बिहार में 12 वोटों से पराजित प्रत्याशी ने किया अदालत का रुख, 35 हैं ऐसे जो 3 हजार से कम वोट से हारे
विधानसभा चुनाव में कम अंतर से हारने वाले प्रत्याशी सोमवार से अदालत का रुख करने लगे हैैं। हिलसा विधानसभा क्षेत्र से महज 12 वोटों से पराजित राजद के पूर्व विधायक शक्ति सिंह यादव ने पहल कर दी है।
पटना, जेएनएन। विधानसभा चुनाव में कम अंतर से हारने वाले प्रत्याशी सोमवार से अदालत का रुख करने लगे हैैं। हिलसा विधानसभा क्षेत्र से महज 12 वोटों से पराजित राजद के पूर्व विधायक शक्ति सिंह यादव ने पहल कर दी है। पटना हाईकोर्ट में केस फाइल कर दी है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के प्रसिद्ध वकील अभिषेक मनु सिंघवी की मदद से ड्राफ्टिंग कराई है। उनसे मदद भी मांगी है।
तीन हजार से कम वोटों से हारने वाले प्रत्याशियों की संख्या 35 है, जिनमें से 17 महागठबंधन के हैैं और 18 राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के। राजद ने सबको अलग-अलग केस दर्ज करने की सलाह दी है। राजद के अन्य प्रत्याशी भी तैयारी में हैं। रामगढ़ से राजद के सुधाकर सिंह से हारे बसपा प्रत्याशी अंबिका सिंह यादव भी एक-दो दिनों में अदालत जाने वाले हैैं।
पूर्व विधायक शक्ति सिंह यादव ने की पहल
राजद नेता तेजस्वी यादव ने महागठबंधन के हारे हुए प्रत्याशियों को अपने-अपने स्तर से अदालत का सहारा लेने का निर्देश दिया है, जिसके बाद राजद के पूर्व विधायक शक्ति सिंह यादव ने पहल की है। अदालत जाने वाले प्रत्याशियों को राजद की ओर से तकनीकी मदद भी दिलाई जाएगी। शक्ति को जदयू प्रत्याशी ने महज 12 वोटों से पराजित किया है। राजद नेता ने अपनी याचिका में दावा किया है कि 549 वोटों से जीतने के बावजूद रिटर्निंग अफसर ने उन्हें 12 वोटों से हारा हुआ बता दिया। शक्ति ने दावा किया कि कुल 33 राउंड की गिनती में वह 32 राउंड तक आगे चल रहे थे, किंतु 18 राउंड की गिनती के बाद रिटर्निंग अफसर ने साजिश के तहत टेबलेटिंग में फेरबदल कर दिया। बाद में आपत्ति के बाद पोस्टल बैलेट में भी उन्हें पीछे दिखा दिया गया। शक्ति का दावा है कि डाक मतपत्रों की गिनती में भी वह 17 वोट से आगे थे, मगर अचानक इसमें से 16 वोट रद कर दिए गए। डाक मतपत्रों का रिकार्ड पहले दर्ज होता है, पर उनके मामले में आखिर में किया गया और पीछे दिखा दिया गया।
छह सीटों पर पांच सौ से भी कम से हुआ हार-जीत का फैसला
पांच सौ से कम वोटों से हारने वालों में राजद के शक्ति सिंह यादव के अलावा बरबीघा में कांग्रेस के गजानन शाही भी हैैं। उन्हें सिर्फ 113 वोटों से हार का सामना करना पड़ा है। इसी तरह भोरे में भाकपा माले के जीतेंद्र पासवान को भी महज 462 वोट से हार मिली। राजग में भी ऐसे बहुत उदाहरण हैैं, जिन्हें पांच सौ से कम वोटों से हार मिली है। मटिहानी में जदयू के बाहुबली पूर्व विधायक बोगो सिंह मात्र 333 वोटों से हार गए। डेहरी क्षेत्र में भाजपा के सत्येंद्र नारायण को 464 वोटों से राजद प्रत्याशी ने हराया। रामगढ़ में बसपा प्रत्याशी अंबिका सिंह यादव को महज 189 वोटों से राजद के सुधाकर सिंह ने पराजित किया है।