डिप्टी सीएम ने माना बिहार में पीएम स्वनिधि योजना का है बुरा हाल, बैंक वेंडर्स को नहीं दे रहे कर्ज
बिहार विधान सभा में डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद ने स्वीकार किया कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का राज्य में बुरा हाल है। इसके तहत 89 हजार आवेदनआए मगर सिर्फ 13 हजार को कर्ज मिला है। क्योंकि बैंकों पर राज्य सरकार की पकड़ नहीं है। यह योजना वेंडर्स के लिए है।
पटना, राज्य ब्यूरो। उप मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री तारकिशोर प्रसाद ने स्वीकार किया कि राज्य में पीएम स्वनिधि योजना की हालत ठीक नहीं है। सरकार ने बैंकों को सख्त आदेश दिया है कि इस योजना के तहत बड़ी संख्या में कर्ज दें।
वे सोमवार को बिहार विधान सभा में ललित कुमार यादव के एक अल्पसूचित प्रश्न का जवाब दे रहे थे। उन्होंने बताया कि योजना के तहत 89 हजार से अधिक आवेदन आए। जांच के बाद 28 हजार 537 आवेदनों को कर्ज देने लायक माना गया। इनमें से 13 हजार 853 आवेदकों को कर्ज दिए गए। यह योजना वेंडर्स के लिए है। राज्य में पंजीकृत वेंडर्स की संख्या एक लाख 53 हजार से अधिक है।
बिहार के बैंक नहीं कर रहे निर्देश का पालन
पूरक के जवाब में उप मुख्यमंत्रीने कहा कि बैंकों पर राज्य सरकार की सीधी पकड़ नहीं है। अन्य माध्यमों से बैंक पर पकड़ बनानी होती है। राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति की बैठक समय से पहले छह मार्च को बुलाई गई थी। उसमें स्वनिधि सहित कई अन्य योजनाओं पर विचार किया गया। बैंकों को हिदायत दी गई कि वे सरकारी योजनाओं के लिए धन दें। भाकपा माले के महबूब आलम ने कहा कि बैंकों पर सरकार की पकड़ नहीं है तो वह कर्ज कैसे दिलाएगी। राजद के अवध बिहारी चौधरी का कहना कि राज्य में कार्यरत बैंक रिज़र्व बैंक के निर्देश का पालन नहीं करते हैं। निर्देश के मुताबिक सभी बैंकों को जमा का 60 प्रतिशत हिस्सा उसी राज्य में कर्ज के तौर पर देना होता है। बिहार में इस निर्देश का पालन नहीं होता है।