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कोरोना काल में खतरनाक हो गया डेंगू, मच्‍छरों से बचें और जमकर पिएं तरल पदार्थ, बरतें ऐहतियात

आजकल मौसम तेजी से बदल रहा है। इधर मच्‍छरों का प्रकोप बढऩे से डेंगू के केस भी खूब सामने आ रहे हैं। किसी को बुखार हो रहा है तो उसे समझना मुश्किल हो जा रहा है कि उसे कोराना हुआ है या डेंगू...

By Bihar News NetworkEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 09:59 AM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 09:59 AM (IST)
कोरोना काल में खतरनाक हो गया डेंगू, मच्‍छरों से बचें और जमकर पिएं तरल पदार्थ, बरतें ऐहतियात
डेंगू से बचाव के लिए बरतें ऐहतियात। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

जेएनएन, पटना। कोरोना काल में डेंगू और खतरनाक हो गया है। दोनों के लक्षण काफी हद तक समान होने के कारण बिना अलग-अलग जांच कराए डॉक्टर भी इनमें अंतर नहीं कर पा रहे हैं। हर दिन अस्पतालों व क्लिनिकों में सैकड़ों लोग गंभीर बदन-सिर दर्द के साथ बुखार की समस्या लेेकर पहुंच रहे हैं। सबसे खतरनाक पहलू यह कि कोरोना की तरह डेंगू भी बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोग से पीडि़त कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों को ज्यादा हो रहा है। ऐसे में डॉक्टर एहतियातन मच्छरों से बचने, जमकर पानी पीने और बिना डॉक्टर की सलाह पारासिटामॉल के अलावा कोई दवा नहीं लेने की सलाह दे रहे हैं।

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कहते हैं डॉक्‍टर: पीएमसीएच के प्रोफेसर डॉ. राजीव कुमार सिंह के अनुसार डेंगू हो या कोरोना, लोगों को जमकर पानी, डाभ जैसे तरल पदार्थ का सेवन करना चाहिए। माइल्ड डेंगू हो या सीवियर डेंगू यदि आप पानी का भरपूर सेवन करेंगे तो जल्द ठीक हो जाएंगे, वहीं कोरोना ज्यादा घातक नहीं होगा।

बच्‍चों में ज्‍यादा मामले: इंदिरा गांधी ह्रदय रोग संस्थान (आइजीआइसी) के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. बीरेंद्र कुमार सिंह के अनुसार इस समय बड़ी संख्या में तेज बुखार पीडि़त बच्चे  आ रहे हैं। इनमें से दर्जनों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। लोग निजी पैथालॉजी में जांच कराते हैं, जहां इसकी पुष्टि हो रही है। 

बुखार हो तो क्या करें :

- सिर्फ पारासिटामोल दवा लें।

- खूब पानी, डाभ पिएं और बढिय़ा आहार लें।

- भरपूर आराम करें। सभी जांच कराएं।

- जांच में रोग की पुष्टि होने पर ही दवा लें।

- ब्रूफेन, एस्प्रिन-डिस्प्रिन नहीं लें, ये खून पतला कर डेंगू को घातक बनाती है 

- स्टेरायड व दर्द निवारक दवाएं कम कर सकतीं प्लेटलेट्स

प्लेटलेट्स घटने पर घबराएं नहीं  :  न्यू गार्डिनियर रोड हॉस्पिटल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि प्लेटलेट््स कई कारणों से कम होते हैं। यही नहीं इनकी संख्या काफी तेजी से बदलती है। आज यह 75 तो कल डेढ़ लाख हो सकती है। यह रोग प्रतिरोधक शक्ति में कमी को दिखाता है, डेंगू नहीं।

इन्हें हो सकता है ऐसा डेंगू :

-बुजुर्ग, छोटे बच्चों

-कमजोर इम्युनिटी वाले लोगों

-मधुमेह के मरीज

-कैंसर के मरीज

-जिनका ट्रांसप्लांट हुआ हो

इस तरह का लक्षण दिखने पर डॉक्टर से लें सलाह : यदि शरीर में दर्द, थकान, भूख ना लगना, हल्का सा रैश, लो ब्लड प्रेशर जैसी समस्या हो और बुखार की हिस्ट्री न हो तो उसे डेंगू हो सकता है। इस तरह के लक्षण मिलने पर तत्काल डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।


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