36 घंटे बाद भी नहीं मिला दीपक, रात भर ऑपरेशन जारी
राजधानी के मोहनपुर-पुनाईचक संप हाउस के नाले में गिरे दस वर्षीय दीपक को ढूंढ़ने के प्रयास रविवार को भी जारी रहे।
पटना । राजधानी के मोहनपुर-पुनाईचक संप हाउस के नाले में गिरे दस वर्षीय दीपक को ढूंढ़ने की कोशिशें रविवार को आधी रात के बाद भी जारी रही। 36 घंटे के बाद भी दीपक का कोई अता-पता नहीं चल सका। संप हाउस और नाले की पूरी तलाशी के बाद अब एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम 30 फीट के ब्लॉक नाले को साफ करने के लिए सड़क की खुदाई कर गड्ढा बना रही है। आधी रात तक एक गड्ढा खोदा जा चुका है, दूसरे गड्ढे की खोदाई जारी है। रेस्क्यू टीम को उम्मीद है कि दीपक इसी ब्लॉक हिस्से में फंसा हो सकता है।
दोपहर बाद छोड़ा नाले में पानी :
बिहार राज्य जल पर्षद के अधिकारी दूसरे दिन भी नाले का नक्शा उपलब्ध नहीं करा सके। सुबह एसडीआरएफ की टीम ने 220 फीट व एनडीआरएफ की टीम ने 60 फीट तक अलग-अलग दिशा में खोजबीन की। मालूम हुआ कि नाले के बीच में 30-40 फीट तक ब्लॉकेज है। ब्लॉकेज को हटाने के लिए रविवार की दोपहर 12:55 बजे संप हाउस से पानी छोड़ा गया। इसके अलावा तीन अलग-अलग स्थानों पर कैचपिट खोलकर जाल लगाया गया ताकि पानी के तेज बहाव से दीपक बहकर जाल तक पहुंच जाए, हालांकि ये प्रयास भी असफल रहे। पानी का बहाव भी ब्लॉकेज समाप्त नहीं कर सका।
दिनभर जमी रही भीड़ :
रेस्क्यू ऑपरेशन देखने को दिनभर संप हाउस के पास लोगों का हुजूम लगा रहा। केंद्रीय राज्य मंत्री रामकृपाल यादव भी पहुंचे। डीएम कुमार रवि, नगर आयुक्त अनुपम कुमार सुमन और बीआरजेपी के एमडी राजेश मीणा ने भी अभियान का जायजा लिया।
मालूम हो कि शनिवार की दोपहर बो¨रग रोड से फल विक्रेता पिता को खाना देकर पुनाईचक स्थित घर लौट रहा दीपक गाय से बचने के लिए मोहनपुर-पुनाईचक संप हाउस के हौज में गिर गया था, जहां से वह मुख्य नाले के अंदर चला गया। घटना के ढाई घंटे बाद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की रेस्क्यू टीम ने ऑपरेशन शुरू किया था। यह नाला बिहार राज्य जल पर्षद (बीआरजेपी) के अधीन है।