर निदेशक और निदेशक के बीच किसी बात को लेकर मारपीट हो गई थी।
तब युसूफ का आरोप था कि पूर्व अपर निदेशक ने उन पर कुर्सी फेंक दिया। इसके पूर्व युसूफ ने ही कोतवाली में केस दर्ज कराया था कि संचिका गायब कर दी गई है। जबकि पुलिस की जांच में संचिका म्यूजियम में ही मिली थी। पुलिस सूत्रों की मानें तो बिहार म्यूजियम में अधिकारियों और कर्मियों के बीच कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
इन सवालों का जवाब ढूंढ़ रही पुलिस
अगर एक ही नंबर का टिकट लेकर कई लोग म्यूजियम में आ रहे थे तो हाई सिक्योरिटी सिस्टम से चूक की भनक क्यों नहीं लगी? -टिकट खरीद की जाने वाली संचिका पर भुगतान पर हस्ताक्षर करने वाले निदेशक अब क्यों गलत मंजूरी का आरोप लगा रहे? -टिकट खत्म होने के पूर्व क्या विभाग के निदेशक और अन्य अधिकारियों को इस बात की खबर नहीं थी कि टिकट खत्म हो गया? -टिकट खत्म होने के बाद ही क्यों शुरू हुई टेंडर प्रक्रिया? सबसे कम दर पर टेंडर की बात, फिर ऊंचे दाम में कहां हुआ टिकट प्रिंट?