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पटना की इस बाइक से पुलिस को कैसा माेह, पता लगाने के लिए लगाई बिहार सूचना आयोग से गुहार

घर से उठाई गई बाइक को लेकर फंसी पुलिस 5 मई 2020 को धनरुआ पुलिस जबरन घर से उठाकर ले गई है शशि रंजन की दो बाइक सूचना के अधिकार में बताया गया कि नदवां से लावारिस हालत में बरामद की गई थी दोनों बाइक

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Wed, 24 Feb 2021 08:00 AM (IST)Updated: Wed, 24 Feb 2021 08:00 AM (IST)
पटना की इस बाइक से पुलिस को कैसा माेह, पता लगाने के लिए लगाई बिहार सूचना आयोग से गुहार
पटना पुलिस से जुड़ा अनोखा मामला आया सामने। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। पटना पुलिस कई बार अपने क्रिया-कलापों से खुद ही अपनी किरकिरी करवाते रहती है। जिले के धनरुआ थाना के नदवां गांव निवासी शशि रंजन कुमार पुलिस द्वारा अकारण जब्त बाइक को छुड़ाने के लिए पिछले 10 माह से पुलिस अधिकारियों के पास चक्कर लगा रहे हैं। थाना स्तर से लेकर एसएसपी व राज्य सूचना आयुक्त तक इस संबंध में अर्जी लगा चुके हैं परंतु न तो उनका अपराध बताया जा रहा है और न ही बाइक की जब्ती की बात कही जा रही है। वरीय अधिकारी बाइक को छोड़ने का निर्देश देते हैं, जिसे थानाध्यक्ष हवा में ही उड़ा देते हैं।

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पांच मई से पुलिस के पास है शशि की बाइक

इस संबंध में पीड़ि‍त शशि रंजन ने बताया कि 5 मई 2020 को उनके घर से पुलिस उन्हें तथा उनकी अपाचे बाइक बीआर01 डीएस 5978 एवं बीआर01डीडब्लू 1141 को जब्त कर थाने ले गई। देर शाम शशि रंजन को छोड़ दिया गया। जब दूसरे दिन बाइक लाने पहुंचे तो उनसे नजराना में मोटी राशि की मांग की गई। जब शशि ने नजराना देने से इनकार किया तब बाइक छोड़ने से मना कर दिया। इसके बाद से वह थाने से लेकर वरीय अधिकारियों के पास चक्कर लगा रहा है।

एसएसपी से गुहार लगाने का भी फायदा नहीं

शशि रंजन ने बताया कि धनरुआ थाना की ओर से एएसआई सच्चिदानंद दास ने 13 जून 2020 को ही डीटीओ को पत्र भेजकर जब्त किए गए दोनों बाइक का पूरा विवरण मांगा था। 20 जून को ही डीटीओ कार्यालय की ओर से दोनों बाइक का पूर्ण विवरण भेज दिया गया था। इसके बावजूद बाइक के बारे में स्थानीय थाना की ओर से शशि रंजन को कोई सूचना नहीं दी गई। एसएसपी उपेन्द्र शर्मा से जब गुहार लगाई तो उन्होंने धनरुआ थाना को एक सप्ताह के अंदर दोनों बाइक को उसके मालिक के हवाले करने का आदेश दिया है। अभी तक पीडि़त को बाइक नहीं सौंपी गई है।

अब राज्‍य सूचना आयोग से लगाई गई है गुहार

इधर, शशि रंजन की ओर से सूचना के अधिकार के तहत जब दोनों गाडिय़ों के संबंध में जिला परिवहन अधिकारी, जिला सूचना अधिकारी, एसएसपी, पुलिस महानिरीक्षक से इस संबंध में जानकारी मांगी गई तो उसे उचित जबाव नहीं दिया गया। अंत में सूचना के लिए उसने राज्य सूचना आयुक्त से 11 जनवरी को इस संबंध में गुहार लगाई है। 


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