अधिवक्ताओं के बीच चुनावी चर्चा गरम, राज्य से लेकर देश की जता रहे चिंता
पटना में चुनाव को लेकर हर ओर चर्चा आम हो गई है। युवाओं के साथ वृद्ध भी अपनी पसंद बता रहे हैं। इस पर वकीलों की भी अपनी अलग राय है।
उमाकांत वर्मा, पटना। लोकसभा चुनाव को लेकर वकीलों के बीच भी रोजाना बातें चल निकली हैं। समय मिलते ही राज्य से लेकर देश की चिंता जताई जा रही है। चर्चा के केंद्र में केंद्र से लेकर प्रदेश तक की राजनीति होती है। कहीं स्थानीय उम्मीदवार को लेकर भी बहस गर्म रहती है। पटना सिविल कोर्ट के वकील न्यायिक कार्य से अलग हो गए तो उन्हें चुनावी चर्चा करने का अधिक समय मिल गया। कई अधिवक्ता जिला अधिवक्ता संघ की लाइब्रेरी में जुटे। बैठते ही चुनावी चर्चा में मशगूल हो गये।
जो देगा अधिक समय वोट उसी को देंगे
अधिवक्ता शंभू प्रसाद कहते हैं कि मौजूदा सरकार ने अपने कार्यकाल में अच्छा कार्य किया। देश को विश्व पटल पर लाकर खड़ा कर दिया। अधिवक्ता आनंदी सिंह कहती हैं कि जो प्रत्याशी मेरे क्षेत्र में अधिक समय देगा उसी को वोट दूंगी। अधिवक्ता ललन प्रसाद सिन्हा केंद्र में बहुमत की सरकार चाहते हैं। वे कहते हैं जब केंद्र सरकार मजबूत बनेगी, तभी देशहित में कठोर निर्णय लिया जाएगा।
होगी कांटे की टक्कर
अधिवक्ता अभिजीत इस बात की संभावना जताते हैं कि पटना साहिब लोकसभा सीट पर कांटे की टक्कर होगी। अधिवक्ता गजानंद मिश्र और सुनील मिश्र सरकार के काम से संतोष जताते हैं। अधिवक्ता राजेश्वर प्रसाद सिन्हा का कहना है कि मंहगाई बढ़ी है, लेकिन सरकार से खुश हैं। अधिवक्ता राम आशीष ठाकुर कहते हैं कि जो पिछड़ा वर्ग को न्यायिक सेवा की बहाली में आरक्षण देने की बात करेगा, वे उसी दल को वोट देंगे।
आर्थिक तौर पर हुए हैं मजबूत
अधिवक्ता जगदीश्वर प्रसाद सिंह और इंद्रजीत कुमार का कहना है कि अधिवक्ताओं की कई मांगे हैं जो आज तक किसी सरकार ने पूरी नहीं कीं। अधिवक्ता विनोद कुमार गुप्ता का कहना है कि नोटबंदी से काला धन पर काफी अंकुश लगा, जिससे देश आर्थिक तौर पर मजबूत हुआ। अधिवक्ता विनोद प्रसाद, अमरेंद्र कुमार, अजीत सिंह, कमलेंद्र सिंह आदि का कहना था कि कांग्रेस सरकार इस मायने में अच्छी है कि थाना स्तर पर पुलिस पदाधिकारी को जाति के नाम पर पदस्थापित नहीं किया जाता है।
अधिवक्ता पुष्पा कुमारी और अधिवक्ता रबेका कुमारी कहती हैं सरकार उस पार्टी की चाहिए जो महिलाओं को हर तरह से सुरक्षा दे सके। अधिवक्ता श्याम किशोर सिन्हा कहते हैं कि भ्रष्टाचार पर अंकुश लगा है। वहीं अधिवक्ता दीपक कुमार कहते हैं कि अनेक गांव गोद लिये गये, लेकिन कितने गांवों को इसका लाभ मिला।